बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 9 अक्टूबर। रामानुजगंज नगर और आसपास के क्षेत्रों में जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय को रामानुजगंज से बलरामपुर स्थानांतरित किए जाने की खबर सामने आने के बाद लोगों में विरोध की स्थिति बन गई है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कार्यालय स्थानांतरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में पदभार संभालने वाले डीईओ मनीराम यादव ने कर्मचारियों को मौखिक निर्देश दिए कि वे कार्यालय से संबंधित दस्तावेज, कंप्यूटर और अन्य सामग्री को बलरामपुर कलेक्ट्रेट में स्थानांतरित करें। इस सूचना के प्रसार के बाद नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में असंतोष की स्थिति है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
रामानुजगंज में जिला शिक्षा कार्यालय की स्थापना वर्ष 1976 में मध्यप्रदेश शासन के समय हुई थी। राज्य गठन के बाद भी यह कार्यालय यहीं से संचालित होता रहा। उच्च न्यायालय जबलपुर और बाद में बिलासपुर पीठ ने भी अपने निर्णयों में रामानुजगंज को कार्यालय संचालन के लिए उपयुक्त स्थान बताया था।
पूर्व में भी हुआ था विरोध
वर्ष 2018 में भी कार्यालय को स्थानांतरित किए जाने की कोशिश हुई थी। उस समय नगरवासियों ने सर्वदलीय संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंदोलन किया था। हजारों की भीड़ ने डीईओ कार्यालय को बचाने के लिए प्रदर्शन किया था। तत्कालीन एसडीएम विजय दयाराम के समक्ष हुए वार्ता और उच्चस्तरीय आश्वासनों के बाद स्थानांतरण की प्रक्रिया रोकी गई थी।
अन्य कार्यालय पहले ही जा चुके हैं
रामानुजगंज से पूर्व में वन विभाग (एसडीओ), प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना सहित कुछ अन्य कार्यालय बलरामपुर स्थानांतरित किए जा चुके हैं। जिला गठन के समय यह आश्वासन दिया गया था कि जो कार्यालय रामानुजगंज में संचालित हैं, वे यथावत रहेंगे।
आंदोलन की दी चेतावनी
स्थानीय नागरिकों, व्यापारी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि यदि कार्यालय स्थानांतरण की प्रक्रिया नहीं रोकी गई तो वे आंदोलन करेंगे। नगर के कुछ प्रतिनिधियों ने इसे जनहित के विरुद्ध बताया है।
पृष्ठभूमि में लंबा आंदोलन
बलरामपुर-रामानुजगंज जिला गठन के समय रामानुजगंज में जिला स्तर के कार्यालय खोलने की मांग को लेकर लम्बा आंदोलन हुआ था।
उस दौरान नगर कई दिनों तक बंद रहा और बाद में यह सहमति बनी थी कि कुछ कार्यालय रामानुजगंज में ही रहेंगे। फिलहाल प्रशासन की ओर से इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। स्थानीय स्तर पर इस मुद्दे को लेकर चर्चा जारी है।


