बालोद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 1 जून। नगर के पर्यावरण प्रेमी वीरेंद्र सिंह व भोज साहू ने मध्यप्रदेश के छतरपुर इलाके में बक्सवाहा जंगल को बचाने के लिए राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को पत्र भेज कर अपील की है कि इसे कटने से रोका जाय। पूरे देश में पर्यावरण संरक्षक सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। क्योंकि इस फैसले से ढाई लाख वृक्ष काट दिए जाएंगे। सरकार ने हीरा निकालने के लिए इसे एक निजी कंपनी को दिया।
नगर के पर्यावरण प्रेमी ने सरकार के इस फैसले पर विरोध जताते हुए कहा है कि पर्यावरण संरक्षण एवं संतुलन के लिए हमें लडऩा होगा। प्रकृति के साथ खिलवाड़ हुआ है, उसी का परिणाम आज हम भुगत रहे हैं। ऑक्सीजन की कमी एवं पर्यावरण असंतुलन को देखकर एक तरफ सरकार वृक्षारोपण को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में 2.5 लाख वृक्षों को काटने का फरमान जारी कर रखा है।
उन्होंने कहा कि इस मुहिम के लिए संपूर्ण भारत के पर्यावरण विदों ने एक साथ जनांदोलन छेड़ रखा है, ताकि जंगल को बचाया जा सके।
विदित हो कि वीरेंद्र सिंह द्वारा विगत 20 वर्षों से वृक्षारोपण कर पर्यावरण को संतुलित करने का भगीरथ प्रयास किया जा रहा है। उनका दावा है कि मध्य प्रदेश की सरकार छतरपुर जिले के बक्सवाहा जंगल में हीरा खनन के लिए एक निजी कंपनी को 50 वर्षों के लिए बक्सवाहा का जंगल लीज पर दिया है। जिसमें ढाई लाख वृक्षों से आच्छादित जंगल को काटने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि एक साथ लाखों पेड़ों को एक साथ काट दिया गया, तो ऑक्सीजन का लेवल निम्न से निम्नतम स्तर पर चला जाएगा, जो हम सबके लिए हानिकारक है।