विचार / लेख

बापू ! तुमने कहा था...
02-Oct-2020 6:40 PM
बापू ! तुमने कहा था...

कीर्तिश भट्ट का कार्टून बीबीसी पर


-कनक तिवारी

बापू ! तुमने पार्टी के संविधान में लिखा था खादी पहनो। वे नहीं पहन रहे हैं। तुमने कहा था शराबबंदी करो। वे शराब बेचकर सरकार चला रहे हैं। तुमने कहा था अहिंसा मानो। वे अभिव्यक्ति की आजादी करने वालों को पिटवा रहे हैं गुंडों से। तुमने कहा था स्त्री के शील की रक्षा के लिए हिंसा भी करोगे तो वह अहिंसा होगी। वे कह रहे हैं कि किसी स्त्री के साथ बलात्कार होता ही नहीं है। जो नौजवान नेता उन्हें बचाने की कोशिश करेंगे। उन्हें सडक़ पर पटक देंगे। तुमने कहा था सच बोलो। वह लगातार झूठ बोलने का विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं। अब तो शायद चंद्रमा तक उनके झूठ की धमक पहुंच चुकी है। तुमने कहा था मैं आदिवासियों के लिए कुछ नहीं कर पाया।
 
आपके वंशज भी कह रहे हैं कि हम आदिवासियों के लिए कुछ नहीं करेंगे क्योंकि आप नहीं कर पाए। अब हम उनकी सारी जमीन अडानी अंबानी को दे देंगे। कोई हमारा क्या बिगड़ेगा। उनके लिए  आदिवासी सम्मेलन  आयोजित कर उन्हें नाच गाने में व्यस्त रखेंगे।  उनसे ही कहेंगे आदिवासियों के खिलाफ कानून बनाओ और वे बनाएंगे। हमारे विधायकों को तो तुम्हारे जन्म की तारीख तक नहीं मालूम है। तुमने कहा था अंग्रेजियत करो। वे कह रहे हैं कि हम अमेरिका की गुलामी करेंगे। तुम्हें तो अमेरिका के प्रेसिडेंट ने बुलाया था कि हम आजादी दिलाने में तुम्हारी मदद करेंगे। तुमने टका सा जवाब दे दिया था। 

हमारे नेता तो अमेरिका जाने के लिए तड़प रहे हैं। वह तो कोरोना आ गया बापू ! वरना अभी वहीं बैठे होते। वहीं तुमको याद करते। बापू तुमने कहा था सरकार पिरामिड की तरह नहीं चलती। जहां वह सबसे ऊपर बैठी हो। तुमने कहा था सरकारों को समाज को समुद्र की लहरों की तरह होना चाहिए। एक के बाद एक। हमारी सरकारें रेत की दलाली करतीं कालाबाजारी करतीं उसके ऊपर पिरामिड की तरह चढक़र बैठी हैं। कभी भी भसक कर गिर जाएंगी। बापू! तुमने तो बहुत कुछ कहा था! तुम्हारा कहा तुमको कितना याद दिलाऊं? आज ऐसे सब लोग शानदार महंगी पोशाक पहनकर मांसाहारी भोजन करते हुए कभी-कभी कुछ गालियां बकते हुए महंगा जीवन जीते हुए गरीब आदमी को झिडक़ते हुए  तुम को हैप्पी बर्थडे कह रहे होंगे बापू! और कहीं केक काट कर खा भी रहे होंगे। आप भी खुश रहो। हमें भी खुश रहने दो। 


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