विचार / लेख
-ध्रुव गुप्त
आधी रात को वीराने से उठकर रूह में उतरती उनींदी-सी कोई आवाज सुनी है आपने? बिल्कुल ऐसी ही आवाज है भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ सबसे महबूब गजल गायक-गायिकाओं में एक बेगम अख्तर की। आवाज की तासीर ऐसी जैसी मुहब्बत में चोट खाई किसी माशूका की दबी-दबी चीख। जैसे फुसफुसा कर बातें करता पलकों का कोई भींगा-सा कोना। गजल गायकी में बेगम अख्तर की कोई मिसाल नहीं। कभी उनकी आवाज से होकर गुजरिए तो महसूस होता है कि दर्द को महसूस ही नहीं किया जाता, सुना भी जा सकता है।
पिछली सदी की बेहतरीन गायिका गौहर जान को अपना आदर्श मानने वाली बेगम ने पंद्रह साल की उम्र में ही अपनी बिल्कुल अलग आवाज और गायन-शैली के बूते अपनी पहचान बना ली थी। फिल्मवालों का ध्यान उनकी तरफ गया तो उन्होंने अख्तरी बाई फैजाबादी के नाम से 1933 से 1943 तक लगभग आधा दर्जन फिल्मों में अभिनय किया। उन फिल्मों में अपने तमाम गाने उन्होंने खुद ही गाए थे। 1945 में शादी के बाद पारिवारिक परंपराओं के दबाव में उन्हें अभिनय ही नहीं, गायिकी से भी तौबा करनी पड़ी। यह उनके जीवन का सबसे त्रासद दौर था। स्वभाव के विपरीत जीवन ने उन्हें मानसिक ही नहीं, शारीरिक तौर पर भी बीमार कर दिया। उनकी बिगड़ती हालत देख ससुराल वालों ने उन्हें लखनऊ रेडियो स्टेशन में गाने की अनुमति दे दी। उसके बाद बेगम अख्तर के नाम से उनकी गायिकी जो सफर रेडियो से शुरू हुआ, वह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में आंधी की तरह पहुंच गया।
1974 में अपनी मौत तक उन्होंने खुद को गजल की सबसे मकबूल आवाज के रूप में स्थापित कर लिया था। ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया, दीवाना बनाना है तो दीवाना बना दो, तुम्हें याद हो कि न याद हो, कुछ तो दुनिया की इनायात ने दिल तोड़ दिया, उलटी हो गईं सब तदबीरें, इश्क में गैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया, मेरे हमनफस मेरे हमनवां मुझे दोस्त बनके दगा न दे, अपनों के सितम हमसे बताए नहीं जाते, उज्र आने में भी है और बुलाते भी नहीं, लाई हयात आए कजा ले चली चले, दिल की बात कही नहीं जाती, अब छलकते हुए सागर नहीं देखे जाते जैसी उनकी गाई गजलें हमारी सांगीतिक विरासत का अनमोल हिस्सा हैं। बेगम साहिब की पुरअसर आवाज इस देश की कई पीढिय़ों के दर्द और तन्हाई का भरोसेमंद साथी रही है। आज मलिका-ए-गजल बेगम अख्तर के यौमे पैदाईश पर उन्हें खेराज-ए-अकीदत, मेरे एक शेर के साथ-
फिर से कम होंगी उम्मीदें, फिर से घबड़ाएगा दिल
फिर तेरी आवाज के पहलू में छुप जाएंगे हम !


