अंतरराष्ट्रीय
कीव, 25 मार्च। रूस ने सोमवार को पांच दिनों में तीसरी बार यूक्रेन की राजधानी कीव पर मिसाइलें दागी। रूस ने इसके साथ ही यूक्रेन के विभिन्न शहरों पर हवाई हमले तेज कर दिए हैं जबकि युद्ध में अग्रिम मोर्चों पर काफी हद तक शांति बनी हुई है।
यूक्रेन की बचाव सेवा ने बताया कि देश की राजधानी पर किए गए हमले में नौ लोग घायल हुए हैं और पेचेर्सकी जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
यूक्रेन की राष्ट्रीय पुलिस ने बताया कि मिसाइल के मलबे ने दो जिलों में घरों और एक अन्य जिले में एक स्थानीय कॉलेज जिम को क्षतिग्रस्त कर दिया।
कीव शहर सैन्य प्रशासन के प्रमुख सेरही पोपको ने बताया कि रूस ने दिन में कब्जे वाले क्रीमिया प्रायद्वीप से कीव पर दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, लेकिन दोनों को शहर के ऊपर हवा में ही निष्क्रिय कर दिया गया था।
रूस ने बृहस्पतिवार को छह सप्ताह में पहली बार कीव पर हमला किया, और सुबह होने से पहले दो दर्जन से अधिक मिसाइलें दागीं। रूस ने शुक्रवार को यूक्रेन के ऊर्जा क्षेत्र के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमला किया। इस हमले को रूसी धरती पर हाल के हमलों का प्रतिशोध बताया जा रहा है।
रूस के सीमावर्ती बेलगोरोड इलाके में यूक्रेन द्वारा की गई भीषण गोलाबारी के कारण क्रेमलिन को लगभग 9,000 बच्चों को निकालने की योजना की घोषणा करनी पड़ी।
रूस में एक संगीत कार्यक्रम पर हमले में 130 से अधिक लोगों के मारे जाने के तीन दिन बाद कीव पर बमबारी की गई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमले को यूक्रेन से जोड़ने की कोशिश की है जबकि इस्लामिक स्टेट समूह के एक सहयोगी ने इसकी जिम्मेदारी ली है।
विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन मॉस्को में हुए हमले का इस्तेमाल युद्ध के लिए समर्थन जुटाने और यूक्रेन पर हमले बढ़ाने के बहाने के रूप में कर सकते हैं।
इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने लगातार हमलों से देश को बचाने के लिए पश्चिमी साझेदारों से अधिक वायु रक्षा प्रणालियां मुहैया करने की अपनी अपील दोहराई है।
एपी धीरज रंजन रंजन रंजन 2503 2026 कीव (एपी)
मॉस्को के एक कॉन्सर्ट हॉल पर हमले में कम से कम 137 लोगों के मारे जाने के मामले में चार संदिग्ध हमलावरों के ख़िलाफ़ रूस ने मुक़दमा शुरू किया है.
मॉस्को की एक अदालत में सभी संदिग्धों को आंखों पर पट्टी बांधकर लाया गया जिसमें से एक शख़्स व्हीलचेयर पर था. सभी पर आतंकवाद के आरोप लगाए गए हैं.
इस्लामिक स्टेट समूह ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर कहा था कि क्रॉकस सिटी हॉल पर शुक्रवार को उसने हमला किया था.
वहीं रूसी अधिकारियों ने बिना सबूत के इस घटना में यूक्रेन के शामिल होने का आरोप लगाया है. लेकिन यूक्रेन ने इन दावों को बेतुका बताया है.
इन चार अभियुक्तों के नाम दालेरदज़ोन मिर्ज़ोयेव, सैदाकरामी मुरोदली राचाबलिज़ोदा, शम्सिदीन फ़रिदुनी और मुहम्मदासोबिर फ़ैजोव हैं.
सामने आए वीडियो में तीन अभियुक्तों को आंखों पर पट्टी बांधकर पुलिस रूसी राजधानी के बासमेनी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में ले जा रही है. सभी अभियुक्त घायल हालत में हैं. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान के विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक़ डार ने कहा है कि पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार बहाल करने पर ‘गंभीरता’ से विचार कर रहा है.
दोनों देशों के बीच अगस्त 2019 के बाद से व्यापार संबंध निलंबित हैं.
जियो न्यूज़ ने रिपोर्ट किया है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री डार ने ये बयान लंदन में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में दिया है. वो ब्रसल्ज़ में परमाणु ऊर्जा सम्मेलन में भाग लेकर लौट रहे थे.
डार ने शनिवार को कहा कि ‘पाकिस्तानी व्यापारी भारत के साथ व्यापार बहाल करना चाहते हैं.’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार बहाल करने पर विचार कर रहा है.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अख़बार ने डार के हवाले से लिखा, “भारत के साथ व्यापार के मामले को हम बेहद गंभीरता से देख रहे हैं.”
अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया था. (bbc.com/hindi)
तेल अवीव, 24 मार्च । इजराइल और हमास के बीच दोहा में चल रही मध्यस्थता वार्ता कुछ खास प्रगति नहीं कर पाई है। अमेरिका के प्रयासों के बावजूद इजराइल युद्धविराम समझौते के लिए अपनी शर्तों पर अड़ा हुआ है।
अमेरिका युद्धविराम तुरंत लागू करने पर जोर दे रहा है। दोनों पक्षों में बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन गुरुवार और शुक्रवार को मध्य पूर्व और इज़राइल में थे।
इजरायली रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि इजरायल अपनी शर्तों पर कायम रहेगा।
सूत्रों के मुताबिक, हमास प्रत्येक इजरायली महिला बंधक के बदले में 30 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई चाहता है, जबकि इजरायल ने कहा कि वह एक महिला बंधक के लिए ज्यादा से ज्यादा पांच कैदियों को रिहा कर सकता है। इज़राइल इस बात पर भी अड़ा हुआ है कि वह हत्या सहित गंभीर अपराधों के लिए जेल की सज़ा काट रहे फ़िलिस्तीनियों को रिहा नहीं करेगा।
सूत्रों के अनुसार, इज़राइल ने कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी और मिस्र के खुफिया प्रमुख मेजर जनरल अब्बास कामेल सहित मध्यस्थों से कहा है कि वह यह युद्ध जीतने की कगार पर है, हमास की केवल चार बटालियन बची हैं।
इज़रायल ने कहा है कि वह पहले ही हमास की मांगों पर सहमत हो चुका है और अब इजरायल की शर्तों पर बातचीत आगे बढ़ाई जानी चाहिए।
इज़राइल गाजा में और अधिक सहायता पहुंचाने के साथ-साथ 2000 विस्थापित फिलिस्तीनी परिवारों के पुनर्वास पर सहमत हुआ है।
शांति वार्ता के लिए इजरायली प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया ने सीआईए प्रमुख विलियम बर्न्स को बताया कि इजरायल अपनी शर्तों पर छह सप्ताह के अस्थायी युद्धविराम पर सहमत होगा।
सूत्रों के मुताबिक, इजरायल इस बात पर भी अड़ा हुआ है कि इजरायली बंधकों को दो बैच में रिहा किया जाए, जबकि हमास तीन पर जोर दे रहा है।
