बालोद

जुवारी नदी की सांस्कृतिक पहचान पुनस्र्थापित व संरक्षण के लिए हो प्रयास-समर्थ लखानी
28-May-2025 4:16 PM
जुवारी नदी की सांस्कृतिक पहचान पुनस्र्थापित व संरक्षण के लिए हो प्रयास-समर्थ लखानी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दल्लीराजहरा, 28 मई। प्राचीन जुवारी (देवदहरा) नदी के गौरव को पुनर्जीवित एवं संरक्षण हेतु भाजपा युवा नेता समर्थ लखानी ने नपा अध्यक्ष, एवं सीएमओ के नाम 4 मांगों के साथ  ज्ञापन सौंपा।

 दल्लीराजहरा केवल खनिज, रेलवे या उद्योग के लिए नहीं, बल्कि अपनी समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए भी जाना जाता है। इसी विरासत की एक अमूल्य धरोहर है—जुवारी नदी, जिसे क्षेत्र के ग्रामीण देवदहरा के नाम से भी जानते हैं।

 

इस नदी का उल्लेख वर्ष 1921 में प्रकाशित  ‘दुर्ग दर्पण ’ जैसे ऐतिहासिक ग्रंथों में भी मिलता है, साथ ही यह नाम विभिन्न सरकारी दस्तावेजों में विधिवत  ‘जुवारी नदी ’ के रूप में दर्ज है। यह न केवल एक जलधारा है, बल्कि हमारे नगर का भूगोल, इतिहास और संस्कृति का हिस्सा है। इसका उद्गम स्थल वार्ड क्रमांक 16 के उत्तर-पश्चिम दिशा में, मां शीतला मंदिर परिसर स्थित प्राचीन जलकुंड है, जो दल्लीराजहरा और कोंडेकसा गांव की सीमा पर स्थित है। यहीं से यह पवित्र जलधारा निकलकर नगर की बस्तियों, खेतों, धार्मिक स्थलों और मोहल्लों को स्पर्श करते हुए अंतत: तांदुला नदी में समाहित होती है। आज यह नदी पहचान और स्वाभिमान खोकर एक गंदे नाले का रूप ले चुकी है, जिसका सबसे बड़ा कारण यही है कि इसे उसका नाम और सम्मान नहीं मिला। इस प्राचीन नदी के गौरव को पुनर्जीवित एवम संरक्षण हेतु भाजपा युवा नेता समर्थ लखानी ने नपा अध्यक्ष, एवम सीएमओ के नाम 4 मांगो के साथ  ज्ञापन सौंपा।

 ज्ञापन देते समय मुख्य रूप से सुरेश जयसवाल, मनोज दुबे,विशाल मोटवानी,राकेश द्विवेदी,रमेश गुर्जर भूपेंद्र श्रीवास आदि उपस्तिथ थे। नपा अध्यक्ष तोरण साहू ने इस ओर जल्द से जल्द प्रयास करने का आश्वासन दिया।


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