बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 19 मई। एसपी भावना गुप्ता की अगुवाई में बलौदाबाजार पुलिस अब डिजिटल रूप में मजबूत होती जा रही है। डिजिटली जांच और अनुसंधान को एक नई दिशा देने के मकसद से बलौदाबाजार में ई-साक्ष्य एवं ढ्ढह्र-मितान प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके तहत 128 विवेचना अधिकारियों को ट्रेनिंग देकर प्रशिक्षित किया गया। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतिम सत्र में भाटापारा के 49 अधिकारी शामिल हुए। यह ट्रेनिंग भारतीय न्याय प्रणाली में लागू हुए नए आपराधिक कानून बीएनएस के लिए काफी अहम माना जा रहा है।
बलौदाबाजार की एसपी भावना गुप्ता ने इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कहा कि ई-साक्ष्य अब विवेचना का मूल हिस्सा है। हमें खुद को लगातार अपडेट करना होगा। बलौदाबाजार को ई-साक्ष्य अपलोडिंग के मामले में राज्य का मॉडल जिला बनाना है। आने वाले समय में जब केस ट्रायल की स्थिति में पहुंचेंगे, तब ई-साक्ष्य की गुणवत्ता और पारदर्शिता से न्याय व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
ई साक्ष्य की ट्रेनिंग
ई-साक्ष्य प्रशिक्षण में ‘बडी फेयर’ का कॉन्सेप्ट अनूठा रहा। तकनीकी रूप से कमजोर प्रधान आरक्षकों और आरक्षकों को उनके साथियों ने एक-एक करके हाथ पकडक़र डिजिटल प्रोसेस को समझाया। इससे न सिर्फ उन्हें आत्मविश्वास मिला बल्कि पूरी टीम की दक्षता भी बढ़ी। पूर्व में न्यायालयों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पेन ड्राइव के माध्यम से पेश किए जाते थे, जिससे तकनीकी अड़चनें आती थीं, लेकिन अब ई-साक्ष्य ऐप और पोर्टल के जरिए घटनास्थल से ही वीडियो या अन्य डिजिटल साक्ष्य सीधे अपलोड किए जाएंगे। इससे न्याय प्रक्रिया ज्यादा ट्रांसपैरेंट, सरल और सुरक्षित होगी।
ई-साक्ष्य ट्रेनिंग से जुड़ी अहम बातें
जिले के 128 विवेचना अधिकारियों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया गया। घटनास्थल से ही वीडियो साक्ष्य क्लाउड पर अपलोड करने की प्रणाली अब अनिवार्य। महिला अपराधों और आबकारी प्रकरणों में वीडियो साक्ष्य अनिवार्य। सभी थानों को टैबलेट वितरित और ई-साक्ष्य लॉगबुक तैयार। ‘बडी फेयर’ की तकनीक से कमजोर साथियों को सशक्त बनाया गया।
बलौदाबाजार की एसपी भावना गुप्ता का कहना है कि आज का आयोजन पुलिसिंग को एक नई दिशा देने का प्रयास है। हम चाहते हैं कि हमारे अधिकारी और कर्मचारी तकनीकी रूप से सशक्त हों, ताकि हर अपराध की जांच सटीक और समयबद्ध हो सके। ई-साक्ष्य प्रशिक्षण इसी दिशा में एक मजबूत कदम है, जिससे हम साक्ष्य संकलन और विवेचना में पारदर्शिता और प्रभावशीलता ला सके।
ई-साक्ष्य की ट्रेनिंग के दौरान जिले की एसपी भावना गुप्ता और एएसपी अभिषेक सिंह ने विशेष दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि महिला अपराध और आबकारी केसों पर स्पेशल फोकस रखा जाए। महिला अपराध मामलों में पीडि़ता का बयान रिकॉर्ड कर तत्काल अपलोड किया जाए। आबकारी मामलों में भी छापेमारी या जब्ती की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य है।यदि घटनास्थल पर वीडियो नहीं बन पाया हो, तो बाद में विवरण ई-साक्ष्य ऐप पर अनिवार्य रूप से अपलोड किया जाए।
बलौदाबाजार में कॉप ऑफ द मंथ की शुरुआत
बलौदाबाजार में कॉप ऑफ द मंथ की शुरुआत हुई है. बलौदाबाजार एसपी भावना गुप्ता ने कॉप ऑफ द मंथ जैसे आयोजन की सराहना की है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए उदाहरण है कि लगन और निष्ठा का फल अवश्य मिलता है। चार पुलिस अधिकारियों को मई 2025 के लिए कॉप ऑफ द मंथ और उत्कृष्ट कार्य के लिए चुना गया. पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए कॉप ऑफ द मंथ सम्मान प्रदान किया गया। एसपी भावना गुप्ता ने सभी को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया।
उप निरीक्षक किशुन कुमार ,थाना भाटापारा ग्रामीण, पॉक्सो और बलात्कार के गंभीर मामले में उत्कृष्ट विवेचना के लिए पुरस्कार मिला। सहायक उप निरीक्षक जगदीश सोनवानी, चौकी प्रभारी गिरौदपुरी, 34(2) आबकारी अधिनियम के प्रकरण में आरोपी को सजा दिलाने वाली जांच के लिए पुरस्कार मिला। सहायक उप निरीक्षक जीवनलाल वर्मा, थाना लवन, एनडीपीएस एक्ट में मादक पदार्थ जब्ती और अभियुक्त के खिलाफ मजबूत साक्ष्य के लिए अवॉर्ड मिला।
आरक्षक गौरीशंकर कश्यप, साइबर सेल, बलौदाबाजार, अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सट्टा गिरोह का भंडाफोड़ और गिरफ्तारी में अहम भूमिका के लिए सम्मान मिला।
एसपी भावना गुप्ता ने बताया कि कॉप ऑफ द मंथ योजना के माध्यम से हम उन अधिकारियों-कर्मचारियों को पहचान और सम्मान दे रहे हैं, जिन्होंने निष्ठा, प्रतिबद्धता और साहस के साथ कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण में उल्लेखनीय योगदान दिया है. ऐसे प्रयासों से टीम को प्रेरणा मिलती है और पूरे बल का मनोबल ऊंचा होता है।
यह नई शुरुआत और प्रेरणादायक दिशा है
बलौदाबाजार एसपी भावना गुप्ता ने कहा कि यह संयुक्त कार्यक्रम न सिर्फ तकनीक के प्रति जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि टीम वर्क, निष्ठा और नए नए प्रयोगों को पहचान भी दिलाता है। ई-साक्ष्य और ष्टशश्च शद्घ ह्लद्धद्ग रूशठ्ठह्लद्ध जैसी पहलों से यह जिला प्रदेश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन रहा है।