हमास ने कहा था कि वह पहली खेप में महिलाओं, वृद्धों, बीमार बंधकों को रिहा करेगा, दूसरी खेप में हिरासत में मौजूद सभी महिला इजरायली सैनिकों को रिहा करेगा। सूत्रों के मुताबिक, उग्रवादी संगठन ने मध्यस्थों से कहा कि तीसरी खेप में हिरासत में मौजूद सभी इजरायली पुरुष सैनिकों को रिहा कर दिया जाएगा।
हालांकि, इज़राइल चाहता है कि सभी नागरिक पुरुषों और सैनिकों को दूसरी खेप में ही रिहा कर दिया जाए।
(आईएएनएस)
जकार्ता, 24 मार्च। इंडोनेशिया में रविवार को 5.7 तीव्रता का भूकंप आया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की तरफ से ये जानकारी आई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार सुबह एंडे से 85 किमी दक्षिण पूर्व में आए भूकंप का केंद्र 9.44 डिग्री दक्षिण अक्षांश और 122.15 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था। इसकी गहराई 49.5 किमी थी।
एजेंसी ने सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की है।
इंडोनेशिया एक द्वीपसमूह देश है, यहां ज्वालामुखी और भूकंप की एक टेक्टॉनिक बेल्ट, प्रशांत रिंग ऑफ फायर के साथ स्थित है, जिसके चलते भूकंप का खतरा रहता है।
(आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 24 मार्च। पाकिस्तान ‘गंभीरता’ के साथ भारत से व्यापार संबंधों को फिर बहाल करने पर विचार कर रहा है। विदेश मंत्री मुहम्मद इसहाक डार ने यह बात कही है।
उनका यह बयान पड़ोसी देश के साथ राजनयिक रुख में संभावित बदलाव का संकेत देता है। भारत के साथ पाकिस्तान के व्यापार संबंध अगस्त, 2019 से निलंबित हैं।
‘जियो न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रसेल्स में परमाणु ऊर्जा शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद डार ने लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह टिप्पणी की।
उन्होंने इस बात का संकेत दिया कि नकदी संकट से जूझ रहे उनके देश का व्यापारिक समुदाय भारत के साथ व्यापारिक गतिविधियां फिर शुरू करने का इच्छुक है। विदेश मंत्री ने शनिवार को कहा, ‘‘पाकिस्तानी कारोबारी चाहते हैं कि भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू हो।’’ उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ व्यापार संबंध फिर बहाल करने पर विचार करेंगे।
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने डार के हवाले से कहा, ‘‘हम भारत के साथ व्यापार के मामलों को गंभीरता से देखेंगे।’’ उनकी टिप्पणियां भारत के प्रति राजनयिक रुख में संभावित बदलाव का संकेत देती हैं।
भारत सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ अपनी राजनयिक गतिविधियों को काफी कम कर दिया था।
हालांकि, पाकिस्तान लगातार कहता रहा है कि दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की जिम्मेदारी भारत पर है। पाकिस्तान का कहना था कि भारत के साथ बातचीत शुरू करने की पूर्व शर्त के तौर पर उसे (भारत को) कश्मीर में अपने ‘एकतरफा’ कदमों को वापस लेना होगा।
भारत ने हालांकि इस सुझाव को खारिज कर दिया है और पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का संपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश देश का अभिन्न हिस्सा है। (भाषा)
रफह क्रॉसिंग, (मिस्र) 24 मार्च। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने गाजा जाने का इंतजार कर रहे ट्रकों की लंबी कतार के पास खड़े होकर शनिवार को कहा कि यह गाजा को अधिक से अधिक मात्रा में जीवनरक्षक सहायता देने का समय है और उन्होंने इजराइल एवं हमास के बीच तत्काल संघर्ष विराम का आग्रह किया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने गाजा के रफह शहर के निकट मिस्र की सीमा में यह बात कही। इजराइल तमाम चेतावनियों के बावजूद रफह में जमीनी हमला शुरू करने की योजना पर काम कर रहा है। गाजा की आधी से ज्यादा आबादी ने वहां शरण ले रखी है।
गुतारेस ने कहा कि आगे कोई भी हमला हालात को और भी बदतर बना देगा। उन्होंने कहा कि हालात सिर्फ फलस्तीनी नागरिकों के लिए बदतर नहीं होंगे, बल्कि बंधकों और क्षेत्र के सभी लोगों के लिए भी बदतर होंगे।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल संघर्ष विराम के लिए अमेरिका प्रयोजित प्रस्ताव पर सहमति नहीं बनने के एक दिन बाद यह बात कही।
गुतारेस ने गाजा में सहायता सामग्री पहुंचाने में आ रही दिक्कतों को बार-बार रेखांकित किया जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय राहत एजेंसी इजराइल को जिम्मेदार ठहरा रही हैं।
उन्होंने कहा, “ हम मायूसी देख रहे हैं.. सीमा के एक ओर रुके हुए ट्रकों की लंबी कतार है और दूसरी तरफ भुखमरी का साया।”
मिस्र के उत्तर सिनाई प्रांत के गवर्नर अब्देल फादिल शौशा ने एक बयान में कहा कि करीब सात हजार ट्रक मिस्र से गाजा में प्रवेश करने का इंतजार कर रहे हैं।
गुतारेस ने कहा कि इज़राइल को गाजा तक मानवीय वस्तुओं की पहुंच सुनिश्चित कर अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी के साथ रमजान की करूणा की भावना के तहत सभी बंधकों को तत्काल छोड़ा जाए।
बाद में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मानवीय संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई एक साथ होनी चाहिए।
माना जाता है कि सात अक्टूबर को इज़राइल पर हमले के बाद हमास अपने साथ करीब 100 लोगों को बंधक बना कर ले गया गया था।
गुतारेस की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने विदेश मंत्री इज़राइल काट्ज के एक सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र प्रमुख पर विश्व निकाय को "यहूदी और और इज़राइल विरोधी" बनने की अनुमति देने का आरोप लगाया गया।
नोमान सिम्मी सिम्मी 2403 0901 रफह (एपी)
रूस ने एक बार फिर यूक्रेन की राजधानी कीएव पर कई हमले किए हैं. रूसी सेना ने कीएव पर हवाई हमलों की झड़ी लगा दी है. इसके बाद यूक्रेन ने पूरे देश में अलर्ट जारी कर दिया है.
हमलों के बीच कीएव में रहने वाले यूक्रेन के लोग शरण लेने के लिए मेट्रो स्टेशन की ओर भागते दिखे. इस बीच, यूक्रेन के पड़ोसी देश पोलैंड ने भी अपनी एयर फोर्स को सक्रिय कर दिया है.
पोलैंड ने अपनी सीमा से सटे यूक्रेनी शहर लवीव पर रूसी एयर स्ट्राइक के बाद अपने हवाई क्षेत्र की निगरानी काफी बढ़ा दी है.
कीएव पर रूसी हमला सुबह पांच बजे शुरू हो गया था. यूक्रेन की सेना ने कहा है कि वो रूसी हवाई हमलों का पुरज़ोर जवाब दे रही है. शुक्रवार को भी रूस ने दर्जनों मिसाइलें दागी थीं.
