सरगुजा

विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण का दंश झेल रहे शिक्षकों की फीकी दिवाली-कमलेश
18-Oct-2025 8:03 PM
 विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण का दंश झेल रहे शिक्षकों की फीकी दिवाली-कमलेश

सीएम व शिक्षा मंत्री के नाम डीईओ को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 18 अक्टूबर।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन की प्रांतीय इकाई के आह्वान पर सरगुजा जिला प्रतिनिधिमंडल ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को ज्ञापन सौंपा। संगठन ने ज्ञापन के माध्यम से विसंगति पूर्ण युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षकों की समस्याओं के समाधान और विभिन्न मांगों पर शासन का ध्यान आकर्षित किया।

एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष कमलेश प्रताप सिंह ने बताया कि सरगुजा जिले में हुए विसंगति पूर्ण युक्तियुक्तकरण से कई शिक्षक प्रभावित हुए हैं। इन शिक्षकों ने उच्च न्यायालय में मामला दायर किया है और संभागीय समिति ने भी उनके आवेदन को मान्य किया है। पिछले पाँच माह से वेतन न मिलने के कारण शिक्षक आर्थिक और मानसिक संकट से गुजर रहे हैं। संगठन ने दीपावली से पहले लंबित वेतन भुगतान की मांग की है।

ज्ञापन में मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव एवं संचालक (लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर) से निम्नलिखित माँगें की गईं -सुप्रीम कोर्ट के 1 सितम्बर 2025 के आदेश के अनुसार पाँच वर्ष से अधिक सेवा वाले शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य कर दी गई है। संगठन का कहना है कि 17 अगस्त 2012 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं था, अत: शासन पुनर्विचार याचिका दायर कर उनके हितों की रक्षा करे।

संविलियन तिथि 1 जुलाई 2018 से सेवा अवधि की गणना किए जाने से 2028 से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले एलबी संवर्ग के शिक्षक पुरानी पेंशन से वंचित हैं। संगठन ने प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा अवधि जोडक़र पेंशन का लाभ देने की मांग की है।
वर्तमान में छत्तीसगढ़ में 33 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पेंशन का प्रावधान है।

 

संगठन ने भारत सरकार, उत्तरप्रदेश एवं उत्तराखंड की तरह 20 वर्ष की सेवा पर अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन लागू करने की मांग की है।

उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा 28 फरवरी 2024 को पारित आदेश के अनुसार सभी पात्र एलबी संवर्ग के शिक्षकों को क्रमोन्नति / समयमान का लाभ देने हेतु सामान्य आदेश (जनरल ऑर्डर) जारी करने की मांग की गई है।

ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष कमलेश प्रताप सिंह के साथ काजेश घोष, सुरित राजवाड़े, नाजि़म खान, राकेश दुबे, अमित सोनी, लखन राजवाड़े, महेश यादव, सत्यप्रकाश गुप्ता, हरीश श्रीवास्तव, लीलाकरण सिंह और शचीन्द्र देव सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।


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