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छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 4 नवंबर। रायपुर में चाइनीज मांझे से बच्चे की मौत के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को संतोषजनक मानते हुए स्वतः संज्ञान याचिका को निराकृत कर दिया है। अदालत ने कहा कि सरकार ने प्रभावी कार्रवाई की है और पिछले छह महीनों में ऐसी कोई और घटना नहीं हुई है।
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि भविष्य में नियमों और प्रतिबंधों का पालन सख्ती से किया जाए ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि बच्चे के परिजनों को कुल तीन लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है। पहले 50 हजार रुपए तत्काल सहायता के रूप में दिए गए थे और बाद में ढाई लाख रुपए अतिरिक्त प्रदान किए गए।
गौरतलब है कि यह मामला रायपुर के पचपेड़ी नाका क्षेत्र का है, जहां सात साल का एक बच्चा गार्डन में खेलते समय चाइनीज मांझे की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इसी तरह रायपुर के देवेंद्र नगर में एक महिला अधिवक्ता भी इसी मांझे से घायल हुई थीं।
घटना के बाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया था। अदालत ने पूछा था कि प्रतिबंध के बावजूद बाजारों में चाइनीज मांझा कैसे बिक रहा है। इसके बाद शासन ने अदालत को बताया कि प्रदेशभर में पुलिस को अलर्ट किया गया है और अवैध रूप से मांझा बेचने वाली दुकानों पर कार्रवाई की गई है।