इससे एक बांध बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था. बांध के टूटने से पनबिजली केंद्र बंद हो गया था और कई यूक्रेनी इलाकों में अंधेरा छा गया था. (bbc.com/hindi)
रूस की राजधानी मॉस्को के कॉन्सर्ट हॉल में हुए हमले में मरने वालों की तादाद 93 पहुंच गई है. इस हमले में कम से कम 140 लोग घायल हो गए हैं.
हमले में मरने वालों की तादाद और अधिक बढ़ने की आशंका है.
इसी बीच रूस के सुरक्षा प्रमुख ने राष्ट्रपति पुतिन को बताया है कि इस हमले के संबंध में अब तक 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इनमें से चार सीधे तौर पर हमले से जुड़े हैं.
हमले की ज़िम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली है. इस्लामिक स्टेट मध्य पूर्व में अस्तित्व में आया एक चरमपंथी समूह है. इसके नियंत्रण में एक समय सीरिया से लेकर इराक़ के बीच 34 हज़ार वर्ग मील का इलाक़ा था.
अमेरिका ने भी कहा है कि इस्लामिक स्टेट का हमला करने का ये दावा विश्वसनीय लगता है. अमेरिका ने ये दावा भी किया है कि उसने दो सप्ताह पहले ही ऐसा हमला होने की आशंका रूस के साथ साझा की थी.
साल 2019 में इस समूह का लगभग ख़ात्मा कर दिया गया था. हालांकि इसी साल फ़रवरी में संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि ये समूह अफ़्रीका में अपनी पकड़ बना रहा है और इससे निबटना अभी भी सुरक्षा की चुनौती बना हुआ है.
एक अनुमान के मुताबिक़, पिछले साल तक इस्लामिक स्टेट से सीरिया और इराक़ में छह हज़ार से लेकर 10 हज़ार तक लड़ाके जुड़े हुए थे.
शुक्रवार शाम हुआ यह हमला रूस में पिछले 20 सालों का सबसे बड़ा हमला है. (bbc.com/hindi)
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन मॉस्को के कॉन्सर्ट हॉल में हमले का आरोप उनके देश पर मढ़ना चाहते हैं.
मॉस्को के एक कॉन्सर्ट हॉल पर हमले में शुक्रवार को बंदूक़धारियों की अंधाधुंध गोलीबारी में 133 लोग मारे गए थे. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने बताया है कि हमले में शामिल चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
ज़ेलेंस्की ने कहा, ''कल (शुक्रवार) मॉस्को में जो हुआ वो साफ है. लेकिन पुतिन और कुछ दूसरे नीच प्रवृति के लोग हमले का आरोप किसी ओर पर मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं.''
दरअसल पुतिन ने हमले के बाद कहा था कि हमलावर यूक्रेन की ओर भाग रहे थे.
ज़ेलेंस्की ने कहा रूस हमेशा पुरानी चाल चलता है, वो किसी भी चीज़ के लिए यूक्रेन पर आरोप लगाता है.
उन्होंने कहा, ''पुतिन इस हमले के बाद रूसी जनता को दिलासा देने के बजाय पूरे एक दिन तक चुप्पी साधे रहे. ये सोचते रहे कि किस तरह ये आरोप यूक्रेन पर मढ़ें." (bbc.com/hindi)
तुर्की में हुई एक खुदाई के दौरान मिले कंकालों के कान और होंठ के आस-पास पत्थरों के कुछ टुकड़े पाए गए हैं. पुरातत्वविदों का मानना है कि प्राचीन मानव भी हम इंसानों की तरह गहने पहनने के लिए अपने कान और होंठ छिदवाया करते थे.
दक्षिणी-पूर्वी तुर्की में प्राचीन मानवों के कंकाल से पत्थर से बने गहनों के अवशेष मिले हैं. करीब 11,000 साल पुराने एक कब्रिस्तान से मिले कंकालों के होंठ और गर्दन के आस-पास ये गहने पाए गए हैं. ये अवशेष इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्राचीन काल से ही इंसान गहने पहनने के लिए अपने शरीर में छेद करवाने के शौकीन रहे हैं. इस खोज से जुड़े पुरात्वविज्ञानियों का भी मानना है कि प्राचीन मानव भी इस बारे में सोचा करते थे कि वे कैसे दिख रहे हैं.
फर्टाइल क्रीसेंट जो कि मौजूदा तुर्की और इराक का हिस्सा है वहां हुई इस खुदाई के दौरान छोटे, पतले और नुकीले कई तरह के पत्थर मिले हैं. यह वह इलाका है जहां प्राचीन मानव खेती के लिए बसे थे, लेकिन वे इन पत्थरों का इस्तेमाल किस लिए किया करते थे अब तक इसका पता नहीं चल पाया था.
इस खुदाई से जुड़ी अंकारा यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एमा लूइज़ बायसल के मुताबिक अब तक इनमें से कोई भी पत्थर कभी भी किसी कंकाल के शरीर पर नहीं पाए गए थे. लेकिन बॉनचुकलू तरला में हुई खुदाई के दौरान ये पत्थर कंकालों के कान और होंठ के बेहद करीब पाए गए. इस खोज के बाद विशेषज्ञ इस नतीजे पर पहुंचे कि प्राचीन मानव भी शरीर के अलग-अलग अंगों को छिदवाकर गहने पहना करते थे.
कुछ कंकालों के निचले दांतों के पास ये पत्थर पाए गए जो इस ओर इशारा करत हैं कि प्राचीन मानव होंठ के निचले हिस्से छिदवाया करते थे. प्रोफेसर बायसल कहती हैं कि यह खोज बताती है कि प्राचीन मानव भी हमारी तरह ही इस बात की फिक्र करते थे कि वे कैसे दिखते हैं और दुनिया के सामने खुद को कैसे पेश करते हैं.
यह जगह 11,000 साल पहले शिकारियों ने स्थापित की थी जो आगे चलकर यहीं बस गए. यहां खुदाई की शुरुआत तब हुई जब स्थानीय किसानों को इस जगह पर हजारों बीड्स मिले. अब तक 100,000 से अधिक प्राचीन कलाकृतियां इस जगह से मिल चुकी हैं.
प्रोफेसर बायसल बताती हैं कि ये खुदाई न सिर्फ यह बताती हैं, "प्राचीन दौर में समाज का निर्माण कैसे हुआ बल्कि आधुनिक इंसानों और पाषाण युग के आखिरी चरण के इंसानों के बीच मौजूद समानता को भी दर्शाती हैं. ये उन पहलुओं को उजागर करती हैं जिनसे हम जुड़ा हुआ महसूस कर सकते हैं. यह दिखाती हैं कि कई मायनों में हम बिल्कुल एक जैसे थे.”
आरआर/आरपी (रॉयटर्स)
किस देश के लोग कितने खुश हैं, इसकी रैंकिंग दर्शाने वाले 'वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स' में फिनलैंड जहां शीर्ष पर कायम है, वहीं जर्मनी और नीचे फिसल गया है.
