सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 26 अगस्त। तीजा पर्व मंगलवार को मनाया गया। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 25 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर हुई, जिसका समापन 26 अगस्त की दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर हुआ। चूंकि उदयातिथि यानी सूर्योदय के दौरान पडऩे वाली तिथि को महत्व दिया जाता है, इसलिए 26 अगस्त को तीजा पर्व का पूजन किया गया। इस बार पूजन के लिए 26 अगस्त को सुबह दो घंटे 35 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहा।
हरितालिका व्रत को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया। सुहागिनों का यह सबसे बड़ा पर्व है। यह पर्व माता पार्वती से जुड़ा है। मां पार्वती ने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए व्रत रखा था।
हिंदू संवत्सर के भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज का व्रत करने की परंपरा है। सुहागिनें भगवान शंकर और मां पार्वती की प्रतिमा रेत अथवा मिट्टी से बनाई थी। विधिवत पूजा-अर्चना करके पति की दीर्घायु की कामना की गई। ऐसी मान्यता है कि हरतालिका तीज का व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में प्रेम बना रहता है और रिश्तों में आ रही कड़वाहट दूर होती है। हरतालिका तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर सुहागीनों ने स्नान किया। शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल पर चौकी लगाई। भगवान शिव, माता पार्वती और गणेशजी की मिट्टी से बनी मूर्तियां स्थापित कर विधि विधान से पूजा-अर्चना कि गई। मां गौरी को 16 श्रृंगार की सामग्री और फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित किया गया।


