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हैदराबाद, 3 नवंबर। एनएमडीसी ने बताया कि भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक एनएमडीसी ने सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2024 का समापन अखंडता और नैतिक प्रथाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए एक समारोह के साथ किया।16 अगस्त 2024 से प्रारम्भ होकर 15 नवंबर तक चलने वाले तीन महीने के जागरूकता अभियान में परियोजना स्थलों और मुख्यालय में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। 28 अक्टूबर 2024 को प्रारम्भ हुए।
एनएमडीसी ने बताया कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह का समापन मुख्यालय में सत्यनिष्ठा की संस्कृति से राष्ट्र की समृद्धि विषय पर श्री महेश एम. भागवत, आईपीएस, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था), हैदराबाद के मुख्य भाषण सत्र के साथ संपन्न हुआ। जिसके बाद सतर्कता विभाग की गृह पत्रिका सुबोध; का विमोचन किया गया तथा विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने वाले बच्चों, कर्मचारियों और हितधारकों को पुरस्कार वितरित किए गए।
एनएमडीसी ने बताया कि समापन कार्यक्रम में श्री अमिताभ मुखर्जी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (अतिरिक्त प्रभार), श्री विनय कुमार, निदेशक (तकनीकी) और (कार्मिक, अतिरिक्त प्रभार) और श्री बी विश्वनाथ, मुख्य सतर्कता अधिकारी सहित एनएमडीसी के वरिष्ठ नेतृत्व ने एनएमडीसी कर्मचारियों के साथ भाग लिया। मुख्य अतिथि श्री महेश एम. भागवत, आईपीएस, अपर डीजीपी (एलएंडओ) हैदराबाद ने सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता प्रतिबद्धता और निष्ठा के महत्व पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने वयस्कों के व्यवहार को आकार देने वाले विकासात्मक चरणों पर सिगमंड फ्रायड के सिद्धांत का उदाहरण देते हुए, बताया कि संचालन के लिए अखंडता किस प्रकार महत्वपूर्ण है।
एनएमडीसी ने बताया कि उन्होंने कर्मचारियों को ड्यूटी के अलावा सतर्कता का व्यवहार विकसित करने और एक निष्पक्ष और भरोसेमंद कार्यस्थल बनाने की साझा जिम्मेदारी के लिए प्रोत्साहित किया। उपस्थित समूह को संबोधित करते हुए, सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) अमिताभ मुखर्जी ने सतर्कता टीम की वर्षभर लगातार किए गए प्रयासों के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि सतर्कता संगठन दोष-खोजने वाली संस्था से कहीं अधिक है। एनएमडीसी ने 100 मिलियन टन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए क्षमता निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह एक बडा कदम है, जिसके लिए हमें सुव्यवस्थित, सुविचारित निर्णय लेने की आवश्यकता है। सही डिजिटल उपाय पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाते हैं।