डॉयचे वैले पर येन्स थुराऊ की रिपोर्ट-
ऐसा नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में जर्मनी के लोगों में नाखुशी बढ़ी है, लेकिन दूसरे देश के लोग जरूर उनसे आगे निकल गए हैं. इसके चलते जर्मनी 24वें पायदान पर पहुंच गया है जबकि 30 साल की उम्र के लोगों मेंखुशी के स्तर के लिहाज से वह 47वें पायदान पर है. अमेरिका के मामले में भी कुछ इसी प्रकार का रुझान देखने को मिला है, जिसकी समग्र रैंकिंग 23 आंकी गई. इस सूची में अमेरिका पहली बार शीर्ष 20 देशों की सूची से बाहर हुआ है, जिसके पीछे युवाओं में उल्लेखनीय नाखुशी को जिम्मेदार माना जा रहा है.
कोस्टा रिका और कुवैत ने शीर्ष दस में जगह बनाई, लेकिन इनकी गिनती बड़े देशों में नहीं होती. डेढ़ करोड़ से अधिक आबादी वाले नीदरलैंड्स और ऑस्ट्रेलिया ही ऐसे देश हैं, जो शीर्ष दस में शामिल हो सके. यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में तैयार की गई, जिसके लिए अमेरिकी पोलिंग संगठन गैलप के डाटा का इस्तेमाल किया. सर्वे में 143 देशों एवं क्षेत्रों के लोगों से जीडीपी प्रति व्यक्ति, सामाजिक सहयोग, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार जैसे पहलुओं पर शून्य से लेकर 10 तक अंक प्रदान करने के लिए कहा था.
जर्मन नाखुश क्यों हैं?
इस वर्ष की रिपोर्ट वर्ष 2021 से 2023 के आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें कुछ अवधि कोविड महामारी वाले दौर की तो कुछ हिस्सा यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के दौर की है.
उत्तरी जर्मनी में कंस्ट्रक्टर यूनिवर्सिटी ब्रेमन में समाज विज्ञानी हिल्के ब्रोकमन ने कहा, "अन्य देशों के लोगों की तुलना में जर्मनी की जनता ने युद्ध को लेकर कहीं अधिक संवेदनशील प्रतिक्रिया व्यक्ति की, जिसके पीछे संभवतः हमारा इतिहास हो सकता है.”
जर्मनी में जनता के मिजाज पर नजर रखने वाले शोधकर्ताओं ने सामाजिक-आर्थिक स्थिति और बेहतरी के निजी भावों के बीच विचलन को पहले ही भांप लिया था. देश की अपेक्षाकृत लचर रैंकिंग के पीछे ब्रोकमन को मैक्रो (वृहद आर्थिक) नीतियां भी जिम्मेदार लगती हैं.
उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "आपको इस बात का संज्ञान लेना होगा कि जर्मन राज्य विशेष रूप से बहुत दरियादिल नहीं हैं. खासतौर से खर्च में किफायत से जुड़ी नीतियां यकीनन खुशनुमा माहौल के लिए अनकूल परिवेश नहीं बनातीं.” उनके हिसाब से सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की कमजोरियां-गड़बड़ियां भी किसी प्रकार की खुशी में योगदान नहीं देती हैं.
उनका कहना है कि जरा इसकी तुलना स्कैंडेनेवियाई या नॉर्डिक देशों से कीजिए, जहां सामाजिक सुरक्षा का दायरा न केवल विस्तृत, बल्कि ठोस भी है, जिससे वहां एक प्रकार की मूलभूत एकजुटता का भाव बनता है, जिसकी जर्मनी जैसे पारंपरिक कल्याणकारी राज्य में कमी महसूस होती है.
युवाओं और वृद्धों में कौन खुश?
इस वर्ष की हैप्पीनेस रिपोर्ट में उम्र के पहलू पर भी गौर किया. इसके अंतर्गत जर्मनी, नॉर्वे, स्वीडन, फ्रांस, ब्रिटेन और स्पेन में युवाओं की तुलना में जहां वृद्धों में अपेक्षाकृत अधिक खुशी देखी गई तो पुर्तगाल और ग्रीस जैसे देशों में इसका उलट रुझान देखने को मिला.
ये परिणाम लंबे समय से चली आ रही उस धारणा को धता बताते हैं, जिसके अनुसार यही मान्यता है कि युवा लोग कहीं ज्यादा खुश होते हैं और उम्र बढ़ने के साथ ही उनकी खुशी काफूर होने लगती है, क्योंकि उन्हें महसूस होने लगता है कि उनकी तमाम अपेक्षाएं-आकांक्षाएं तो अधूरी रह गईं.
समाजशास्त्री ब्रोकमन का मानना है कि संबंधों की मजबूत साझेदारियां किसी की भी खुशी में खासा इजाफा कर सकती हैं और ऐसी साझेदारियां अक्सर उम्र बढ़ने के साथ स्थापित होती जाती हैं.
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2012 के बाद से हर साल आनी शुरू हुई है. उसी साल संयुक्त राष्ट्र ने भूटान की जन-प्रसन्नता पर जोर देने वाली संकल्पना को अपनाया था और प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस का आयोजन आरंभ किया. (dw.com)
मॉस्को, 23 मार्च। रूस की राजधानी मॉस्को में शुक्रवार को हमलावरों ने एक बड़े समारोह स्थल पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसके कारण 60 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए।
हमलावरों ने गोलीबारी के बाद समारोह स्थल को आग लगा दी। इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
कुछ दिन पहले ही देश में हुए चुनाव में जीत हासिल कर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सत्ता पर अपनी पकड़ को और मजबूत किया था।
इस्लामिक स्टेट समूह ने सोशल मीडिया पर संबद्ध चैनलों पर साझा किए गए एक बयान में हमले की जिम्मेदारी ली। इस्लामिक स्टेट समूह ने अपनी समाचार एजेंसी अमाक द्वारा साझा किए गए एक बयान के जरिए कहा कि उसने मॉस्को के बाहरी इलाके क्रास्नोगोर्स्क में ‘ईसाइयों’ की एक बड़ी सभा पर हमला किया, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और घायल हो गए।
फिलहाल दावे की प्रामाणिकता सत्यापित नहीं की जा सकी है लेकिन एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी को पता चला था कि अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट समूह की शाखा मॉस्को में हमले की योजना बना रही थी और उन्होंने रूसी अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की थी।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हमलावरों का क्या हुआ। इसे रूस में पिछले दो दशक में हुआ सबसे भीषण आतंकी हमला माना जा रहा है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब देश का यूक्रेन के साथ युद्ध तीसरे साल भी जारी है।
मॉस्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने हमले को ‘‘बहुत बड़ी त्रासदी’’ बताया।
रूस के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास ‘क्रेमलिन’ ने बताया कि हमलावरों के ‘क्रोकस सिटी हॉल’ में हमला करने के कुछ ही मिनट बाद पुतिन को इस बारे में सूचित कर दिया गया था। यह हॉल मॉस्को के पश्चिमी छोर पर स्थित एक बड़ा संगीत स्थल है, जिसमें 6,200 लोग बैठ सकते हैं।
