बलौदा बाजार

देवार डेरा को अन्यत्र बसाने की उठ रही मांग, पढ़ाई हो रही प्रभावित
24-Nov-2021 5:11 PM
देवार डेरा को अन्यत्र बसाने की उठ रही मांग, पढ़ाई हो रही प्रभावित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 24 नवंबर।
स्थानीय नगर पंचायत के वार्ड नं.01 इंदिरा कालोनी में बसे देवार डेरा लंबे समय से शासकीय प्राथमिक शाला में पढऩे वाले छोटे बच्चों एवं पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास में रहने वाली छात्राओं सहित वहां प्लाट खरीदकर मकान बनाकर रहने वाले बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है।

देवार डेरा के महिला पुरुष आए दिन शराब आदि नशे में लत होकर गाली-गलौज करते हुए आपस में लड़ते रहते हैं। इन सभी से वहां के अन्य रहवासियों को जुझना पड़ता है। कोई एक व्यक्ति किसी को मना करे तो सभी के सभी उन्हीं पर टूट पड़ते हैं। इसलिए सभी बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों को चुपचाप सहना पड़ता है। इसके अलावा देवारों द्वारा फैलाए गंदगी का सामना भी उन्हीं लोगों को करना पड़ता है। लोगों को हमेशा अपने घर का दरवाजा बंद कर घर के भीतर रहना पड़ता है। एक तरह से कहा जाय तो वहां के अन्य रहवासियों के लिए वहां निवास करना नर्क से कम नहीं है।

खासकर कन्या छात्रावास के  बच्चियों पर गहरा असर पड़ रहा है। आए दिन देवारों के शोरगुल से पढ़ाई लिखाई प्रभावित हो रही है।  
इस संबंध में हॉस्टल के अधीक्षिका ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि इनके शोर-शराबे से बच्चों के अध्ययन स्वाध्याय आदि काफी प्रभावित होती है। इनकी शिकायत कई बार की गई, किन्तु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यहां के अन्य सभी रहवासी सहित हम आपके माध्यम से नगर पंचायत एवं शासन-प्रशासन से मांग करते हैं कि देवार डेरा को कहीं अन्यत्र स्थान पर स्थानांनतरित करने की महती कृपा करें। वहां के कुछ बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने भी नाम न छापने की शर्त पर यही बातें कहीं और देवारों को अन्यत्र बसाने की मांग की है।

गौरतलब हो कि नगर कसडोल का प्रतीक्षा बस स्टैंड के सामने ही उक्त कालोनी स्थित है। जहां देवार समाज के महिला पुरुषों देखा जा सकता है।
 


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