सरगुजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 7 सितंबर। सरगुजा भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश मिश्रा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य में चल रही एपीएल राशन वितरण स्कीम को बंद करने की मांग की है। उन्होंने इस योजना से होने वाली 900 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत को सडक़, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य विकास कार्यों में उपयोग करने का सुझाव दिया है।
कैलाश मिश्रा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि छत्तीसगढ़ में लगभग 8.53 लाख एपीएल राशन कार्डधारकों को 10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चावल दिया जाता है, जबकि बाजार में इसकी कीमत 35 रुपये है, इससे सरकार को प्रतिमाह 7.5 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होता है।
उन्होंने तर्क दिया कि एपीएल परिवार आर्थिक रूप से सक्षम हैं और बाजार से अनाज खरीद सकते हैं, लेकिन इस स्कीम का दुरुपयोग हो रहा है, कई कार्डधारक राशन को काले बाजार में बेच रहे हैं या इसे पशु आहार के रूप में उपयोग कर रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। इस स्कीम को बंद करने से न केवल भ्रष्टाचार रुकेगा, बल्कि बचने वाली राशि से ग्रामीण सडक़ों का निर्माण, सरकारी अस्पतालों का उन्नयन और स्कूलों में सुविधाएँ बढ़ाई जा सकती हैं।
उन्होंने जोर दिया कि यह स्कीम पूर्ववर्ती सरकार की वोट बैंक राजनीति का हिस्सा थी, जिसकी अब प्रासंगिकता खत्म हो चुकी है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार, एपीएल परिवारों के लिए प्रतिमाह 3 लाख क्विंटल चावल का आबंटन किया जाता है, जिसका सब्सिडी भार राज्य के खजाने पर पड़ता है।
श्री मिश्रा ने सुझाव दिया कि इस राशि को सडक़ निर्माण, जल संरक्षण, सिंचाई परियोजनाओं और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में निवेश किया जाए, ताकि छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भर बन सके।