यह हमला तब हुआ जब क्रोकस सिटी हॉल में प्रसिद्ध रूसी रॉक बैंड 'पिकनिक' के एक संगीत कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोगों की भीड़ जमा थी। राज्य की शीर्ष आपराधिक जांच एजेंसी ‘जांच समिति’ ने शनिवार तड़के बताया कि इस हमले में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने 145 घायलों की सूची जारी की जिनमें से 115 अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें पांच बच्चे भी शामिल हैं।
कुछ रूसी समाचार रिपोर्ट में बताया गया है कि हमलावरों द्वारा विस्फोटक फेंकने के बाद लगी आग में और अधिक पीड़ितों के फंसे होने की आशंका है।
एक वीडियो में इमारत में आग लगी हुई और रात को आसमान में धुएं का एक बड़ा गुबार उठते हुए दिखायी दिया। हमले के बाद सड़कों पर दमकल वाहन, एम्बुलेंस तथा अन्य आपात वाहन और आसमान में हेलीकॉप्टर उड़ते हुए देखे गए।
अभियोजक कार्यालय ने बताया कि लड़ाकू पोशाक पहने कई पुरुष समारोह स्थल में घुसे और उन्होंने वहां मौजूदा लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
हमले के दौरान हॉल में मौजूद डेव प्रिमोव ने कहा, ‘‘लगातार गोलीबारी होने लगी। हम सब उठे और गलियारे की ओर बढ़ने की कोशिश करने लगे। लोग घबराने लगे और भगदड़ मच गयी। कुछ लोग नीचे गिर गए जिन्हें कुछ अन्य लोगों ने कुचल दिया।’’
रूसी मीडिया पर चैनलों द्वारा पोस्ट की वीडियो में हमलावर असॉल्ट राइफल से लोगों को करीब से गोली मारते दिखायी दिए। एक वीडियो में समारोह स्थल में मौजूद एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना गया कि हमलावरों ने इमारत को आग के हवाले कर दिया है तथा इसके साथ ही लगातार गोलियां चलने की आवाज आ रही थी।
रूसी मीडिया ने बताया कि समारोह स्थल की सुरक्षा में तैनात कर्मियों के पास बंदूकें नहीं थीं और उनमें से कुछ हमले की शुरुआत में ही मारे गए। कुछ रूसी समाचार संगठनों ने बताया कि हमलावर विशेष बलों और दंगा रोधी पुलिस के आने से पहले ही भाग गए। खबरों में कहा गया है कि पुलिसकर्मी उन कई वाहनों की तलाशी ले रहे हैं जिन्हें हमलावरों ने फरार होने में इस्तेमाल किया होगा।
अक्टूबर 2015 में इस्लामिक स्टेट ने सिनाई में रूस के एक यात्री विमान को निशाना बनाया था जिसमें विमान में सवार सभी 224 यात्रियों की मौत हो गयी थी। इनमें से ज्यादातर मिस्र से छुट्टियां मनाकर लौट रहे रूसी नागरिक थे। उसने पिछले कुछ वर्षों में रूस के संवेदनशील कॉकस और अन्य क्षेत्रों में भी कई हमलों की जिम्मेदारी ली है। उसने रूस तथा पूर्व सोवियत संघ के अन्य हिस्सों से लड़ाकों की भर्ती की है। (एपी)
ड्यूक और डचेज ऑफ ससेक्स ने प्रिंसेस ऑफ वेल्स के अच्छे स्वास्थ्य और उनके जल्दी ठीक होने की कामना की है.
प्रिंसेस ऑफ वेल्स केट मिडलटन की ओर से कैंसर होने की सूचना साझा करने के बाद प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन ने उम्मीद जताई कि केट मिडलटन और उनका परिवार निजी और शांतिपूर्ण माहौल में इस बीमारी से उबर जाएगा.
प्रिंसेस ऑफ वेल्स ने शुक्रवार को एक वीडियो साझा करते हुए कहा था कि उन्हें कैंसर है और वो इसके इलाज के शुरुआती चरण में हैं. एक वीडियो बयान में उन्होंने कहा कि 'अविश्वसनीय रूप से कुछ बेहद कठिन महीनों' के बाद ये उनके लिए 'काफी बड़ा झटका' था.
लेकिन उन्होंने सकारात्मक संदेश देते हुए कहा, ''मैं ठीक हूं और दिन ब दिन मज़बूत होती जा रही हूं.''
हैरी और मेगन ने जनवरी 2020 में अपनी शाही भूमिका छोड़ दी थी. उसके बाद वो जून महीने में कैलिफोर्निया चले गए थे. उनका कहना था कि उन्हें अपने बेटे आर्ची को बड़ा करने के लिए जगह चाहिए थी. साल 2021 में उनकी दूसरी संतान लिलिबेट का जन्म हुआ था. (bbc.com/hindi)
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के विदेश मंत्री को बताया है कि इसराइल रफ़ाह में दाखिल होगा.
नेतन्याहू ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि इसमें अमेरिका सहयोग करेगा. लेकिन अगर अमेरिका का सहयोग नहीं भी हुआ तो भी इसराइल शहर में घुसने के लिए तैयार है.
रफ़ाह में अभी 15 लाख फ़लस्तीनी शरण लिए हुए हैं.
ग़ज़ा में इसराइल के लगातार हमले के बाद उत्तरी हिस्से से भागे लोगों ने रफ़ाह में शरण लिया हुआ है.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका की ओर से ग़ज़ा में लाए गए संघर्ष विराम प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया. इसके समर्थन में 11 जबकि विरोध में तीन वोट पड़े. रूस और चीन ने वीटो का इस्तेमाल किया. अल्जीरिया ने भी इसके ख़िलाफ़ वोट किया. (bbc.com/hindi)
रूस के एक कंसर्ट हॉल में हथियारबंद लोगों की गोलीबारी में 12 लोगों के मारे जाने और 50 लोगों के घायल होने की ख़बर आ रही है.
समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक रूसी मानवाधिकार आयोग ने इसे ‘आतंकवादी हमला’ क़रार दिया है.
रशियन न्यूज़ एजेंसियों के मुताबिक, यह घटना मॉक्सो के पास क्रोकस सिटी हॉल में हुई. यहां एक कंसर्ट होने वाला था.
बीबीसी रशिया एडिटर स्टीव रोजेनबर्ग के अनुसार, कंसर्ट से पहले भेष बदकर हाल में घुसे हथियारबंद लोगों ने बेतहाशा गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद अफरा तफरी फैल गई.
इमारत में आग लग गई है और माना जा रहा है कि कई लोग अंदर फंसे हुए हो सकते हैं.
मौके पर पहुंचे सुरक्षा बलों ने क़रीब 100 लोगों को बेसमेंट से निकाल कर बचाया है.
आरआईए नोवोस्ती समाचार एजेंसी के अनुसार, कम से कम तीन हमलावर हॉल में घुसे थे.
एक प्रत्यक्षदर्शी विटाली ने कहा, “मैंने अपनी आंखों से देखा कि टेररिस्ट लोगों को गोली मार रहे हैं. उन्होंने पेट्रोल बम फेंका और हर तरफ़ आग लग गई. हम लोग निकलने वाले दरवाजे पर पहुंचे लेकिन बंद था इसलिए बेसमेंट में चले गए.”
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि जब गोलीबारी शुरू हुई तो माता पिता अपने बच्चों के साथ बालरूम डांसिंग प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए खड़े थे.
प्रिंसेस ऑफ वेल्स केट मिडलटन ने कहा है कि उन्हें कैंसर है और वो इसका इलाज करवा रही हैं. इलाज अभी शुरुआती चरण में है.
