बलौदा बाजार

कोरोना की दूसरी लहर का खतरा, लापरवाही है कि थमती नहीं
19-Mar-2021 5:04 PM
कोरोना की दूसरी लहर का खतरा,  लापरवाही है कि थमती नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 19 मार्च।
प्रदेश समेत पूरे देश में मार्च से कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज होने लगी है। देश के महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है वहीं दूसरी ओर लोगों की लापरवाही भी थम नहीं रही है। 
जिले में रेलवे स्टेशनों से लेकर बस स्टैण्डों तक कहीं पर भी ना तो स्कैनिंग हो रही है और ना ही कहीं पर कोरोना जांच की जा रही है। जिसकी वजह से जिले में प्रतिदिन अन्य राज्यों से लोग बेधडक़ आवाजाही कर रहे हैं। 

हद की बात है कि लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश देने वाले प्रशासन के शासकीय कार्यक्रमों में ही कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। बीते दिनों महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम से लेकर सोमवार को आयोजित रोजगार मेले में ही शासकीय अधिकारी तथा कर्मचारी कोरोना गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन करते हुए नजर आए।

जिले के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन भाटापारा में प्रतिदिन छत्तीसगढ़ के साथ ही साथ अन्य राज्यों से 5 सौ से अधिक लोग उतर रहे हैं तथा सभी यात्री बगैर किसी जांच के आराम से बाहर निकल रहे हैं। रेलवे द्वारा स्केनिंग, जांच आदि अब तक प्रारंभ नहीं कराई गई है, जिससे देश के अन्य राज्यों से आ रहे लोगों का ना तो किसी प्रकार का रिकॉर्ड है और ना ही किसी प्रकार की स्वास्थ्यगत जानकारी है, जो खतरे की घंटी है।

बस स्टैंडों का और बुरा हाल 
जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के बस स्टैण्ड में प्रतिदिन 60 से अधिक बसों की आवाजाही होती है। परंतु, बीते कुछ दिनों से जिस प्रकार यात्री लापरवाह हुए हैं, उसी प्रकार बस संचालक भी लापरवाह हो गए हैं। बसों में बीते वर्ष की तरह फिर से ठूंस-ठूंसकर यात्रियों को भरा जा रहा है तथा 90 फीसदी यात्रियों के साथ ही साथ चालक-परिचालक भी बगैर मास्क के सफर कर रहे हैं। 
सोमवार दोपहर नगर के बस स्टैण्ड का निरीक्षण किया गया तो अधिकांश यात्री बगैर मास्क के ही बस से उतरते हुए नजर आए। कई यात्रियों ने तो अपने बच्चों को भी मास्क नहीं पहनाया था।

शासकीय कार्यक्रमों में भी लापरवाही
सोमवार को बलौदा बाजार के नगर भवन में रोजगार मेला का आयोजन किया गया था, परंतु इस मेले में ज्यादातर शासकीय कर्मचारी ही बगैर मास्क के ही उपस्थित रहे। वही, कुछ कर्मचारी मास्क को नाक के नीचे तक औपचारिकतावश केवल लटकाकर रखे थे।
 


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