विचार / लेख
-प्राण चड्ढा
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(12 अगस्त को हाथी दिवस पर रायपुर में राष्ट्रीय आयोजन)
जंगल का दायरा बढ़ नहीं रहा,और हाथी कम होते जा रहे हैं। हाथी को बचाओ और बढ़ाओ उनका खौफ जंगल को बचाता। और जंगल हाथी को शरण देते हैं।
महाभारत काल हो अथवा पोरस और सिकंदर का हिंदुस्तान की सीमा पर युद्ध सबमें हाथियों का उल्लेख है। महाभारत में अश्वत्थामा नाम हाथी का उल्लेख है।महाबली भीम जिस हाथी को गदा प्रहार से मार कर उद्घोष करता है कि उसने अश्वत्थामा: नाम के हाथी मार दिया। गुरु द्रोण पुष्टि करने सत्यवादी धर्मराज युधिष्ठिर से पूछते हैं 'क्या यह सत्य है कि उनका पुत्र युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुआ।' यहाँ योजना के अनुसार जब युधिष्ठिर कहते हैं अश्वत्थामा मार गया,पर पता नहीं, फिर धीमे से नर या हाथी पता नहीं तभी श्रीकृष्ण शंखवादन करते हैं जिसमें कही गयी बात' नरो या कुंजरो' दब जाती है और यही अर्धसत्य गुरु द्रोण के वध का कारण बनता है।
सिकन्दर से युद्ध के समय पोरस की सेना में 130 प्रशिक्षित हाथी थे। तब यह माना जाता था कि जंगल में शेर और राजा के पास हाथी होना ही उनकी कीर्ति और सुरक्षा के लिए परम आवश्यक है।
हाथियों के झुंड का नेतृत्व सबसे पुरानी और बड़ी सदस्य मादा (झुंड की कुल माता) माता करती है। इस झुंड में नर हाथी की सभी संतानें शामिल हैं।
"गूगल के अनुसार हाथियों में सभी स्तनधारियों की सबसे लंबी गर्भावस्था (गर्भावस्था) अवधि होती है, जो 680 दिन (22 महीने) तक चलती है।
14 से 45 साल के बीच की मादा में लगभग हर चार साल में बच्चे का जन्म हो सकता है, जबकि औसत जन्म 52 साल की उम्र में पांच साल और 60 साल की उम्र में छह साल तक बढ़ जाता है।"
हाथी बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है और अपनी स्मरण शक्ति तथा बुद्धिमानी के लिए प्रसिद्ध है।
हम सबने एक कहानी बचपन में पढ़ी होगी। एक दर्जी अपनी दुकान के सामने से नदी में नहाने जाने वाले हाथी को रोज कुछ खाने को देता। एक दिन हाथी सड़क से गुजर रहा था तो उसने दर्जी की तरफ सूंड बढ़ाया,दर्जी ने कुछ दिया नहीं बल्कि सूई चुभा दी, हाथी चला गया। लेकिन जब वह वापस उसी राह से आया तो सूंड में भर कर लाये पानी की पिचकारी से दर्जी और उसके सिले कपड़े पर सूंड में भरे पानी को पिचकारी मार के सूई चुभने का बदला चुका दिया।
इस कहानी लेखन का उद्देश्य यह है कि महाभारत काल से आदमी और हाथी का साथ है। यह जंगल उनके हैं, हम उसे काटे या उत्खनन से जंगल बर्बाद करेंगे तो तय है हाथी बदला लेंगे। यह द्वंद्व खत्म करना है तो जंगल बचाओ- बढ़ाओ,गणपति के अंशावतार को बचाओ।