एक वीडियो बयान में उन्होंने कहा कि 'अविश्वसनीय रूप से कुछ बेहद कठिन महीनों' के बाद ये उनके लिए 'काफी बड़ा झटका' था. लेकिन उन्होंने सकारात्मक संदेश देते हुए कहा, ''मैं ठीक हूं और दिन ब दिन मज़बूत होती जा रही हूं.'' प्रिंसेस ऑफ वेल्स के कैंसर के बारे में ज्यादा जानकारी साझा नहीं की गई है.
लेकिन केन्सिंगटन पैलेस ने विश्वास जताया है कि वो पूरी तरह से ठीक हो जाएंगी.
प्रिसेंस ऑफ वेल्स की ओर से जारी वीडियो संदेश में कहा गया है कि जब जनवरी में उनके पेट में सर्जरी हुई थी तो उन्हें पता नहीं था कि उनके शरीर में कैंसर है.
उन्होंने कहा, ''हालांकि ऑपरेशन के बाद हुए टेस्ट से पता चला कि मेरे शरीर में कैंसर है. मेरी मेडिकल टीम ने सलाह दी कि मुझे प्रिव्हेंटिव कीमोथेरेपी का कोर्स लेना चाहिए. मैं इलाज के शुरुआती चरण में हूं.''
प्रिसेंस ऑफ वेल्स की कीमोथेरेपी फरवरी महीने के आखिर में शुरू हुई थी. पैलेस ने कहा है कि वह फिलहाल कोई निजी मेडिकल जानकारी साझा नहीं करेगा. वो ये भी नहीं बता सकता कि ये किस तरह का कैंसर है. (bbc.com/hindi)
थिम्पू, 22 मार्च प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भूटान के लोगों द्वारा अपने सुंदर देश में उनका ‘‘यादगार स्वागत’’ करने के लिए वह आभारी हैं। साथ ही उन्होंने भारत-भूटान मित्रता के ‘‘नयी ऊचांइयां छूते रहने' की उम्मीद जताई।
मोदी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर इस हिमालयी देश में पहुंचे हैं। उनकी यात्रा का उद्देश्य ‘पड़ोस प्रथम’ की नीति के तहत भूटान के साथ भारत के अनूठे संबंधों को और मजबूत बनाना है।
मोदी का पारो हवाई अड्डे पर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। हवाई अड्डे पर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने उनकी अगवानी की।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भूटान में गर्मजोशी से स्वागत के लिए आपका शुक्रिया प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे। भारत-भूटान मित्रता नयी ऊंचाइयां छूती रहे।’’
पारो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से थिम्पू तक के 45 किलोमीटर लंबे मार्ग को भारत और भूटान के झंडों से सजाया गया था और मार्ग के दोनों ओर खड़े भूटानी लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
बाद में, पारंपरिक भारतीय पोशाक पहने भूटानी युवाओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री मोदी का देश में स्वागत करते हुए उनके द्वारा लिखे एक गरबा गीत पर नृत्य किया।
मोदी ने उन्हें नृत्य करते हुए देखा और प्रस्तुति के अंत में उनकी सराहना की।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं भूटान के लोगों खासतौर से युवा बच्चों का उनके खूबसूरत देश में यादगार स्वागत करने के लिए आभारी हूं।’’ उन्होंने भूटान के विभिन्न वर्गों के लोगों से बातचीत करते हुए कुछ तस्वीरें भी साझा कीं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह यात्रा भारत और भूटान के बीच नियमित रूप से होने वाली उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा और सरकार की ‘पड़ोस प्रथम की नीति’ पर जोर देने की कवायद के अनुरूप है।
भूटान के प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर हिंदी में लिखा, ‘‘भूटान में आपका स्वागत है मेरे बड़े भाई।’’
इससे पहले मोदी ने भूटान की अपनी यात्रा के बारे में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया था। उन्होंने कहा था, "भूटान के रास्ते में हूं, जहां मैं भारत-भूटान साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लूंगा। मैं भूटान नरेश, भूटान के चौथे नरेश और प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे से मुलाकात करने के लिए उत्साहित हूं।’’
यह यात्रा 21 से 22 मार्च को होनी थी लेकिन भूटान में खराब मौसम के कारण इसे टाल दिया गया था।
इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के चौथे नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मुलाकात करेंगे। वह भूटान के अपने समकक्ष शेरिंग टोबगे के साथ भी बातचीत करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बयान में कहा था कि यह यात्रा दोनों पक्षों को पारस्परिक हित के द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान करने और दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए आपसी अनुकरणीय साझेदारी को विस्तारित एवं मजबूत करने के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगी।
बयान में कहा गया था कि भारत और भूटान के बीच आपसी विश्वास, समझ एवं सद्भावना पर आधारित एक अनूठी व स्थायी साझेदारी है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमारी साझी आध्यात्मिक विरासत और दोनों देशों के लोगों के बीच मधुर संबंध हमारे असाधारण संबंधों में घनिष्ठता एवं जीवंतता का समावेश करते हैं।"
प्रधानमंत्री का पारंपरिक बौद्ध मठ तशिछो डोंग में भव्य स्वागत किया जाएगा।
वह थिम्पू में भारत सरकार के सहयोग से निर्मित आधुनिक सुविधाओं वाले अस्पताल ‘ज्ञाल्तसुएन जेत्सुन पेमा मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल’ का भी उद्घाटन करेंगे।
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे गत सप्ताह भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर गए थे। यह जनवरी में शीर्ष पद संभालने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा थी।
भारत और भूटान के बीच राजनयिक संबंध 1968 में स्थापित हुए थे। भारत-भूटान संबंधों की मूल रूपरेखा 1949 में दोनों देशों के बीच हुई मित्रता एवं सहयोग संधि रही है जिसमें फरवरी 2007 में संशोधन किया गया था। (भाषा)
बीजिंग, 22 मार्च । यूके-चाइना बिजनेस काउंसिल के तत्वावधान में "यूके-चाइना बिजनेस फोरम-2024" हाल ही में यूके के लंदन में आयोजित हुआ, जिसमें चीनी और ब्रिटिश दोनों उद्यमों के लगभग 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
उपस्थित लोगों ने सहयोग की प्रचुर संभावनाओं को रेखांकित करते हुए चीन की अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और गतिशीलता पर प्रकाश डाला। पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारियों को बढ़ावा देने और विकासात्मक अवसरों का लाभ उठाने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए प्रतिनिधियों ने सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक समर्पण व्यक्त किया।
