सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,15 अक्टूबर। सरगुजा कांग्रेस जिलाध्यक्ष के लिए चार दिन चली रायशुमारी के बाद आज जशपुर जिले के लिए रवाना होते समय मुख्य पर्यवेक्षक राजेश ठाकुर ने बताया कि नवंबर में जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा हो जाएगी।
संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने झारखंड के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में 4 सदस्यीय पर्यवेक्षक दल का गठन किया था। इसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष धनेंद्र साहू, भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मंडावी एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व संगठन महामंत्री अमरजीत चावला शामिल थे।
मंगलवार को दरिमा, मैनपाट, बतौली और सीतापुर ब्लॉक में रायशुमारी के बाद राजेश ठाकुर ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने नए जिलाध्यक्ष के चयन के लिए 3 मानदंड तय किये थे। ऐसा व्यक्ति जो कांग्रेस की विचारधारा से ओतप्रोत हो, आम जन के दुखदर्द से जुड़ा हो, और आमजन की समस्याओं के लिए संघर्ष करने वाला हो, ऐसा व्यक्ति जिलाध्यक्ष के लिए उपयुक्त रहेगा। 4 दिन के दौरे की समाप्ति पर उन्होंने कहा कि सरगुजा जिले में कांग्रेस का संगठन बेहद मजबूत है, कार्यकर्ता भी बेहद मौजूद हैं और आगामी अवसर में यह संगठन उम्मीदों पर खरा उतरेगा।
4 दिन तक गहन रायशुमारी
संगठन सृजन के तहत सरगुजा जिले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष के चयन की यह प्रक्रिया 11 अक्टूबर से मंगलवार 14 अक्टूबर तक चली। 11 अक्टूबर को पर्यवेक्षक दल ने प्रेसवार्ता से अपने कार्य को प्रारंभ किया। प्रेसवार्ता के उपरांत जिला संगठन की बैठक लेकर पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से वन टू वन चर्चा की गई। सामाजिक संगठनों से वन टू वन चर्चा के उपरांत ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों की बैठक और रायशुमारी की गई।
12 अक्टूबर को अम्बिकापुर शहर, अम्बिकापुर ग्रामीण और लखनपुर ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों से चर्चा हुई। 13 अक्टूबर को उदयपुर, लुण्ड्रा और धौरपुर ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों में दौरा कर रायशुमारी उपरांत पर्यवेक्षक दल रात में जिलाध्यक्षों के दावेदारों से वन टू वन मुलाकात किया। दौरे के अंतिम दिन पर्यवेक्षक दल ने दरिमा, मैनपाट, बतौली और सीतापुर ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों का दौरा किया। सबसे महत्वपूर्ण चर्चा मीडिया से हुई। दौरा प्रारंभ करने के पूर्व 13 ओर 14 अक्टूबर दोनो दिन मुख्य पर्यवेक्षक प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों से मुलाकात कर जिले में संगठन की स्थिति और उपयुक्त दावेदारों पर फीडबैक लिया। पड़ोसी राज्य झारखंड में संगठन सृजन कार्यक्रम की समाप्ति के 15-20 दिनों में जिलाध्यक्षों के नाम घोषित हो गए थे। उम्मीद है कि नवंबर के पहले पखवाड़े में छत्तीसगढ़ के नव चयनित जिलाध्यक्षों के नाम सामने आ जाएंगे।


