बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 10 अगस्त। रूठे मौसम व पानी के अभाव में धान का पौधा झुलस रहा है। खेतों में थोडी बहुत नमी भी उमस भरी गर्मी के कारण समाप्त होते जा रहा है। जीवन दायनी शाखा नहर, जिसमें सैंकड़ों ग्रामों के हजारो एकड़ का खेत सिंचित हो सकता है उसमे पानी छोडने की मांग किसानों ने की है ताकि धान की फसल को बचाया जा सके।
बीते 15 दिनों से क्षेत्र में बारिश नहीं हो रहीं है, जिससे किसान चिंतित है।क्षेत्र के किसान कडार निवासी डॉ. रामेश्वर वर्मा ने बताया कि पानी नहीं गिरने की वजह से खेतों में दरारें पडऩे शुरू हो चुकी है और कचरे भी उग रहे है। बीते दिनों बारिश नहीं होने से किसानों की जान संशत में फंसी हुई है। कई-कई गांव मे तो ब्यासी तक नहीं हुई है। पानी नहीं होने के कारण खेतों में धान से उपर बनकचरा आ गया है। इससे सभी खेतों मे निंदाई व्यय बहुत ज्यादा किसानों को भरना पडेगा। पानी गिर ही नहीं रहा है जिसकी वजह से फसल सूखने लगी है और खेतों मे दरारें दिखाई देने लगी है।
किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए देखने के लिए विवश है अत्यधिक तेज धूप की वजह से खेतों मे नमी भी कम हो चुकी है। अब खेतों को पानी की सख्त आवश्यकता है।
पिछले 15 दिनों से पानी नहीं गिरने की वजह से कृषि कार्य बेहद पिछड़ चुका है और जमीन में नमी लगभग समाप्ति की ओर है। डॉ.रामेश्वर वर्मा ने बताया कि फसल को बचाने के लिये अब नहर में पानी छोड़ा जाना अति आवश्यक है। सरकार को शीघ्र ही नहर में पानी छोडऩा चाहिये ताकि किसानों को राहत मिल सके और हमारे पास जीवन दायनी शाखा नहर मौजूद है, जिसमें पिछले वर्ष भी हजारों एकड़ खेत किसानों के सिंचित किये गए थे, जिससे फसल की सुरक्षा मिली थी। वर्तमान समय को देखते हुए अविलंब शाखा नहर में पानी छोडऩे की जरूरत है।