ब्रिटेन में चीनी राजदूत चेंगत्सेक्वांग ने एक मुख्य भाषण दिया, जिसमें चीन-ब्रिटेन आर्थिक और व्यापारिक संबंधों में निहित महत्वपूर्ण क्षमता पर जोर दिया गया, जो दोनों देशों के मौलिक हितों के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने नई ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बायोमेडिसिन और डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे उभरते क्षेत्रों में सहकारी रास्ते तलाशने की वकालत करते हुए चीन और ब्रिटेन के व्यापारिक समुदायों के बीच एक रणनीतिक संरेखण का आग्रह किया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के तालमेल से आपसी लाभ और उभय-जीत वाले परिणामों को साकार करने में मदद मिलेगी। वहीं, यूके के वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के मंत्री बिमअफोलामी ने व्यापार, वित्त, शिक्षा और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में चीन के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए यूके की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों के संबंध में साझा चिंताओं पर प्रकाश डालते हुए, अफोलामी ने इन गंभीर मुद्दों से निपटने में सहयोग करने के लिए दोनों देशों की तत्परता को रेखांकित किया। इसके अलावा, उन्होंने ब्रिटिश उद्यमों और उनके चीनी समकक्षों के बीच मजबूत साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटिश सरकार के दृढ़ समर्थन की पुष्टि की। (आईएएनएस)
जकार्ता, 22 मार्च । इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत में शुक्रवार को 6.0 तीव्रता का भूकंप आया। देश के जियोफिजिक्स एजेंसी ने ये बात कही है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जकार्ता समय के अनुसार सुबह 11.22 बजे समुद्र के नीचे भूकंप आया। इसका केंद्र तुबन रीजेंसी से 132 किमी उत्तर पूर्व में और 10 किमी की गहराई में स्थित था।
एजेंसी ने सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की है। भूकंप के झटकों से समुद्र में बड़ी लहरें नहीं उठेंगी।
इंडोनेशिया एक द्वीपसमूह देश है जो ज्वालामुखी और भूकंप की एक टेक्टॉनिक बेल्ट, पैसेफिक रिंग ऑफ फायर में स्थित है। यहां भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है।
(आईएएनएस)
रामल्लाह, 22 मार्च । इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक के कई शहरों में छह फिलीस्तीनियों को मार डाला।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को तुल्कर्म शहर में नूर शम्स फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर में इजरायली सेना की छापेमारी के दौरान हुई झड़प में छह फिलिस्तीनियों में से चार की मौत हो गई।
फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी और सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, उनमें से दो लोगों की मौत इजरायली सैनिकों की फायरिंग और अन्य दो की मौत ड्रोन हमले में हुई।
फ़िलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से बताया, ''इजरायली सेना ने सैन्य बुलडोजरों के साथ गुरुवार को तुल्कर्म शहर और शरणार्थी शिविर पर धावा बोल दिया और सख्त घेराबंदी कर दी।''
इजरायली सेना ने गुरुवार को दो अन्य घटनाओं में अल-बिरेह के पास अल-अमारी शरणार्थी शिविर में मोहम्मद सलहिया (19) और बेथलेहम के दक्षिण में एक इजरायली बस्ती के पास समेह जायतून (63) को मार डाला। दोनों घटनाओं पर इजरायली सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है।
फिलिस्तीनी आंकड़ों के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 से वेस्ट बैंक में इजरायली सेना ने कम से कम 450 फ़िलिस्तीनियों को मार दिया है।
(आईएएनएस)
गाजा, 22 मार्च । गाजा में इजराइल के हमले में मरने वालोंं की संख्या बढ़कर 31,988 हो चुकी है। हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये जानकारी दी है।
मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि इजराइली सैनिकों ने 24 घंटे में 64 फिलिस्तीनियों को मौत के घाट उतार दिया है। इस दौरान 92 लोग जख्मी हुए हैं। जब से इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ, तब से मरने वालों का आंकड़ा 31,988 तक पहुंच चुका है और 74,2023 लोग घायल हुए हैं।
इजराइली सेना की कार्रवाई में अल शाइफा अस्पताल में अब तक चार दिनों में 600 फिलिस्तीनियों को पकड़ा जा चुका है और 140 नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया गया है।
बयान में कहा गया है, "कई तरह के हथियार और दस्तावेज इस दौरान बरामद किए गए हैं।"
-- (आईएएनएस)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 22 मार्च। अमेरिका में राम मंदिर रथयात्रा सोमवार को शिकागो से शुरू होगी और अगले 60 दिन में 8,000 मील से अधिक की दूरी तय करते हुए 48 राज्य के 851 मंदिरों में जाएगी। आयोजकों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
रथयात्रा के आयोजक संगठन ‘विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका’ (वीएचपीए) के महासचिव अमिताभ मित्तल ने बताया कि टोयोटा सिएना वैन के ऊपर बने रथ में भगवान राम, देवी सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियों के साथ-साथ अयोध्या के राम मंदिर से लाया गया विशेष प्रसाद और प्राण प्रतिष्ठा पूजित अक्षत कलश भी होगा।
मित्तल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राम मंदिर के उद्घाटन ने दुनिया भर के 1.5 अरब से अधिक हिंदुओं के दिलों को खुशी से भर दिया है और उनमें एक नई ऊर्जा और विश्वास का संचार किया है। यह राष्ट्रव्यापी रथ यात्रा 25 मार्च को अमेरिका के शिकागो से शुरू होगी और 8,000 मील से अधिक की दूरी तय करेगी। यह यात्रा अमेरिका के 851 मंदिर और कनाडा के लगभग 150 मंदिरों में जाएगी।’’
कनाडा में रथ यात्रा का आयोजन ‘विश्व हिंदू परिषद ऑफ कनाडा’ द्वारा किया जा रहा है।
अमेरिका के सभी मंदिरों की शीर्ष संस्था ‘हिंदू मंदिर सशक्तीकरण परिषद’ (एचएमईसी) की तेजल शाह ने कहा, ‘‘इस रथ यात्रा का उद्देश्य हिंदू धर्म के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना, उन्हें शिक्षित करना और सशक्त बनाना है।’’
उन्होंने कहा कि यह यात्रा सभी हिंदुओं को एकजुट होने और इसमें भाग लेने का अवसर प्रदान करेगी और इससे हिंदू लोकाचार और धर्म का पुनरुत्थान होगा।
मित्तल ने कहा कि इस यात्रा की योजना बनाने और इसके आयोजन में मदद के लिए कई स्वयंसेवकों ने वीएचपीए में पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में यह पहली बार है जब हिंदू समुदाय द्वारा इस तरह की यात्रा का आयोजन किया गया है जिसके तहत रथ रूपी वैन को अमेरिका के 800 से अधिक मंदिरों तक ले जाया जाएगा।
यात्रा 23 अप्रैल को श्री हनुमान जयंती के दिन इलिनोइस के शुगर ग्रोव में समाप्त होगी। (भाषा)
-आज़म ख़ान
लाहौर की एक स्थानीय अदालत ने उस शख़्स को सात महीने क़ैद और पांच लाख रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई है जिसने अपनी पहली बीवी से लिखित इजाज़त और इसके लिए क़ानूनी शर्तें पूरी किए बिना दूसरी शादी की है.
अदालत ने कहा है कि अगर कसूरवार जुर्माने की रक़म अदा नहीं करता है तो उसे और एक माह क़ैद की सज़ा होगी.
फ़ैमिली कोर्ट के जज अदनान लियाक़त ने इस सज़ा को एक हफ़्ते के लिए स्थगित कर दिया ताकि अभियुक्त अगर चाहे तो संबंधित अदालत में इस सज़ा के ख़िलाफ़ अपील कर सकें.
अदालत के अनुसार, चूंकि सज़ा एक साल से कम की है, इस वजह से अभियुक्त को अपील का मौक़ा दिया गया है.
अगर अभियुक्त संबंधित अदालत नहीं जाते या उनकी अपील ख़ारिज हो जाती है तो उस स्थिति में उन्हें जेल भेज दिया जाएगा.
