विचार / लेख
अमेरिकी वोटरों को राष्ट्रपति चुनाव के दिन डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस या रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप में किसी एक को चुनना होगा।
आइए देखते हैं कि वो किन चीजों का समर्थन करते हैं और अलग-अलग मुद्दों पर उनकी नीतियां क्या हैं।
अर्थव्यवस्था
उप राष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस ने कहा है कि उनकी पहले दिन से ये प्राथमिकता होगी कि वो कामकाजी परिवारों के लिए खाने-पीने की चीजों और मकान की कीमतों को कम करने की कोशिश करेंगी।
उन्होंने कहा है कि वो ग्रॉसरी की कीमतें गैर वाजिब ढंग से बढ़ाने पर प्रतिबंध लगाएंगी और पहली बार घर खरीद रहे लोगों की मदद के लिए क़दम उठाएंगी। वो ये सुनिश्चित करेंगी कि अधिक से अधिक मकान बनाए जाएं। इसके लिए वो इन्सेंटिव देने की व्यवस्था करेंगी।
वहीं ट्रंप ने महंगाई को खत्म करने का वादा किया है। उन्होंने अमेरिका को एक बार फिर से वैसा देश बनाने का वादा किया है जहां लोग सस्ती चीजें खरीद सकें।
ट्रंप ने ब्याज दरों को कम करने का वादा किया है। हालांकि ब्याज दरें सरकार के नियंत्रण में नहीं होतीं। उन्होंने कहा है कि जिन आप्रवासियों के पास अमेरिका में रहने के दस्तावेज़ नहीं हैं, उन्हें वापस भेजने से हाउसिंग पर बोझ कम होगा और लोगों को मकान मिल पाएंगे।
गर्भपात
कमला हैरिस ने गर्भपात के अधिकार को अपने चुनावी अभियान के केंद्र में रखा है। वो ऐसे कानून का समर्थन कर रही हैं जो पूरे देश में लोगों के लिए एक जैसे प्रजनन अधिकारों का रास्ता साफ करेगा।
जबकि हाल के कुछ हफ्तों में गर्भपात विरोधी रुख़ के समर्थन के मामले में ट्रंप संघर्ष करते दिखे हैं।
ट्रंप ने अपने कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट में जिन तीन जजों को नियुक्त किया था उन्होंने 1973 के ‘रो बनाम वेड केस’ में दिए गए उस फैसले को पलट दिया था जिसमें गर्भपात को संवैधानिक अधिकार बना दिया गया था।
कमला हैरिस को देश की दक्षिणी सीमा पर आप्रवासियों की भीड़ को नियंत्रित करने का जि़म्मा दिया गया था। उन्होंने वहां उन इलाकों में अरबों डॉलर का निजी निवेश कराया ताकि लोगों को उत्तर की ओर आने से रोका जाएगा।
2023 के आखऱि में मैक्सिको से रिकॉर्ड संख्या से आप्रवासी सीमा पार कर अमेरिका में घुसे। लेकिन अब ये तादाद कम हुई है।
मौजूदा प्रचार अभियान के दौरान हैरिस ने दक्षिण अमेरिकी देशों से अमेरिका में आने वाले आप्रवासियों के मामले में कड़ा रुख़ अपनाया है।
उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने में कैलिफोर्निया का उनका अभियोजक का बैकग्राउंड काफी काम आएगा।
जबकि ट्रंप ने कथित अवैध आप्रवासियों को रोकने के लिए बॉर्डर को सील करने का वादा किया है और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने की वकालत की है। लेकिन उन्होंने रिपब्लिकन समर्थकों से हैरिस समर्थित कड़े और क्रॉस-पार्टी बॉर्डर बिल को समर्थन न देने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि वो जीते तो अमेरिका के इतिहास में बगैर दस्तावेज़ों वाली अब तक की सबसे बड़ी आप्रवासी आबादी को वापस भेजा जाएगा।
हालांकि विशेषज्ञों ने बीबीसी को बताया कि अगर ट्रंप ने ऐसा किया तो इसे अदालत में चुनौती मिल सकती है।
टैक्स
कमला हैरिस बड़ी कंपनियों, उद्योगों और साल भर में चार लाख डॉलर कमाने वाले अमेरिकियों पर टैक्स बढ़ाना चाहती हैं।
लेकिन उन्होंने मतदाताओं से ऐसे कई क़दम उठाने का वादा किया है जिनसे अमेरिकी परिवारों पर टैक्स का बोझ कम होगा।
इनमें चाइल्ड टैक्स क्रेडिट का दायरा बढ़ाने जैसा क़दम भी शामिल है।
दूसरी ओर ट्रंप ने खरबों डॉलर की टैक्स कटौती के कई प्रस्ताव रखे हैं।
ट्रंप के मुताबिक़ 2017 में उनकी सरकार ने जो टैक्स कटौतियां की थीं उन्हें विस्तार दिया गया था। इन कटौतियों से ज्यादातर अमीरों को ही मदद मिली थी।
