बलौदा बाजार

छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 7 अगस्त । घनें जंगलो से घिरा कसडोल विकासखण्ड क्षेत्र में प्राकृतिक विचित्रता को संजोए कई दर्शनीय स्थल विद्यमान है, जिसमें से एक बाघमाड़ा गुफा एवम झरना है। जिसे देखने पर्यटक पिकनिक मनाने पहुंचते हैं । बारिश के मौसम में चारों तरफ घने सघन वृक्षों पहाडिय़ों के बीच स्थित बाघमाड़ा शेर गुफा और झरना मनमोहक दृश्य प्रस्तुत कर रहा है, जो पहुंचने वाले लोगों को सुकून दे रहा है।
बलौदाबाजार वनमण्डल के उपवनमण्डल कसडोल वन परिक्षेत्र देवपुर के अंतर्गत बाघ गुफा और झरना सुरम्य घनें जंगल के बीच स्थित है । पिथौरा गिधौरी वयाय राजादेवरी मुख्य सडक़ देवरूग बेरियर से पश्चिम दिशा ग्राम देवगांव बाघमड़ा के जंगल में स्थित है। बताया जाता है कि 10 दशक पूर्व भयंकर घना जंगल था। उस समय लोगों का वन्य हिंसक पशुओं के भय से प्रवेश दुर्लभ था।
बताया जाता है कि इस जंगल में हमेशा बाघ(शेर) का स्थायी अड्डा इस गुफा में रहता था। इसी के नाम पर सटे हुए गांव का नाम बाघमड़ा पड़ा है। भौगोलिक दृष्टि से आज भी बाघमाडा अचानक पुर के बीच कोई भी गांव नहीं है । देवपुर वनपरिक्षेत्र का 75 प्रतिशत जंगल घनें बांस साल सरई बीजा सागौन के बृक्षों की भरमार है। 15 से 20 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले देवपुर परिक्षेत्र के इस जंगल में एकमात्र अचाकपुर बीच में बसा छोटा सा गांव है। देवपुर के इस सुरम्य जंगल के बीच अचानक पुर में पर्यटकों के लिए पक्के आवास एवम भोजन की ब्यवस्था है।
बाघ गुफा और झरना बारिश के 6 माह में हरे भरे सघन बृक्षों पहाड़ों से विशाल क्षेत्रफल के नीचे रास्ते जा देवुरी गोलाझर देवरूम अमरुवा डूमरपाली रंगोरा चेचरापाली नवाडीह देवपुर वनपरिक्षेत्र अभ्यारण्य कोठारी के गांव कोठारी तालदादर सोनाखान परिक्षेत्र के नवानगांव कौहाकुडा चनहाट गावों से घिरा हुआ है। बाघ गुफा में उक्त आसपास के लोग पहुंचते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग का यदि इस पर ध्यान जाय और सुविधा उपलब्ध हो जाए तो पर्यटन स्थल में तब्दील होने की गुंजाइश है।