बलरामपुर

17 साल से नहीं हुई थी मरम्मत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर,4 सितंबर। बलरामपुर जिले के धनेशपुर गांव में भारी बारिश के चलते टूटे 43 साल पुराने लुत्ती बांध की मरम्मत 17 साल से नहीं हुई थी। बांध के टूटने से निचले इलाके में बसे 4 घर चपेट में आ गए। हादसे में मृत चार लोगों के शव मंगलवार रात एवं बुधवार को मिल गए थे। गुरुवार को लापता एक बच्चे कार्तिक सिंह का शव मिल गया है। एक बच्चा एवं वृद्ध की तलाश के लिए एसडीआरएफ की टीम जुटी है। बुधवार देर शाम कृषि मंत्री रामविचार नेताम भी मौके पर पहुंचे और पीडि़त परिवारों से मिले।
मंगलवार की रात करीब 11 बजे बलरामपुर जिले के धनेशपुर में लबालब भरा साड़सा लुत्ती बांध टूट गया। बांध की मेड़ का करीब 35 मीटर हिस्सा टूटने से एक ही परिवार के बतशिया (61) पति रामवृक्ष और चिंता (35) पति सजिवन, रजंती (28) पति गणेश खैरवार और उसकी छह साल की बेटी प्रिया की मौत हो गई। रजंती के दोनों बेटे कार्तिक और छोटा बेटा और बुजुर्ग जितन खैरवार (65) लापता थे।
गुरुवार सुबह मछली पकडऩे गए ग्रामीणों को लापता कार्तिक सिंह (6) का शव मिल गया है। उसका शव घर से करीब एक किलोमीटर दूर नाले में पड़ा मिला। इसकी सूचना दे दी गई है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम गुरुवार को लापता वंदना सिंह (3) और जीतन सिंह (65) की तलाश में जुटी है। ग्रामीणों के अनुसार घटना से 2 दिन पहले से बांध के पानी का रिसाव हो रहा था, पर जल संसाधन विभाग लापरवाह बना रहा।
भारी बारिश से बांध ओवर फ्लो होकर टूटा-ईई
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बारिश के दबाव से बांध ओवरफ्लो हो गया और टूट गया।
प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। लुत्ती बांध 1982 में बना था। मिट्टी से बने इस बांध की जल संग्रहण क्षमता 0.44 एमसीएम यानी करीब 440 लाख लीटर है। 74 हेक्टेयर में फैले इस बांध से 420 एकड़ की सिंचाई होती थी।
बांध की अंतिम बार मरम्मत वर्ष 2007-08 में मनरेगा मद से कराई गई थी। साल 2020-21 में मरम्मत के लिए प्रपोजल भेजा गया था, लेकिन शासन से मरम्मत की स्वीकृति नहीं मिली। रामानुजगंज के ईई एनपी डहरिया ने कहा कि भारी बारिश से बांध ओवर फ्लो होकर टूट गया। इसकी जांच रायपुर की टीम करेगी।
मंत्री नेताम पहुंचे, सीएम ने जताया शोक
हादसे की जानकारी मिलने पर बुधवार देर शाम मंत्री रामविचार नेताम प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे। मंत्री ने पीडि़त परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है। नेताम ने प्रशासनिक अधिकारियों को जल्द से जल्द मुआवजा प्रकरण तैयार करने का निर्देश दिया है।
हादसे को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी शोक संवेदना व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया में पोस्ट किए गए शोक संदेश में कहा है कि प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दी जा रही है।
बांध टूटने से तबाही का मंजर
हादसे के बाद बांध के निचले इलाके में तबाही का मंजर दिखा। बांध टूटने से चार घर क्षतिग्रस्त हो गए। बाढ़ में 55 बकरी, पांच गायें एवं चार बैल बह गए। करीब 200 एकड़ में लगी धान व टमाटर की फसल बर्बाद हो गई। बांध टूटने से पीएमजीएसवाई की सडक़ एवं दो पुलिया भी बह गए हैं, जिनकी मरम्मत प्रशासन ने शुरू करा दी है।
पूर्व विधायक बोले,जल संसाधन विभाग की लापरवाही
घटनास्थल पर बुधवार सुबह पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह पहुंचे। पूर्व विधायक ने कहा कि बांध क्षतिग्रस्त हो गया था। इसकी सूचना ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दी थी, लेकिन मरम्मत नहीं की गई। बांध मुरम वाली मिट्टी से बना था, जो ज्यादा पानी बर्दाश्त नहीं कर सका और बह गया।