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सरगुजा साहित्य में प्रतिभा की कोई कमी नहीं- विश्व विजय तोमर
31-Jul-2025 10:31 PM
सरगुजा साहित्य में प्रतिभा की कोई कमी नहीं- विश्व विजय तोमर

तईहा कर मईनसे सरगुजिहा काव्य संग्रह का अतिथियों ने किया विमोचन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 31 जुलाई। निश्चल सरगुजिहा साहित्य समिति द्वारा भारतेंदु भवन में पुस्तक  विमोचन समारोह छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष विश्व विजय तोमर के मुख्य आतिथ्य साहित्यकार ब्रह्मा शंकर सिंह हिंदी साहित्य परिषद के जिला अध्यक्ष विनोद हर्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सदस्य राजेश तिवारी के विशिष्ट आतिथ्य तथा समिति के अध्यक्ष सुरेश प्रसाद जायसवाल की अध्यक्षता में आयोजित किया गया कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार सुरेश प्रसाद जायसवाल की सरगुजिहा कृति तईहा कर मईनसे काव्य संग्रह को विमोचित किया गया

मुख्य अतिथि विश्व विजय सिंह तोमर ने इस अवसर पर कहा कि सरगुजा साहित्य में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है अनिरुद्ध नीरव जे एन मिश्र रामप्यारे रसिक श्याम कश्यप बेचैन जैसे साहित्यकारों ने प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर जिले को गौरव प्रदान किया है सरगुजिया जिले के साहित्यकारों के लिए मैं प्रयास करूंगा की छत्तीसगढ़ शासन से आप सबको उचित सम्मान मिल सके साहित्यकार ब्रह्मा शंकर सिंह ने सभी रचनाकारों से स्वरचित रचनाओं का काव्य संग्रह प्रकाशन करने का आह्वान किया जिससे की आपकी रचनाएं पाठकों के बीच में जा सकें हिंदी साहित्य परिषद के जिलाध्यक्ष विनोद हर्ष ने सरगुजा भाषा में सृजन के लिए और भी अधिक साधना करने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि रचना करने हेतु भाषा पर मजबूत पकड़ बनानी होगी।

छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के सदस्य राजेश तिवारी ने कहा कि नए रचनाकारों के प्रोत्साहन के लिए आयोग सदैव तत्पर है समय पडऩे पर उन्हें मंच भी प्रदान किया जाता है। विमोचन समारोह के दौरान आयोजित काव्य गोष्ठी में सीमा तिवारी,पूनम दुबे,आशा पांडेय,विनोद तिवारी, राजेंद्र राज,जयप्रकाश चौबे,प्रकाश कश्यप,द्वारिका यादव,एसपी जायसवाल,विनोद हर्ष,अजय सागर,देवेंद्र दुबे,जय गुप्ता,डॉ सपध सिन्हा,मन्नवर अशरफी, रामलाल विश्वकर्मा,कृष्णकांत पाठक,चंद्रभूषण मिश्र, उमेश पांडे ने अपनी अपनी रचनाओं का पाठ किया।

गोष्ठियों में नवीन परंपराओं की शुरुआत करते हुए इस बार समीक्षकों को आमंत्रित किया गया समीक्षक के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार बी डी लाल एवं डी पी तिवारी ने सभी रचनाकारों की रचना समीक्षा करते हुए उनके गुण दोष को बताया कार्यक्रम का संचालन देवेंद्र दुबे तथा संयोजन अनिल कुमार त्रिपाठी ने किया।


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