सरगुजा

धूमधाम से मनी दिवाली, रोशनी से जगमगा उठे घर-आंगन
22-Oct-2025 10:12 PM
 धूमधाम से मनी दिवाली, रोशनी से जगमगा उठे घर-आंगन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 22 अक्टूबर। सरगुजा जिला सहित अंबिकापुर मुख्यालय में दिवाली शांति व सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाया गया। दिवाली पर लोगों ने एक-दूसरे को मिठाइयां और अन्य तोहफे देकर शुभकामनाएं दी। बाजारों में भी पूरे दिन तक रोनक छाई रही। अंबिकापुर में दिवाली पारंपरिक रूप से धूमधाम से मनाई गई, जिसमें लोगों ने घरों को सजाया, नए कपड़े पहने, और देवी-देवताओं की पूजा की। ग्रामीण इलाकों में, विशेष रूप से गौरा-गौरी महोत्सव जैसे अनोखे उत्सव भी देखे गए, जहाँ मिट्टी की मूर्तियों और झांकियों का प्रदर्शन किया गया।

लोगों ने अपने घरों को दीयों और लाइटों से सजाया। दिवाली के शुभ अवसर पर देवी लक्ष्मी और गणेश की पूजा की गई, जिसमें शुद्ध और सफेद वस्त्र धारण किए गए।पटाखे जलाए गए और उत्सव के भोजन साझा किए गए। महालक्ष्मी की पूजा में झाड़ू को भी विशेष महत्व दिया गया है, क्योंकि इसे दरिद्रता दूर करने वाला माना जाता है।

सोमवार की सुबह से शाम तक लोगों ने बाजारों में फूल, मालाएं, दीये सहित अन्य सामग्री की खरीदारी की। फिर शुभ मुहूर्त में घरों, मंदिरों और प्रतिष्ठानों में गणेश जी और माता लक्ष्मी की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की गई। लोगों ने पंचमेवा और फल, मोतीचूर के लड्डू अर्पित करधूमधाम से मनी दिवाली, रोशनी से जगमगा उठे घर-आंगनधूमधाम से मनी दिवाली, रोशनी से जगमगा उठे घर-आंगन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा कर उनसे सुख-शांति और संपन्नता का आशीर्वाद मांगा। पूजन के उपरांत लाई, लावा, बताशा, मिठाइयों का प्रसाद बांटा गया। इसके आतिशबाजी व एक-दूसरे को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया।

सूर्यास्त के बाद दीप व आकर्षक झालरों से पूरा घर आंगन जगमगा हो गया।दिवाली से पूर्व ही लोगों ने खरीदारी शुरू कर दी थी। दिवाली के अवसर पर लोगों ने अपने घरों व प्रतिष्ठानों को रंग-बिरंगी लाइटों और दीयों से सजाया था। दिवाली के दिन लोगों ने जमकर आतिशबाजी की।

आतिशबाजी शाम से ही शुरू हो गई थी, जो देर रात तक चलती रही। पटाखा व्यवसायियों के अनुसार पिछले दो वर्ष बाद लोगों ने जमकर पटाखे की खरीदारी की और आतिशबाजी की। व्यापारियों के माने तो इस वर्ष दिवाली के अवसर पर करोड़ों रुपए के पटाखा के कारोबार हुआ है। सोमवार को दिन चढ़ते ही शहर के बाजार लोगों के लिए सजकर तैयार थे। लोगों ने सुबह से ही खरीदारी शुरू कर दी। सजावट के सामान खरीदने के लिए लोगों का विशेष रुझान दिखा। पूजा में फूलों और केले के पौधों का विशेष महत्व है।

इसलिए दीपावली के दिन फूलों और केले के पौधों का बाजार गर्म रहा।


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