विचार / लेख

यौन अपराध बिना शर्त गलत है
01-Jul-2025 9:17 PM
यौन अपराध बिना शर्त गलत है

-कनुप्रिया

औरतें भी कोई सती सावित्री नहीं हैं, इतनी निहायत ही फालतू और सदियों पुरानी बात कहकर कम से कम ठरकी यौन अपराधियों को डिफेंड मत कीजिये।

हाँ नहीं हैं सती सावित्री, और कम से कम आपकी मर्जी से तो नही ही होंगी। और न भी हों तब भी किसी भी यौन अपराधी को उन्हें छूने का हक़ नहीं है। हरेक की देह उसकी अपनी होती है उसकी मर्जी के बिना छूना उसका boundary violation है, ये बात बिल्कुल ठीक से समझ आ जानी चाहिए। हालाँकि यह बात लागू तो शादी में भी होनी चाहिये क्योंकि मैरिटल रेप भी बड़ी समस्या हैं, मगर वहाँ ॥ ज़्यादा हैं और हमारा समाज भी अभी मानसिक और कानूनी तौर पर उतना विकसित नही हुआ है कि उसकी complexity को हैंडल कर सके। इसके अलावा शादी में conjugal relationship न होना उसके टूटने का भी आधार बनती है, वो विमर्श और भी ज़्यादा व्यापक है। और मुझे यकीन है कि आज से 10 साल बाद उस पर भी ख़ूब बात होगी।

मगर शादी के बाहर तो कोई भी रिश्ता, कम या ज़्यादा, किसी भी हद तक बिना consent के नही होना चाहिए। ‘अदाएँ प्यार की पहचानता ही नहीं’ वाला युग गया। हँसी तो फँसी वाला भी। अगर मुस्कुराए तो हाँ नहीं है, हँस दे तो हाँ नही है, शर्माए तो भी हाँ नहीं है, सकुचाए या confused हो तो भी नही, और ना तो बिल्कुल भी हाँ नहीं है, सिर्फ हाँ ही हाँ है।

और जितना आप स्त्रियों के चरित्र पर ही सवाल उठाते रहेंगे दिक्कत आपको ही होगी, क्योंकि वो हाँ नहीं करेंगी, पहल नहीं करेंगी, और स्क्रीन शॉट्स आपके ही लगेंगे।

जहाँ तक इज़्ज़त की बात है तो वो अब भी स्त्रियों के लिये ही बड़ा मसला है , वो यौन शोषित होकर भी हज़ार बार सोचती हैं FIR करने से पहले क्योंकि यौन अपराधी के अब भी सीना चौड़ा करके घूमने के

चांस विक्टिम के सर उठाकर चलने से ज़्यादा हैं।

21 वीं सदी के 25 वें साल में हैं, मोबाइल , लैपटाप चलाना सीख लिया, AI से डील करना सीख रहे हैं, तकनीक ने जीवन बदल दिया है, अब इस सदी के अनुसार रिश्ते बनाना भी सीखिये। संयम सीखिये, Consent लीजिये, हर कदम पर लेना सीखना होगा, कल लिया तो आज नहीं चलेगा। वरना पिछली सदी में रहिये, चुल उठे तो यौन अपराध कीजिये और बदनामी मुकदमे झेलिये।

नहीं आता तो नई पीढ़ी से सीखिये, वे सिफऱ् तकनीक ही हमसे बेहतर नहीं जानते, बाक़ी हर मामले में हमसे स्मार्ट हैं, AI, social media के समय मे ही बड़े हो रहे हैं, अपने अधिकारों और दूसरों के प्रति सम्मान और consent के प्रति पिछली पीढिय़ों से ज़्यादा सजग हैं।

 यौन अपराध बिना शर्त ग़लत है।


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