बलरामपुर

परिजनों का आरोप वन विभाग ने घर खाली करने के लिए हस्ताक्षर कराया था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 1 सितंबर। रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम रेवतीपुर में कोरवा जनजाति के ग्रामीण की मृत्यु रविवार के शाम घर में हो गई थी। परिजनों एवं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग के द्वारा घर खाली करने के लिए हस्ताक्षर कराया गया था जिसके तनाव में आकर उसकी मृत्यु हो गई।
परिजनों एवं ग्रामीणों के द्वारा आज चक्काजाम रामचंद्रपुर सनवाल मुख्य मार्ग पर कर दिया गया था। सूचना पर मौके पर रामचंद्रपुर पुलिस एवं एसडीओपी बाजीलाल सिंह मौके पर पहुंचे। उनके द्वारा उचित कार्रवाई का भरोसा दिया, जिसके बाद ही चक्काजाम खत्म हुआ। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए 100 बिस्तर अस्पताल रामानुजगंज भेजा गया।
परिजनों एवं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 5 दिनों से लगातार वन विभाग की टीम गांव में आ रही थी एवं घरों के जप्तीनामा पर हस्ताक्षर कराकर फोटो खींचकर घर गिराए जाने की बात कही जा रही थी। जिससे रेवतीपुर के वार्ड क्रमांक 8 में रहने वाला बिफन कोरवा पिता रामधनी कोरवा (50 वर्ष) तनाव में रह रहा था, कई दिन से वह खाना पीना छोड़ दिया था, शाम को उसने जैसे ही पानी पीकर चलना शुरू किया गिरकर उसकी मृत्यु हो गई।
रेवतीपुर की सरपंच ऐसा खातून ने कहा कि वन विभाग के द्वारा घर गिराने के नाम पर बिफन को बहुत ही भयभीत कर दिया गया था, जिससे उसने खाना पीना छोड़ दिया था, जिससे उसकी मृत्यु हुई है। सुबह 7 से लेकर 10 तक 3 घंटे तक चक्का जाम रहा। एसडीओपी की समझाइशके बाद चक्का जाम टूट सका। रेंजर अजय वर्मा ने कहा कि मृतक का किसी प्रकार से वन अपराध दर्ज नहीं है, न ही उसे किसी प्रकार का वन विभाग की ओर से नोटिस दिया गया था। वन विभाग की टीम गांव में वन अधिकार पट्टा की शिकायत पर जांच करने पहुंची थी। उन्होंने आरोपों का खंडन किया।