बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्ली राजहरा, 26 दिसंबर। दल्ली राजहरा नगर के बाहर से गुजरने वाली बाईपास सडक़ के निर्माण को लेकर प्रक्रिया आगे बढऩे की जानकारी सामने आई है। नगर के प्रवेश से पूर्व और नगर सीमा समाप्ति के बाद प्रस्तावित बाईपास मार्ग की कुल लंबाई लगभग 17 किलोमीटर बताई गई है, जिसकी अनुमानित लागत 81 करोड़ रुपये है।
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष तोरण लाल साहू के अनुसार, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव की अनुशंसा के बाद लोक निर्माण विभाग के सचिव को बाईपास सडक़ से संबंधित प्रस्ताव और दस्तावेज भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि संबंधित विभागीय प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम स्वीकृति का इंतजार है।
नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा कि दल्ली राजहरा से होकर गुजरने वाले भारी वाहनों के कारण लंबे समय से यातायात जाम और दुर्घटनाओं की स्थिति बनी रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2025–26 में बाईपास सडक़ का प्रावधान किया गया है।
लोक निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, प्रस्तावित बाईपास सडक़ में लगभग 10 प्रतिशत भूमि भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी), 7 प्रतिशत वन भूमि और 10 प्रतिशत भू-अर्जन क्षेत्र शामिल है। विभाग द्वारा प्रारंभिक प्रक्रियाएं शुरू कर दी गई हैं।
प्रस्तावित मार्ग दल्ली राजहरा और गोटूलमुंडा के बीच मुख्य मार्ग के पास ग्राम चिखली जाने वाली सडक़ से होकर चिखली, जमरूआ, साल्हे होते हुए ग्राम जम्ही के समीप दल्ली बालोद मुख्य मार्ग से जुड़ेगा।
नगर पालिका अध्यक्ष तोरण लाल साहू ने बताया कि बाईपास सडक़ को लेकर लोक निर्माण विभाग, बालोद जिला स्तर से आवश्यक दस्तावेज तैयार कर दुर्ग संभाग स्तर पर भेजे गए थे, जहां से परीक्षण के बाद उन्हें राज्य स्तर पर भेजा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में उपमुख्यमंत्री अरुण साव और लोक निर्माण विभाग के सचिव से चर्चा की गई है तथा विभागीय अड़चनों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों का कहना है कि नगर से होकर गुजरने वाले भारी वाहनों के कारण दुर्घटनाओं और यातायात बाधा की स्थिति बनी रहती है। हाल के दिनों में हुई कुछ सडक़ दुर्घटनाओं के बाद व्यापारी संघ द्वारा नगर के गुप्ता चौक में धरना-प्रदर्शन भी किया गया था, जिसमें भारी वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण की मांग रखी गई थी।
प्रशासनिक स्तर पर बाईपास सडक़ को लेकर आगे की प्रक्रिया जारी है।