विश्लेषकों का कहना है कि हैरिस और ट्रंप दोनों के टैक्स प्लान से राजकोषीय घाटा बढ़ेगा।
लेकिन सरकारी खजाने पर ट्रंप की योजना हैरिस की योजना से ज़्यादा बोझ डालेगी।
विदेश नीति
हैरिस ने कहा है कि रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन को दी जाने वाली उनकी मदद जारी रहेगी।
उन्होंने ये भी कहा कि अगर वो जीतीं तो ये सुनिश्चित करेंगी कि 21वीं सदी अमेरिका की हो चीन की नहीं।
हैरिस इसराइल-फिलस्तीन मुद्दे पर लंबे समय से दो देशों के सिद्धांत की समर्थक रही हैं। उन्होंने कहा कि गाजा में जल्द से जल्द युद्ध ख़त्म हो।
जबकि ट्रंप अलग-थलग विदेश नीति के पैरोकार हैं। वो चाहते हैं कि अमेरिका दुनिया में कहीं भी होने वाले संघर्षों से खुद को दूर रखे।
उन्होंने कहा है कि वह रूस से सौदेबाजी कर यूक्रेन युद्ध को 24 घंटे में खत्म करा देंगे।
जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी का कहना है कि इससे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मजबूत होंगे।
ट्रंप ने खुद को इसराइल के कट्टर समर्थक के तौर पर पेश किया है
लेकिन इस बारे में बहुत कम बताया है कि वो गज़़ा युद्ध को कैसे ख़त्म कराएंगे।
व्यापार
हैरिस ने हर आयात पर टैरिफ लगाने की ट्रंप की नीति की आलोचना की है। उन्होंने उसे एक नेशनल टैक्स करार दिया है, जिसका देश के परिवार पर सालाना चार हजार रुपये का बोझ पड़ेगा।
हैरिस भी आयात पर टैरिफ लगा सकती हैं लेकिन वो इस मामले में चुनिंदा चीजों पर ये टैक्स लागू करना चाहेंगी।
ट्रंप ने टैरिफ को अपने चुनाव प्रचार अभियान का प्रमुख नारा बनाया है। उन्होंने कहा है कि वो विदेश से आने वाली चीजों पर 10 से 20 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। जबकि चीन से आने वाले सामान पर इससे भी ज्यादा टैरिफ लगाया जाएगा।
जलवायु परिवर्तन
बतौर उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने महंगाई घटाने वाला कानून पारित कराने में मदद की। इन्फ्लेशन रिडक्शन एक्ट की वजह से सैकड़ों अरब डॉलर रिन्युबल एनर्जी सेक्टर, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स टैक्स क्रेडिट और रिबेट प्रोग्राम के मद में दिए गए।
लेकिन उन्होंने फ्रैकिंग का विरोध छोड़ दिया है। फ्रैकिंग गैस और तेल निकालने की तकनीक है, जिसका पर्यावरणवादी विरोध कर रहे हैं।
जबकि राष्ट्रपति रहते हुए ट्रंप ने पर्यावरण संरक्षण के सैकड़ों नियमों को वापस ले लिया था। इनमें बिजली संयंत्रों और वाहनों से कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कटौती का क़ानून भी शामिल था।
अपने मौजूदा प्रचार अभियान में उन्होंने आर्कटिक में ड्रिलिंग बढ़ाने का वादा किया है। उन्होंने इलेक्ट्रिक कारों को निशाना बनाया है।
हेल्थकेयर
हैरिस उस व्हाइट हाउस प्रशासन का हिस्सा रही हैं जिसने डॉक्टरों की लिखी दवाइयों के दाम घटा दिए थे और इंसुलिन की कीमत 35 डॉलर तय कर दी थी।
जबकि ट्रंप ने कहा है कि अपने राष्ट्रपति रहते उन्होंने जिस अफोर्डेबल केयर एक्ट को खत्म किया था उसे दोबारा बहाल नहीं करेंगे। इस कानून से लाखों लोगों का मेडिकल इंश्योरेंस होता था।
उन्होंने कहा कि फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए टैक्स पेयर का पैसा खर्च होगा। लेकिन संसद में इस तरह की योजना का रिपब्लिकन ही विरोध करेंगे।
अपराध
हैरिस ने अपने अभियोजक होने के अनुभव की तुलना ट्रंप के एक अपराध के लिए दोषी पाए जाने के तथ्य से करने की कोशिश की।
जबकि ट्रंप ने ड्रग्स कार्टेल को खत्म करने और गैंग्स के बीच होने वाली हिंसा को कुचलने की कसम खाई है।
उनका कहना है कि वो डेमोक्रेटिक पार्टी के शासन वाले शहरों को नई शक्ल देंगे। ट्रंप मानते हैं कि इन शहरों में जमकर अपराध होते हैं। (www.bbc.com/hindi)


