बलरामपुर

दीदी के गोठ रेडियो कार्यक्रम का शुभारंभ
31-Aug-2025 8:57 PM
दीदी के गोठ रेडियो कार्यक्रम का शुभारंभ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलरामपुर, 31 अगस्त। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सुशासन की सरकार ने छत्तीसगढ़ की ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। जिसके तहत राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत तैयार विशेष रेडियो कार्यक्रम ‘दीदी के गोठ’ का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश में प्रसारित किया गया।

इसी कड़ी में कलेक्टर  राजेंद्र कटारा के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत सीईओ  नयनतारा सिंह तोमर के नेतृत्व में जिले में भी दीदी का गोठ कार्यक्रम प्रसारित किया गया। कार्यकम जिला पंचायत और समस्त जनपद पंचायतों सहित क्लस्टर वार सभी 24 संकुलों में प्रसारित किया गया, जहां समूह की महिलाओं ने एकत्र होकर इस प्रसारण को सुना और प्रेरणा ली।

जिला पंचायत के सभाकक्ष में दीदी के गोठ कार्यक्रम का सामूहिक रूप से श्रवण किया गया। इसमें बिहान के कैडर के साथ ही जिला एवं जनपद स्तर के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। इस कार्यक्रम से समूह के दीदियों ने प्रेरणा लेकर छूटे हुए परिवारों को समूह में जोडऩे के साथ अपने एवं अन्य दीदी, महिलाओं की आजीविका के साधन को बढ़ाते हुए लखपति दीदी बनने का संकल्प लिया।

दीदी के गोठ का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण अंचलों की महिलाओं को शासन की विभिन्न योजनाओं से जोडऩा, उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना तथा आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की ओर अग्रसर करना है। इस कार्यक्रम में स्व-सहायता समूहों की सफल महिलाओं की कहानियाँ सुनाई गई। कैसे उन्होंने संघर्ष और कठिनाइयों को पार कर अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से न सिफऱ् आर्थिक रूप से मज़बूती हासिल की बल्कि समाज में भी एक नई पहचान बनाई। आज छत्तीसगढ़ की लाखों महिलाएँ लखपति दीदी बन चुकी हैं। उनका जीवन बिहान योजना से सकारात्मक रूप से बदला है।

 इनकी प्रेरणादायी कहानियाँ रेडियो की आवाज़ के माध्यम से हर गाँव और हर घर तक पहुंची, ताकि दूसरी महिलाएँ भी आत्मनिर्भरता की राह पकड़ सकें।दीदी के गोठ केवल एक रेडियो कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी की सुशासन की सरकार की दूरदर्शी सोच का प्रतिबिंब है। इसका उद्देश्य महिलाओं की आवाज़ को पूरे समाज तक पहुँचाना, उनके संघर्ष और उपलब्धियों को सामने लाना तथा उन्हें शासन की योजनाओं से जोडक़र सकारात्मक परिवर्तन की राह दिखाना है।


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