सूरजपुर
कहा- अब किसी भी हाल में अवैध गुड़ फैक्ट्री नहीं चलने दी जाएगी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर,27 दिसंबर। जिले में अवैध रूप से संचालित गुड़ उद्योगों के खिलाफ प्रशासन अब पूरी तरह एक्शन मोड में नजर आ रहा है। लगातार तीसरे दिन कलेक्टर एवं माँ महामाया सहकारी शक्कर कारखाना के प्रशासक एस. जयवर्धन ने सख्त तेवर दिखाते हुए आज फिर शक्कर कारखाना केरता पहुंचकर अधिकारियों की क्लास लगाई। कलेक्टर की इस लगातार कार्रवाई से जिले के गुड़ उद्योग संचालकों और संबंधित विभागों में हडक़ंप मच गया है।
आज के औचक निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने शक्कर कारखाना परिसर, शक्कर गोदाम में उपलब्ध स्टॉक, गन्ना खरीदी व्यवस्था, रिकॉर्ड संधारण और कारखाने के विभिन्न तकनीकी व प्रशासनिक पहलुओं की गहनता से जांच की। निरीक्षण के दौरान कई बिंदुओं पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और साफ शब्दों में कहा कि अब किसी भी हाल में अवैध गुड़ फैक्ट्री नहीं चलने दी जाएगी।
कलेक्टर ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि शासन द्वारा तय नियम, मापदंड और प्रारूपों की अनदेखी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी, चाहे वे कितने ही प्रभावशाली क्यों न हों। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि 31 दिसंबर तक जिले के सभी गुड़ उद्योगों से तय प्रारूप में पूरी जानकारी अनिवार्य रूप से एकत्र की जाए और एक-एक उद्योग की भौतिक जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
लगातार मीडिया में प्रकाशित खबरों और जन शिकायतों को आधार बनाते हुए कलेक्टर ने कहा कि अवैध गुड़ उद्योग न सिर्फ किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरण, मंडी व्यवस्था और शासन के राजस्व को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई तय है।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने शक्कर गोदाम में रखे स्टॉक का मिलान रजिस्टर से कराया, रिकवरी प्रतिशत, उत्पादन क्षमता और गन्ना आवक की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कारखाने में आने वाले गन्ने की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि किसानों को उनकी उपज का पूरा लाभ मिल सके और रिकवरी प्रभावित न हो।
कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि शक्कर कारखाना क्षेत्र के किसानों के लिए स्थायी और सुरक्षित बाजार है। यदि कारखाने की व्यवस्था कमजोर हुई तो इसका सीधा नुकसान किसानों को होगा। इसलिए कारखाना प्रबंधन, कृषि विभाग, सहकारिता और राजस्व विभाग को समन्वय के साथ काम करने के निर्देश दिए गए।
सूत्रों की मानें तो कलेक्टर की इस सख्ती के बाद कई गुड़ उद्योग संचालकों में बेचैनी बढ़ गई है। वर्षों से नियमों को ताक पर रखकर चल रहे उद्योगों पर अब बड़ी कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है।
खासकर बिना लाइसेंस, बिना मंडी शुल्क और प्रदूषण नियमों की अनदेखी कर चल रहे उद्योग अब प्रशासन के सीधे निशाने पर हैं।
आज के निरीक्षण के दौरान एसडीएम प्रतापपुर ललिता भगत, तहसीलदार चंद्रशीला जायसवाल, प्रबंध संचालक आकाशदीप पात्रे, मुख्य गन्ना विकास अधिकारी प्रमोद चौहान, चीफ केमिस्ट मनोज पाड़ी, मुख्य अभियंता सुनील तिवारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


