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रायपुर, 15 जुलाई। डॉ. आर. श्रीधर, कुलपति, कलिंगा विश्वविद्यालय ने बताया कि दो दिनों तक चली सशक्त बहसों और सुचारू समन्वय के साथ, सुराना एंड सुराना जुडेक्स 3.0 मानव अधिकार मूट कोर्ट प्रतियोगिता 2025–26 ने जोरदार आगाज़ किया। सुराना एंड सुराना इंटरनेशनल अटॉर्नीज और विधि संकाय, कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस प्रतियोगिता की शुरुआत 11 और 12 जुलाई को आयोजित वर्चुअल राउंड से हुई, जिसने आगामी ऑन-कैंपस राउंड (1 और 2 अगस्त को निर्धारित) के लिए एक उच्च मानक स्थापित कर दिया है।
डॉ. श्रीधर ने बताया कि इस आयोजन की शुरुआत एक ऑनलाइन उद्घाटन समारोह से हुई, जिसमें देशभर से प्रतिष्ठित अकादमिक हस्तियों, विधि विशेषज्ञों और छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर माननीय न्यायमूर्ति गौतम चौर्डिया की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को अत्यधिक महत्वपूर्ण बना दिया। उन्होंने मानवाधिकारों की रक्षा में कानून की भूमिका पर विचार साझा किए, जो प्रतिभागियों के लिए न्यायपालिका के एक सदस्य से सीखने का दुर्लभ अवसर रहा।
डॉ. श्रीधर ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और इस प्रकार के विधिक मंचों की भूमिका को रेखांकित किया जो युवा वकीलों को दिशा देते हैं। डॉ. अज़ीम खान बी. पठान, डीन, फैकल्टी ऑफ लॉ ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक यात्रा और विधिक उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। वहीं, सुराना एंड सुराना का प्रतिनिधित्व करते हुए श्री प्रीतम सुराना, पार्टनर- डिस्प्यूट रेजोल्यूशन एवं प्रमुख – अकादमिक पहल, ने जुडेक्स की संकल्पना साझा की कि यह कैसे युवा विधिक मस्तिष्कों के विकास और चुनौती का मंच है।
डॉ. श्रीधर ने बताया कि उद्घाटन के पश्चात सभी टीमों को नियमों की जानकारी दी गई और ड्रा ऑफ लॉट्स (कौन सी टीम किससे मुकाबला करेगी) का निष्पक्ष संचालन किया गया। 12 जुलाई को वर्चुअल कोर्ट रूम में जब देशभर से आई 20 टीमों ने मानवाधिकार कानूनों पर गहन और स्पष्ट तर्कों के साथ बहस की। प्रतिभागियों की तैयारी और प्रस्तुति अत्यंत सराहनीय रही, जिसने भारत के कानून संस्थानों की गुणवत्ता को उजागर किया।