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दुनिया में गूंजती गाजा के भूखे बच्चों की बिलबिलहाट
30-Jul-2025 9:54 PM
दुनिया में गूंजती गाजा के भूखे बच्चों की बिलबिलहाट

इस्राएल के दो मानवाधिकार संगठनों ने अपनी ही सरकार पर फलीस्तीनियों के जनसंहार के आरोप लगाए हैं। भूख से मरते गाजा के बच्चों की कहानियां सामने आने के बाद कई देशों ने इस्राएल सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है।

 डॉयचे वैले पर ओंकार सिंह जनौटी  का लिखा-

इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है। सोमवार को नीदरलैंड्स ने इस्राएल के राजदूत को तलब किया। गाजा में बदतर होते हालात के बीच नीदरलैंड्स के विदेश मंत्री कास्पर फेल्डकाम्प ने सोमवार रात इस्राएल को एक खत भी लिखा। इसमें इस्राएल के दो मंत्रियों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने की जानकारी के साथ अन्य कदमों का विवरण भी था। खत में साफ लिखा गया है कि, गाजा में युद्ध रुकना ही चाहिए।

नीदरलैंड्स ने इस्राएल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन-ग्विर और वित्त मंत्री बेजालेल स्मोट्रिष पर यात्रा प्रतिबंध लगाया है। ये दोनों नेता धुर दक्षिणपंथी हैं और इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार में मजबूत साझेदार हैं। ये दोनों ही इस्राएली बस्तियों के विस्तार के अभियान और गाजा में युद्ध जारी रखने के प्रबल समर्थक है। बीते महीने, जून में इन दोनों नेताओं पर ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड और नॉर्वे भी आर्थिक प्रतिबंध लगा चुके हैं।

मंगलवार शाम यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रसेल्स में ईयू के नेताओं की भी मुलाकात होनी है। इसमें इस्राएल के लिए यूरोपीय संघ के जवाब पर बातचीत की जाएगी। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, इस्राएल के साथ यूरोपीय संघ के कारोबारी समझौते की समीक्षा भी बैठक के एजेंडे में है। नीदरलैंड्स चाहता है कि इस्राएल के साथ कारोबारी समझौते के कुछ हिस्से निलंबित किए जाएं।

इस बीच दुनिया के कई बड़े और प्रभावशाली देश अब इस्राएल और अमेरिका की नाराजगी की परवाह किए बिना मध्य पूर्व में दो राष्ट्र वाले समाधान का खुला समर्थन करने लगे हैं।

इस्राएली नेताओं का पलटवार

बढ़ते दबाव के बीच, इस्राएली मंत्री बेन-ग्विर और स्मोट्रिष अब भी अपने रुख पर कायम हैं। दोनों नेता यूरोप पर तंज भी कस रहे हैं। सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में स्मोट्रिष ने कहा कि यूरोपीय नेता ‘कट्ट्ररपंथी इस्लाम के झूठों’ के सामने आत्मसमर्पण कर रहे हैं। बेन-ग्विर ने आरोप लगाया कि यूरोप में ‘इस्राएल का एक यहूदी मंत्री अवांछनीय है, आतंकवादी मुक्त हैं और यहूदियों का बहिष्कार किया जाता है।’

7 अक्टूबर 2023 को इस्राएल पर हमास के हमले के बाद इस्राएल ने गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। लेकिन बीते कई महीनों से यह युद्ध गाजा की पूरी तरह घेरेबंदी में बदल चुका है। इस्राएल पर कई देश और संगठन,गाजा में भुखमरी जैसे हालात पैदा करने का आरोप लगा रहे हैं। हाल के महीनों में इसके कई साक्ष्य भी सामने आए हैं।

इस्राएल दावा करता रहता है कि हमास, गाजा में फलीस्तीनियों तक राहत सामग्री नहीं पहुंचने दे रहा है और उसके लड़ाके ऐसी मदद लूट रहे हैं। यूएन ने योजनाबद्ध तरीके से होने वाली लूट के इन इस्राएली दावों को खारिज किया है।

गाजा से ऐसे कई वीडियो आ रहे हैं जिनमें भुखमरी के कारण बच्चे जीवित कंकाल जैसे दिख रहे हैं। युद्ध से तहस नहस हो चुके इलाके में हर दिन लोग खाने के लिए एक दूसरे पर चढ़ते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे साक्ष्य सामने आने के बाद कई यूरोपीय सरकारों पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। नीदरलैंड्स में अक्टूबर में चुनाव होने हैं। देश के कई इलाकों में पिछले हफ्ते हजारों लोगों ने गाजा में भुखमरी के खिलाफ बड़े प्रदर्शन किए।

इस्राएल सरकार पर जनसंहार के आरोप

इस्राएल के दो मानवाधिकार एनजीओ, बेतसेलेम और फिजिशियंस फॉर ह्यूमन राइट्स ने सोमवार को येरुशलम में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान, इस्राएल सरकार पर जनसंहार के आरोप लगाए। इन दोनों संगठनों की रिपोर्ट कहती है कि, इस्राएल ‘सुनियोजित तरीके से, जानबूझकर गाजा पट्टी में फलीस्तीनी समाज को तबाह करना चाहता है।’

बेतसेलेम के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर यूली नोवाक ने कहा, ‘आज हम जो रिपोर्ट जारी कर रहे हैं, वो ऐसी है जिसे लिखने की कल्पना हमने कभी नहीं की थी। गाजा के लोगों ने विस्थापन, बमबारी, भुखमरी झेली और उन्हें मानवीय अधिकारों से पूरी तरह वंचित किया गया।’

फिजिशियंस फॉर ह्यूमन राइट्स ने गाजा में मेडिकल सेवाओं पर इस्राएल की कार्रवाई पर ध्यान खींचते हुए कहा, ‘गाजा के स्वास्थ्य ढांचे को तबाह करने की इस्राएली कार्रवाई, नपी तुली और योजनाबद्ध रही है।’

इस्राएली प्रधानमंत्री नेतन्याहू अब तक जनसंहार के आरोपों की कड़ी निंदा करते आ रहे हैं। वह लगातार इस्राएल के आत्मरक्षा के अधिकार का हवाला देते हैं। इस्राएली सरकार के प्रवक्ता ने दोनों एनजीओ की ताजा रिपोर्ट को ‘आधारहीन’ बताया है। (dw.com/hi)


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