रायपुर, 12 दिसंबर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि 21 दिसम्बर 2024 को होने वाली 55वें जीएसटी काउंसिलिंग की बैठक में सुझाव देने हेतु चेंबर भवन में विभिन्न व्यापारिक- औद्योगिक संगठनों एवं पदाधिकारियों की बैठक संपन्न हुई थी।
श्री पारवानी ने बताया कि इसी तारतम्य में आज चेम्बर द्वारा जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव के संबंध में माननीया केन्द्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन को जीएसटी सरलीकरण के संबंध में सुझाव भेजा गया। प्रमुख सुझाव निम्नानुसार है:-1. इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2बी के आधार मान्य होने सम्बन्धी प्रावधान को वापस लिए जाएं. 2. यदि क्रेता द्वारा क्रय सम्बन्धी सभी दस्तावेज एवं भुगतान सम्बन्धी समस्त प्रमाण दिए जाए तो विभाग द्वारा विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए. 3.न्यूनतम दंड पर पुनर्विचार।
श्री पारवानी ने बताया कि 4. धारा 126 का विस्तार कर धारा 73 को शामिल करना: छोटे व्यवसायों को अनजाने में हुई गलतियों से बचाना। 5. धारा 149 का क्रियान्वयन: भरोसेमंद करदाताओं की पहचान करने के लिए जीएसटी अनुपालन रेटिंग का उपयोग करना।6. पंजीकृत करदाताओं (आरटीपी) का क्रॉस-ज्यूरिस्डिक्शन और पुनर्मूल्यांकन/ बहु-मूल्यांकन: पंजीकृत करदाताओं (आरटीपी) के कई आकलन: करदाताओं के लिए, जीएसटी आकलन को समझना जटिल हो सकता है। उन्हें विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा शुरू किया जा सकता है।
श्री पारवानी ने बताया कि 7. धारा 74 का खुला दुरुपयोग। 8. राजस्व तटस्थ मामलों की पहचान: रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) 9. नियम 42/43 के उल्लंघन के लिए मार्जिनलाइजिंग नोटिस जारी किया गया। 10.ऐसा इनपुट टैक्स क्रेडिट, जो कि जीएसटीआर 2ए में नहीं दिख रहा है, उसके लिए एक प्रथम तीन वर्षों के लिए, व्यापारियों के लिए एक हितकारी योजना लाई थी। अत: आपसे अनुरोध है, कि समान योजना वित्तीय वर्ष 20-21 एवं वित्तीय वर्ष 21-22 (31.12.2021) तक के लिए भी लाए जानी चाहिए। 11.विभिन्न संस्थानों एवं व्यापारियों से प्राप्त जानकारी से यह ज्ञात हुआ है, कि अगर गुड्स रजिस्टर्ड स्थान के अलावा किसी अन्य राज्य में ऑफिसर के द्वारा पकड़ा जाता है, तो उस गुड्स को छुड़ाने के लिए, उस राज्य में अपील फाइल करनी पड़ती है, जहाँ पर गुड्स को पकड़ा गया है, जोकि व्यावहारिक नहीं है।