सरगुजा
हिग्लेश्वरी स्व-सहायता समूह ने तेल प्रोसेसिंग इकाई से शुरू किया रोजगार का नया सफर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 3 अगस्त। छत्तीसगढ़ शासन की बहुप्रशंसित च्च्बिहान योजना के तहत सरगुजा जिले की ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ रही है। लुण्ड्रा विकासखंड की ग्राम पंचायत करौली स्थित हिग्लेश्वरी स्व-सहायता समूह की महिलाएं आज खुद की तेल प्रोसेसिंग इकाई का संचालन कर रही हैं, महिलाएं आज स्थानीय स्तर पर आजीविका का नया मॉडल प्रस्तुत कर रही हैं।
समूह की अध्यक्ष सरोज ने बताया कि यह इकाई 5 अलग-अलग महिला स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को एकजुट कर बनाई गई है। इन समूहों की कुल 28 महिलाओं को मिलाकर एक प्रोड्यूसर ग्रुप (पीजी) गठित किया गया, जिसने मिलकर फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की।
वर्तमान में यह पीजी समूह सरसों तेल निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया जैसे बीज की सफाई, प्रोसेसिंग, संग्रहण, पैकिंग और विपणन भी स्वयं ही संचालित कर रहा है।
इस इकाई में कार्यरत महिलाओं को प्रतिदिन 200 की मजदूरी प्राप्त होती है। साथ ही, तेल बिक्री से 50 से 60 हजार की बचत होती है। शासन की ओर से उन्हें प्रोसेसिंग के लिए शेड एवं मशीनरी की सुविधा भी प्रदान की गई है।
अध्यक्ष सरोज ने बताया कि तेल स्टील ड्रम में संग्रहित किया जाता है, दो दिन तक स्थिर रखने के बाद बोतलों में भरकर उसे सील किया जाता है और फिर बाज़ार में बेचा जाता है। इसकी शुद्धता और गुणवत्ता के कारण बाजार में मांग भी प्रतिदिन बढ़ रही है।
सरोज ने समूह की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं की वजह से गांव की महिलाएं अब रोजगार के साथ आत्मसम्मान से जी रही है। उन्होंने बताया कि पहले महिलाएं घरों तक सीमित थीं, लेकिन अब उन्हें न केवल आर्थिक मजबूती मिली है बल्कि समाज में सम्मानजनक पहचान भी हासिल हुई है।
बिहान योजना के तहत महिलाओं का समूह आज सरगुजा जिले में महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण आजीविका विकास की नई मिसाल बनते जा रहे हैं।


