बलौदा बाजार

10 जून से रेत के खनन व परिवहन पर प्रशासन ने लगाया है प्रतिबंध, मई में ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 7 जुलाई। बलौदाबाजार जिले के पलारी ब्लॉक के मोहन घाट पर रेत माफियाओं की मनमानी अभी भी चल रही है। शासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए यहां खुलेआम अवैध खनन जारी है, जिससे सरकार को लाखोंं रुपए का नुकसान हो रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच पति गोपाल ध्रुव के नेतृत्व में एक गिरोह ट्रैक्टरों के जरिए रेत निकालकर बेच रहे हैं और गांव की सडक़ किनारे भी कुछ रेत डंप कर रहे हैं।
हैरानी की बात है कि तत्कालीन एसडीएम श्याम पटेल पलारी द्वारा पहले ही रैप नदी में का स्थाई रास्ता को तोड़ दिए जाने के बावजूद सरपंच पति गोपाल ध्रुव ने नए रैप बनाकर अवैध खनन जारी रखा है।
ज्ञात हो कि 10 जून को शासन के आदेशों के बाद रेत घाट पर खनन और परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध है, लेकिन माफिया गिरोह ने इस आदेश को ठेंगा दिखाते हुए सामूहिक रूप से ट्रैक्टरों से रेत निकलना जारी रखा हैं। घाट पर दलालों ने पहरा बिठा रखा हैं जो बाहरी लोगों को अंदर आने से रोकते हैं और अवैध गतिविधियों पर पर्दा डाले हुए हैं।
सरपंच पति ने कहा- गांव के लिए रेत निकाल रहे हैं
जब सरपंच पति से इस मामले में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वे गांव के लिए रेत निकाल रहे हैं। लेकिन जब यह पूछा गया कि क्या गांव के लिए रेत निकालने के लिए रैप बनने की जरूरत होती है तो वे कुछ नहीं बोले पाए। ग्रामीणों ने आरोप लगाते बताया कि गोपाल ध्रुव महिनों से ट्रैक्टर मालिकों और मजदूरों के साथ मिलकर यह अवैध कारोबार चल रहे हैं और लाखों रुपए कमा रहे हैं।
गांव डूबने की कगार पर, फिर भी यहां जारी है लूट
मोहन घाट पर लगातार हो रहे अंधाधुंध रेत खनन के कारण नदी का कटाव तेजी से बढ़़ा है और गांव और नदी के बीच की दूरी मात्र 100 मीटर रह गई है। ग्रामीणों ने कटाव को रोकने के लिए रेत घाट का ठेका रद्द करवाया था, लेकिन नई सरपंच के पति गोपाल ध्रुव ने कुछ ट्रैक्टर मालिकों और मजदूरों के साथ मिलकर अवैध खनन परिवहन और भंडारण का धंधा शुरू कर दिया हैं। जिससे गांव का सडक़ की जर्जर हो रहा है।
मामला ठंडा होते ही फायदा उठाया
अवैध रेत खनन-परिवहन की शिकायतों के बाद कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लेकर जिले के सभी रेत घाटों से चेन माउंटेड मशीन पर प्रतिबंध लगाया और अवैध खनन परिवहन भंडारण पर कई बड़ी कार्रवाई भी कराई, जिसके बाद से जिले में अवैध रेत खनन परिवहन पर अंकुश लगा था। लेकिन मामला शांत होने के बाद रेत माफिया द्वारा आज भी अवैध रेत खनन परिवहन किया जा रहा हैं।
ग्रामीणों ने की दोषियों पर कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि अवैध रेत खनन के कारण नदी का कटाव बढऩे से गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। वे प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि तुरंत इस गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
बताया जाता है कि मोहन घाट पर रेत माफियाओं का सिंडिकेट सक्रिय हैं जिसमें सरपंच पति से लेकर ट्रैक्टर मालिक और दलाल शामिल हैं।
कड़ी कार्रवाई की जाएगी -खनिज निरीक्षक
इस मामले में खनिज निरीक्षक भूपेंद्र कुमार भगत ने कहा कि 10 जून के बाद नदी से रेत खनन और परिवहन पर पूरी तरह प्रतिबंध है। यदि कोई अवैध रूप से रेत निकाल रहा है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।