बलौदा बाजार

गांधी स्मृति स्थल के संरक्षण के लिए जिलाधीश से पहल की मांग
27-Aug-2022 3:49 PM
गांधी स्मृति स्थल के संरक्षण के लिए जिलाधीश से पहल की मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 27 अगस्त।
पूर्व कलेक्टर डोमन सिंह ने नगर में स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के यात्रा स्मृति स्थल का निरीक्षण कर पुराने मंडी परिसर में स्थित कुएंं का अवलोकन किया था इस कुएं से अछूतोद्धार द्वारा आंदोलन के समय महात्मा गांधी ने अनुसूचित जाति के युवा से कुएं से पानी निकाल कर पानी पिया था। निरीक्षण पश्चात राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्मृति को संजीव बनाए रखने के लिए इस पूरे स्थल को धरोहर के रूप में विकसित करने का निर्णय भी उनके द्वारा लिया गया था परंतु उनके स्थानांतरण पश्चात इस स्थल के संरक्षित करने के कार्य पर ग्रहण लगता प्रतीत हो रहा है।

विदित को तत्कालीन कलेक्टर की योजना पुराने मंडी परिसर में उद्यान एवं पुरातत्व हेतु संग्रहालय बनाने उद्यान के बीचो-बीच महात्मा गांधी की मूर्ति स्थापना के अलावा धरोहर कुएं की सफाई जालीदार लोहे के ग्रिल से ढकने एवं सूचना बोर्ड लगाने की थी इस संबंध में यह भी उल्लेख है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अपने द्वितीय छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान 26 नवंबर 1933 को बलौदा बाजार पहुंचे थे उन्होंने पुरानी मंडी प्रांगण में विशाल जनसभा को संबोधित किया पश्चात परिसर में ही स्थित कुएं से अनुसूचित जाति के युवा के हाथों पानी निकलवा कर पानी पिया था मंडी प्रांगण कार्यक्रम के पश्चात उन्होंने पुरानी बस्ती स्थित प्राचीन मावली माता मंदिर के दर्शन किए इसके बाद तत्कालीन जगन्नाथ मंदिर वर्तमान में गोपाल मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने अपने साथ आए अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के साथ मंदिर प्रवेश कर पूजा अर्चना कर छुआछूत के भेदभाव को दूर करने का संदेश दिया था इस दौरान उनके साथ स्वतंत्रता सेनानी रघुनाथ प्रसाद केसरवानी पंडित लक्ष्मी प्रसाद तिवारी पंडित महावीर बलदेव प्रसाद पांडे राजेंद्र कुमार वर्मा देवी दास तिवारी वीरेंद्र नाथ बनर्जी आदि उपस्थित थे।

पुरातत्व संग्रहालय में संरक्षित हो सकेगी जिले की धरोहर
बलौदा बाजार जिले के अनेक पुरातात्विक महत्व के स्थल हैं जहां आज भी अनेक मूर्तियां व अन्य अवशेष बिखरे हुए हैं कई स्थानों पर इन अवशेषों की सुरक्षा भगवान भरोसे है यदि पुराने मंडी परिसर में संग्रहालय का निर्माण किया जाता है तो इन स्थलों से एकत्र अवशेषों को सुरक्षित करने के अलावा विद्यार्थियों एवं पुरातत्व में रुचि रखने वाले के लिए यह महत्वपूर्ण सौगात साबित हो सकता है।
 


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