बालोद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 7 अप्रैल। कांकेर लोकसभा सांसद भोजरण नाग ने 3 मार्च को संसद में अपने लोकसभा में हो रहे धर्मान्तरण पर चिंता व्यक्त करते हुए आवाज उठाई।
उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें आज पहली बार लोकसभा में बोलने का अवसर मिल रहा है इसके लिए वो सभा का धन्यवाद देते हैं।
आगे उन्होंने कहा कि वह वनांचल बस्तर से आते हैं, जिसकी संस्कृति पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस प्राचीन संस्कृति को वहां व्याप्त मिशनरियों द्वारा छिन्न-भिन्न किया जा रहा है, जिससे कि जनजातीय संघर्ष पैदा हो रहा है। लगातार हो रहे धर्मान्तरण से आपसी तनाव पैदा हो रहा है जिस पर समय रहते लगाम लगाना अत्यंत आवश्यक है।
सांसद ने कहा कि वे लगातार इस मुद्दे को अपने स्तर में उठाते रहे हंै। धर्मान्तरण से आदिवासी संस्कृति को गहरा आघात लगा है,भोले भाले आदिवासी भाइयों को विभिन्न प्रकार के प्रलोभनों से धर्मान्तरित किया जा रहा है। जिससे उनके विभिन्न संस्कार जैसे जन्मसंस्कार,विवाह,मृत्यु संस्कार आदि के समय विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है।
आगे उन्होंने धर्मान्तरण पर कठोर कानून की मांग करते हुए कहा कि अनुच्छेद 341 में धर्मान्तरित व्यक्ति को आरक्षण का लाभ नही मिलता है वैसा ही प्रावधान अनुच्छेद 342 में होना चाहिये ,की धर्मान्तरण करने वाले व्यक्ति को आदिवासी भाइयो को मिलने वाला आरक्षण का लाभ न मिले।जिससे कि उनके अधिकारों का हनन न हो एवं क्षेत्रीय एवम सामाजिक संतुलन बना रहे।सांसद की की इस मांग का विभिन्न संगठनों ने स्वागत किया एवं जल्द जल्द कानून बनने की आशा जताई।