सरगुजा

रामगढ़ पर्वत हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत है,खतरे के खिलाफ खड़ा नहीं हुआ तो खुद को माफ नहीं कर पाऊंगा-सिंहदेव
23-Aug-2025 10:12 PM
रामगढ़ पर्वत हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत है,खतरे के खिलाफ खड़ा नहीं हुआ तो खुद को माफ नहीं कर पाऊंगा-सिंहदेव

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने रामगढ़ संरक्षण और संवर्धन समिति का किया गठन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर,23 अगस्त। कोल प्रोजेक्ट के कारण सरगुजा की सांस्कृतिक धरोहर रामगढ़ पर्वत पर आसन्न खतरे को देखते पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव की पहल पर रामगढ़ संरक्षण और संवर्धन समिति नाम के गैर राजनीतिक संस्था का गठन किया गया है।

हाल ही में वन विभाग द्वारा केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक के संदर्भ में एक सर्वे पूर्व उपमुख्यमंत्री के द्वारा शेयर किया गया था, जिसमें यह बतलाते हुए कि रामगढ़ पर्वत केते एक्सटेंशन से 10 किमी से ज्यादा दूर है, इस खदान के लिए अनापत्ति जारी किया। यह सर्वे उस सर्वे रिपोर्ट से उलट थी जो पूर्व में कांग्रेस शासन काल में हुआ था, जिसमें रामगढ़ पर्वत खदान के 10 किमी दायरे के अंदर था। 10 किमी के दायरे के अंदर होने और खदान के कारण रामगढ़ पर्वत पर पडऩे वाले दुष्प्रभाव को देखते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस खदान के लिए स्वीकृति नहीं दिया। सरकार बदलने के बाद खनन कंपनी के हितानुसार सर्वे रिपोर्ट के आधार पर खदान को मंजूरी देने की भूमिका बन रही है।

वन विभाग की सर्वे रिपोर्ट के सामने आने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री ने सोसल मीडिया पर सप्रमाण यह जानकारी दी थी कि किस प्रकार  सर्वे रिपोर्ट तथ्यों के विपरीत है। उसी समय उन्होंने रामगढ़ पर्वत के संरक्षण के लिए प्रजातांत्रिक पहल की घोषणा कर दी थी। इस दिशा में अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने आज रामगढ़ शेड, उदयपुर में क्षेत्र के नागरिकों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई।

बैठक में उन्होंने कहा कि स्थानीय नागरिकों और रामगढ़ के पुजारी का कहना है कि अभी मौजूद खदानों में ब्लास्टिंग के कारण दरार आ चुकि है। नजदीक में खदान खुल जाने पर पहाड़ का अस्तित्व ही संकट में आ जायेगा। उन्होंने कहा कि रामगढ पर्वत हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत है। खदान के कारण इसके अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे के खिलाफ अगर खड़ा नहीं हुआ तो खुद को माफ नहीं कर पाऊंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में रामगढ़ पर्वत की विरासत को बचाने और हाथियों के लिये बनाये जा रहे लेमरू प्रोजेक्ट के लिए तत्कालीन केंते एक्सटेंशन कोल प्रोजेक्ट को खारिज कर दिया था।

उन्होंने कहा कि रामगढ़ पर्वत और क्षेत्र के पर्यावरण को बचाने के लिए न तो कोई राजनीतिक दल मुद्दा है न ही कोई पार्टी, अगर कोई चीज मुद्दा है तो वो रामगढ़ पर्वत और उसकी विरासत है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर वो राजनीति से अलग हटकर सभी को साथ जोडऩे के लिए रामगढ़ संरक्षण एवं संवर्धन समिति का गठन हुआ है जिससे जुडऩे का आव्हान उन्होंने किया है। हाल ही में कैबिनेट मंत्री बने स्थानीय विधायक राजेश अग्रवाल के इस बयान का भी उन्होंने स्वागत किया जिसमें कहा गया है कि खदान के कारण रामगढ़ पर्वत के नुकसान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने आज आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में रामगढ पर्वत को बचाने की मुहिम में दलगत राजनीति से हटकर समाज के सभी वर्गों को जुडऩे का आव्हान किया है। आज की इस बैठक में राकेश गुप्ता, सिद्धार्थ सिंहदेव, ओमप्रकाश सिंह, राजनाथ सिंह, भोजवंती सिंह, अंचल ओझा सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के सदस्य और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।


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