बलरामपुर

करंट से हुई थी हाथी की मौत, दो आरोपी गिरफ्तार
10-Sep-2025 10:53 PM
करंट से हुई थी हाथी की मौत, दो आरोपी गिरफ्तार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रामानुजगंज, 10 सितंबर। बलरामपुर जिला के वनपरिक्षेत्र रामानुजगंज में हाथी की मौत से पर्दा उठ गया है। हाथी की मौत अवैध विद्युत कनेक्शन से खींचे गए तार के करंट लगने से हुई थी। वन विभाग ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस के सुपुर्द किया है।

जानकारी के मुताबिक वनपरिक्षेत्र रामानुजगंज अंतर्गत सर्किल महावीरगंज, बीट महावीरगंज के ग्राम महावीरगंज राजस्व क्षेत्र में 6 सितम्बर की रात लगभग 9 बजे एक नर जंगली हाथी की आकस्मिक मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई। मृत हाथी ग्रामवासी रामबरन कोडाकू के निवास स्थान के समीप पाया गया।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उक्त हाथी 6 सितंबर को प्रात: लगभग 7 बजे वाड्रफनगर परिक्षेत्र से ग्राम बगरा होते हुए रामानुजगंज वन सीमा में प्रवेश किया था। हाथी मित्र दल एवं वन विभाग के स्थानीय अमले द्वारा उसके मूवमेंट पर सतत निगरानी रखी जा रही थी, साथ ही समीपवर्ती ग्रामों में मुनादी कर ग्रामीणों को सतर्क भी किया गया था।

दिन भर यह हाथी बीट चाकी के वनखंड चिनियां कक्ष क्रमांक पी 3460 एवं पी 3463 में विचरण करता रहा। शाम लगभग 6 बजे ग्राम चाकी के पास देखा गया एवं तत्पश्चात ग्राम गम्हरिया होते हुए महावीरगंज पहुंचा। ग्रामीणों को लगातार सतर्क किया जा रहा था, परंतु रात्रि 9 बजे इसकी मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई।

7 सितंबर को वनमंडलाधिकारी बलरामपुर, उपवनमंडलाधिकारी बलरामपुर, वनपरिक्षेत्राधिकारी रामानुजगंज एवं पशु चिकित्सक की तीन सदस्यीय टीम द्वारा मृत हाथी का पोस्टमार्टम किया गया। मृत हाथी के विसरा एवं आवश्यक अंगों के नमूने विश्लेषण हेतु सुरक्षित किए गए। शव विच्छेदन के दौरान हाथी के दो टस्क (दांत) बरामद कर सुरक्षित रखे गए। तत्पश्चात मशीन द्वारा गड्ढा खोदकर, चूना एवं नमक डालकर शव को पूर्ण रूप से नियमानुसार दफनाया गया।

मृत्यु स्थल का मुआयना करने पर ज्ञात हुआ कि लगभग 300 मीटर की दूरी से अवैध विद्युत कनेक्शन खींचा गया था, जिसके कारण हाथी करंट की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई थी। जांच में दो आरोपी रामबरन कोडाकू,  विरेंद्र कोडाकू दोनों निवासी ग्राम महावीरगंज द्वारा अपना जुर्म स्वीकार किया गया।

पूछताछ के दौरान एल्यूमिनियम के जीआई तार के दो बंडल बरामद किए गए। आरोपियों को भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 52 के अंतर्गत माननीय न्यायालय में प्रस्तुत कर ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेजा गया।  प्रकरण में कुछ अन्य सह-आरोपियों की संलिप्तता की भी आशंका है, जिनकी गिरफ्तारी उपरांत आगामी 15 दिवस के भीतर कोर्ट चालान प्रस्तुत किया जाएगा।


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