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जीएसटी में ऐतिहासिक सुधार उपभोक्ताओं को राहत - मुकेश अग्रवाल
04-Sep-2025 10:45 PM
जीएसटी में ऐतिहासिक सुधार उपभोक्ताओं को राहत - मुकेश  अग्रवाल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 4 सितंबर। देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के जिला अध्यक्ष मुकेश  अग्रवाल ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी सुधारों और कर दरों के पुनर्गठन को ऐतिहासिक और क्रांतिकारी करार दिया है। कैट के अनुसार, इन सुधारों से छोटे व्यापारियों, उपभोक्ताओं और भारत की अर्थव्यवस्था को न केवल लाभ मिलेगा बल्कि यह कदम कर संरचना को सरल बनाएगा तथा उपभोग में भारी वृद्धि कर देश की आर्थिक गतिविधियों तथा व्यापार को नई गति देगा।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के जिला अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल  ने  माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का देश भर के व्यापारियों की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 400 से अधिक वस्तुओं पर कर कम करने के सुधारों से आम आदमी को रोजमर्रा के खर्चे में बड़ी राहत मिलेगी तथा कर व्यवस्था भी चुस्त दुरुस्त होगी। यह वास्तव में प्रधानमंत्री श्री मोदी की तरफ़ से देश को बड़ा दिवाली उपहार है।

मुकेश ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इन जीएसटी सुधारों से घरेलू खपत में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। रिपोर्ट का अनुमान है कि आगामी त्योहारी सीजन में खपत में 7-8 प्रतिषत की बढ़ोतरी होगी। यह उपभोक्ता खर्च में वृद्धि खुदरा व्यापार और छोटे दुकानदारों की बिक्री को सीधे लाभान्वित करेगी।

मुकेश ने कहा कि सरकार ने बीमा सेवाओं को जीएसटी से मुक्त कर मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत दी है।

 इससे स्वास्थ्य और जीवन बीमा की प्रीमियम दरें और किफायती होंगी। महामारी के बाद और लगातार बढ़ती स्वास्थ्य लागत के बीच यह कदम आम परिवारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा और बीमा कवरेज को प्रोत्साहन मिलेगा।

मुकेश ने कहा कि इन सुधारों से देश को बहुआयामी लाभ होंगे। कम जीएसटी दरें उपभोक्ताओं को अधिक खरीदारी के लिए प्रोत्साहित करेंगी, जिससे बाज़ार की मांग बढ़ेगी वहीं बढ़ती मांग का सीधा लाभ छोटे दुकानदारों, खुदरा व्यापारियों और थोक विक्रेताओं को मिलेगा। उपभोग बढऩे से उद्योगों को उत्पादन बढ़ाना होगा, जिससे रोजगार और औद्योगिक

गतिविधियों में वृद्धि होगी। कर दरों के सरलीकरण से जीएसटी अनुपालन आसान और सस्ता होगा। दो प्रमुख दरों के होने से कर संग्रहण बेहतर होगा और व्यापार जगत में स्थिरता आएगी।

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि इन सुधारों का भारत की जीडीपी पर सीधा असर होगा। उपभोग और औद्योगिक उत्पादन में तेजी से आगामी वित्तीय वर्ष में जीडीपी में अतिरिक्त 0.5 प्रतिशत से 0.7 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है। इससे सरकारी राजस्व भी बढ़ेगा और भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी।

मुकेश अग्रवाल ने कहा की ये सुधार केवल टैक्स में बदलाव नहीं हैं, बल्कि भारत के व्यापार का स्वर्णिम अध्याय हैं और आत्मनिर्भर भारत की ओर एक बड़ा कदम है। आने वाले समय में इसका असर न सिर्फ छोटे व्यापारियों पर बल्कि पूरे राष्ट्र की आर्थिक प्रगति पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।


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