व्यापार और उद्योग को मिलेगी नई उड़ान-थौरानी
रायपुर, 30 जुलाई। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी ने बताया कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल एवं दूरदर्शी नेतृत्व में भारत और ब्रिटेन के मध्य ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है। भारत के व्यापारी एवं उद्योगपति उत्साहित हैं । कर्मशील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुआ यह समझौता न केवल भारत के व्यापार और उद्योग जगत के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, बल्कि ‘मेक इन इंडिया फॉर द वल्र्ड’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक मजबूत आधार भी है।
श्री थौरानी ने बताया कि विकसित भारत 2047 के संकल्प एवं छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047 को पूरा करने में यह हस्ताक्षर मील का पत्थर साबित होगा। चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी ने कहा कि इस समझौते से भारतीय निर्यातकों को ब्रिटेन के विशाल बाजार में ड्यूटी-फ्री एक्सेस मिलेगा, जिससे कृषि, फार्मा, रसायन, एमएसएमई, वस्त्र, चमड़ा, खिलौना, जेम्स-जूलरी, इलेक्ट्रॉनिक, ऑटो पार्ट्स, इनोवेशन, टेबलवेयर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट व डिजिटल नेटवर्क, हस्तशिल्प एवं अन्य श्रम-प्रधान क्षेत्रों को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।
श्री थौरानी ने बताया कि साथ ही देश में अब लग्जरी कारें, सॉफ्ट ड्रिंक्स, कॉस्मेटिक उत्पाद, मेडिकल डिवाइसेस, एयरोस्पेस पार्ट्स, जूता कपड़ा, फैशन उत्पाद, आभूषण, रत्न, चॉकलेट, बिस्किट, ऑटो कंपोंनेटस जैसे अनेक उत्पाद सस्ते दर पर मिलेंगे। इससे जहां एक ओर निर्यात में वृद्धि होगी, वहीं दूसरी ओर देश में रोजगार सृजन को भी मजबूती मिलेगी साथ ही सस्ते दामों में उत्पाद मिलने से आर्थिक बचत भी होगी।
श्री थौरानी ने बताया कि देश-प्रदेश में अब व्यापारी एवं उद्योगपति साथियों के लिए व्यापार–उद्योग की संभावनाएं बढ़ेगी व उन्हें आर्थिक रुप से मजबूती मिलेगी। चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी ने आगे कहा कि ऊर्जावान प्रधानमंत्री द्वारा व्यापार-उद्योग हित को ध्यान में रखते हुए किया गया यह समझौता केवल दो देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों का विस्तार नहीं है, बल्कि यह भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने का संकेत है।
श्री थौरानी ने बताया कि भारत-ब्रिटेन रणनीतिक साझेदारी अब एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगी, जिससे निवेश, तकनीक और स्टार्टअप सेक्टर को भी अप्रत्याशित लाभ होगा। यह समझौता व्यापारियों के आत्मबल को बढ़ाएगा और देश को आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाने में मील का पत्थर साबित होगा। सबसे बड़ा लाभ यह है कि भारतीय उत्पादों को ब्रिटेन के बाजार में ड्यूटी-फ्री और बाधा रहित पहुंच मिलेगी, जिससे निर्यात की लागत घटेगी और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी, नए बाजार मिलेंगे और उत्पादन में तेजी आएगी।