सरगुजा

रजत महोत्सव पुरखा के सुरता का आयोजन
11-Sep-2025 3:58 PM
रजत महोत्सव पुरखा के सुरता का आयोजन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 11 सितंबर। संत हरकेवल शिक्षा महाविद्यालय अंबिकापुर में बुधवार को रजत महोत्सव 2025 का आयोजन किया गया।

 महोत्सव में पारंपरिक छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य, लोक संस्कृति प्रदर्शनी (झांकी) छत्तीसगढ़ गढ़ कलेवा का भी आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज दीपक कुमार झा व कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. प्रेमप्रकाश सिंह संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय कुलपति अंबिकापुर एवं विशिष्ठ अतिथि अमृतलाल ध्रुव अपर कलेक्टर, रामसिंह ठाकुर अपर कलेक्टर, गिरीश गुप्ता, शैलेंद्र मिश्रा, प्रो. रश्मित कौर, वंदना दत्ता, मुकेश अग्रवाल, मंगल पांडे, संतोष विश्वकर्मा, अमृता जायसवाल, हिना खान, रजनीश मिश्रा, प्रीति तिवारी, इंदु मिश्रा इत्यादि उपस्थित हुए। कार्यक्रम की शुरूआत गणेश स्तुति और मां सरस्ती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर की गई। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत से हुआ।

कार्यक्रम की शुरूआत पारंपरिक नृत्य के साथ हुआ। जिसमें कर्मा नृत्य, राउत नाचा, शैला नृत्य और सुआ नृत्य जैसी विभिन्न प्रस्तुतियों को प्रशिक्षार्थियों ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में छत्तीसगढ़ी गढ़ कलेवा पकवान का आयोजन किया गया। जिसमें पारंपरिक भोज भात, डुबकी, चावल रोटी, दलपीठी, लाटा, लकड़ा भाजी, कुमड़ा भाजी, फरा तथा विभिन्न प्रकार की चटनियां इत्यादि को परोसकर अपनी पाक विद्या का भी लोहा मनवाने पर मजबूर किया।

आईजी श्री झा ने यहां की नृत्य, झांकी और पकवान को देखकर कहा कि वास्तविक छत्तीसगढ़ इतनी खूबसूरत है, मेरे को आज के पहले तक पता नहीं था तथा कुलपति ने भावी शिक्षकों में छिपी हुई गुणवत्ता देखते बताया कि आने वाले भारत के लिए हमें ऐसे ही शिक्षकों की जरूरत है। अतिथियों ने महाविद्यालय एवं प्रशिक्षार्थियों की प्रशंसा की। सहायक प्राध्यापक रश्मित कौर ने तो यहां तक कह डाला कि आपकी बराबरी करने वाला सरगुजा में कोई और महाविद्यालय और विद्यालय नहीं है। इतना अच्छा कार्यक्रम और इतनी अच्छी सहभागिता और जगह देखने को नहीं मिलता।

 कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया तथा सभी को अपने अमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम के अंत में सभी सहभागी सदन को पुरस्कृत कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। जिसमें लिली सदन को सांत्वना पुरस्कार, ट्यूलिप सदन को तृतीय, जैस्मिन सदन को द्वितीय और डेजी सदन ने बाजी मारते प्रथम पुरस्कार के हकदार बने। सभी कार्यक्रम प्राचार्य डॉ. अंजन सिंह के मार्गदर्शन में कार्यक्रम प्रभारी डॉ. पूजा दुबे के निर्देशन एवं समस्त सहायक प्राध्यापक सुमन पांडे, डॉ. रानी पांडे, चंदा सिंह, नीरु त्रिपाठी, श्वेता तिवारी के निरीक्षण तथा बीएड तृतीय सेमेस्टर के प्रशिक्षार्थियों के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।


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