इस मामले की शुरुआत 4 सितंबर, 2021 को उस वक़्त हुई जब लाहौर की रहने वाली एक महिला ने अपने पति के ख़िलाफ़ स्थानीय अदालत में आवेदन देकर यह शिकायत की कि उनके शौहर ने उनकी इजाज़त के बिना दूसरी शादी कर ली है.
महिला ने दावा किया कि न केवल दूसरी शादी उनकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ की गई बल्कि उनके शौहर ने इससे पहले क़ानूनी तरीक़ा भी नहीं अपनाया. यह क़ानून यूनियन काउंसिल से दूसरी शादी का इजाज़तनामा लेने से संबंधित है.
महिला ने अदालत में दिए अपने आवेदन में कहा कि उनके शौहर का यह क़दम क़ानून के ख़िलाफ़ है, इसलिए अदालत क़ानून के अनुसार अपना फ़ैसला सुनाए.
सुनवाई के दौरान पति ने अदालत को बताया कि उनकी पहली शादी आवेदन देने वाली महिला के साथ 24 सितंबर, 2011 को हुई थी मगर लगातार कोशिशों के बावजूद उनकी पत्नी गर्भधारण नहीं कर पा रही थीं.
अपने दावों के सबूत में पति ने अपनी पहली बीवी की मेडिकल रिपोर्ट अदालत को सौंपी और कहा कि उन्होंने हर इलाज करवाया और ख़र्च किया मगर वह पिता न बन सके. इसलिए उन्होंने दूसरी शादी का फ़ैसला किया.
इस बारे में पति ने अदालत को बताया कि हालांकि लिखित तौर पर तो नहीं, मगर पहली बीवी के भाई और पिता की मौजूदगी में उन्होंने अपनी पत्नी से ज़बानी इजाज़त ली थी. इसके बाद उन्होंने 22 मार्च, 2021 को दूसरी शादी कर ली.
पति का दावा था कि न तो उन्होंने दूसरी बीवी से पहली शादी छिपाई और न ही पहली बीवी से दूसरी शादी की बात छिपाई. उनके अनुसार, उन्होंने अपने दूसरे निकाहनामे में भी ख़ुद को शादीशुदा बताया है.
लेकिन अदालती कार्यवाही के दौरान पहली बीवी ने पति के इन दावों को ग़लत बताया.
पत्नी के आवेदन देने के लगभग साढ़े तीन साल बाद इस हफ़्ते अदालत ने इस महिला के पक्ष में अपना फ़ैसला सुनाया है.
इस केस के विस्तृत फ़ैसले के अनुसार, पिछले साढ़े तीन साल के दौरान होने वाली सुनवाइयों में पति ने पहली बीवी की ओर से लगाए गए आरोपों को ख़ारिज कर दिया और दावा किया कि उन्होंने दूसरी शादी से पहले पहली बीवी से ज़बानी इजाज़त ली थी.
लेकिन अभियुक्त ने यह माना कि वह दूसरी शादी से पहले अपनी संबंधित यूनियन काउंसिल से औपचारिक अनुमति पत्र नहीं ले सके थे.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद लाहौर के फ़ैमिली कोर्ट ने पति को मुस्लिम फ़ैमिली लॉज़ ऑर्डिनेंस, 1961 की धारा 6 के उल्लंघन का दोषी बताया है.
अदालत ने कहा है कि हालांकि मुस्लिम व्यक्ति को एक ही वक़्त में चार शादियां करने की इजाज़त है लेकिन इसके लिए कुछ क़ानूनी शर्तें भी पूरी करनी होती हैं.
पाकिस्तान में निकाह, तलाक़ और शादी-ब्याह के दूसरे मामलों से संबंधित क़ानून मुस्लिम फ़ैमिली लॉज़ के तहत आते हैं.
मुस्लिम फ़ैमिली लॉज़ सन 1961 में ऑर्डिनेंस के रूप में लागू किया गया था. बिना इजाज़त दूसरी शादी करने के इस मामले में अभियुक्त को इसी ऑर्डिनेंस की धारा 6 के तहत सज़ा सुनाई गई है.
ऑर्डिनेंस की धारा 6 एक से अधिक शादियों के बारे में है.
उसके अनुसार, पहली शादी रहते हुए कोई शख़्स दूसरी शादी उस वक़्त तक नहीं कर सकता जब तक कि वह आर्बिट्रेशन काउंसिल (यूनियन काउंसिल) से इसके लिए लिखित अनुमति पत्र न ले ले.
इसके लिए काउंसिल में दिए जाने वाले आवेदन के साथ आवेदन देने वाले को फ़ीस जमा करवानी होती है. इसके अलावा पहली शादी के रहते हुए दूसरी शादी करने की वजह लिखनी होती है.
साथ ही साथ यह भी बताना होता है कि नई शादी के लिए पहली बीवी या बीवियों से इजाज़त ले ली गई है.
यह आवेदन मिलने के बाद काउंसिल आवेदनकर्ता और उसकी पहली बीवी को अपना एक-एक प्रतिनिधि बनाने का आदेश देती है और मामला मध्यस्थता कमेटी को भेजा जाता है.
मध्यस्थता कमेटी दोनों प्रतिनिधियों की दलीलें सुनकर अगर इस बात से संतुष्ट होती है कि नई शादी करने की ठोस वजह मौजूद है तो दूसरी, तीसरी या चौथी शादी का सशर्त या बिना शर्त इजाज़तनामा जारी कर दिया जाता है.
ऑर्डिनेंस की धारा 6 के अनुसार, अगर ऊपर बताई गई क़ानूनी कार्रवाई पूरी किए बिना कोई शख़्स शादी करता है तो उसे अपनी पहली बीवी को तत्काल मेहर (निकाह के समय तय की गई राशि या सामान) अदा करना होता है. ऐसे शख़्स पर क़ानूनी कार्रवाई की जाती है जिसमें अधिक से अधिक सज़ा एक साल क़ैद और पांच लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है.
लाहौर की अदालत ने कहा कि चूंकि पति ने दूसरी शादी से पहले यह सभी क़ानूनी शर्तें पूरी नहीं कीं इसलिए उसे सात महीने क़ैद और जुर्माने की सज़ा सुनाई जाती है.
ध्यान रहे कि सन 2020 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मेहर के अधिकार से संबंधित एक आवेदन पर फ़ैसला सुनाते हुए कहा था कि दूसरी शादी से पहले पहली बीवी या मध्यस्थता काउंसिल की अनुमति लेना ज़रूरी है ताकि समाज में संतुलन बना रह सके.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में मुस्लिम फ़ैमिली लॉज़ ऑर्डिनेंस, 1961 के सेक्शन 6 का हवाला देते हुए स्पष्ट किया था कि इस धारा के तहत दूसरी शादी की मनाही नहीं है.
इससे पहले सन 2013 में काउंसिल ऑफ़ इस्लामी आइडियोलॉजी (इस्लामी विचारधारा परिषद) ने पाकिस्तान सरकार को दूसरी शादी के लिए लागू क़ानूनी शर्तों को ख़त्म करने का प्रस्ताव दिया था.
काउंसिल ने कहा था कि इस्लाम में चार शादियों की इजाज़त है और अगर पहली बीवी राज़ी न भी हो तो दूसरी, तीसरी या चौथी शादी करना ग़ैर शरई (शरीयत के ख़िलाफ़) नहीं है.(bbc.com/hindi)