सरगुजा
मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में लाश रखकर प्रदर्शन, लापरवाही का आरोप लगा मुआवजे की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 7 अक्टूबर। बलरामपुर जिला के सडक़ हादसे में घायल विशेष संरक्षित जनजाति के युवक को इलाज के लिए रायपुर ले जाने के लिए समय पर एंबुलेंस नहीं मिल सकी। पहाड़ी कोरवा युवक को 26 घंटे बाद एम्बुलेंस मिला सका। रायपुर पहुंचने के पहले रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। रायपुर से शव लाने शव वाहन भी नहीं मिल सका तो परिजन 9000 रुपए में निजी वाहन से शव लेकर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पहुंचे। घटना से आक्रोशित परिजन मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में शव रखकर कांग्रेसियों के साथ परिजनों ने प्रदर्शन किया।
जानकारी के मुताबिक, बलरामपुर जिले के राजपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम ककना के मदेश्वरपुर के रहने वाले गुड्डू कोरवा (32 साल) 4 अक्टूबर को बजल साय के साथ ग्राम घटगांव गया हुआ था। घटगांव से वापस लौटते समय उनकी बाइक ग्राम सिधमा के पास मिट्टी मुरुम के ढेर में चढ़ गई। दोनों सडक़ पर गिर गए। हादसे में गुड्डू कोरवा के सिर में गंभीर चोटें आईं थी। डॉक्टरों ने उसे रायपुर रेफर किया, लेकिन एम्बुलेंस समय पर नहीं मिल सकी।
परिजनों का आरोप है कि अधिकारी ने प्रोटोकॉल का हवाला देकर उन्हें एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराया। 26 घंटे बाद घायल को सोमवार शाम रायपुर के लिए भेजा गया है। गरीब परिवार घायल को रायपुर लेकर जाने निजी एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं कर सका।
घायल गुड्डू कोरवा को मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल अंबिकापुर में दाखिल किया गया। सिर में आई गंभीर चोट के कारण उसे आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था। युवक को न्यूरो सर्जरी के लिए रविवार दोपहर 3 बजे रायपुर रेफर कर दिया गया। गुड्डू कोरवा को गंभीर हालत के कारण बिना ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के रायपुर नहीं ले जाया जा सकता था।
परिजनों ने बताया कि उन्होंने संजीवनी 108 में कॉल किया। डॉक्टरों से संपर्क किया। परिजनों को आश्वासन मिलता रहा। हॉस्पिटल प्रबंधन ने परिजनों से कह दिया गया कि एम्बुलेंस प्रोटोकॉल में व्यस्त है। इसलिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं करा सकते। हॉस्पिटल प्रबंधन भी एम्बुलेंस की व्यवस्था को लेकर कुछ नहीं कर सका। गंभीर रूप से घायल युवक को एम्बुलेंस उपलब्ध कराने में 26 घंटे लग गए।
पहाड़ी कोरवा को लेकर जब युवक रायपुर हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत हो चुकी है। डॉक्टरों ने तत्काल शव ले जाने कह दिया। उन्हें शव वाहन भी उपलब्ध नहीं कराया गया। परेशान परिजनों ने 9 हजार रुपये किराए में निजी वाहन ली और शव लेकर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पहुंचे।
मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पहुंचे कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक सहित कांग्रेसियों ने पहाड़ी कोरवा परिवार के साथ शव को जमीन में रखकर करीब दो घंटे प्रदर्शन किया एवं मामले में लापरवाही का आरोप लगा मुआवजे की मांग रखी।
मृतक के भाई बजरू कोरवा ने बताया कि वे लगातार मदद के लिए मंत्री, सांसद व विधायक से मदद की गुहार लगाते रहे। अधिकारियों को एम्बुलेंस उपलब्ध कराने कहा, लेकिन उन्हें 26 घंटे बाद एम्बुलेंस मिल सका। रायपुर से शव वापस लाने के लिए भी शव वाहन नहीं मिल सका।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष बोले लापरवाही से हुई मौत
कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि प्रशासन की लापरवाही के कारण इस नौजवान पहाड़ी कोरवा की जान गई है। मामले में गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज किया जाए। उन्हें वापस लाने के लिए पैसा भी कांग्रेस के लोगों ने दिया। पहाड़ी कोरवा युवक के इलाज में मदद करने वाले युकां नेता बृजेश मिश्रा ने बताया कि मंत्री, सांसद, विधायक सभी से मदद की गुहार परिवार के लोगों ने लगाई, लेकिन मदद नहीं मिली। यह सीधे तौर पर लापरवाही है।


