सूरजपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर, 26 नवंबर। जिले में अवैध धान भंडारण के मामलों पर की जा रही कार्रवाई को लेकर प्रश्न उठ रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन बड़े राइस मिलरों और प्रमुख कोचियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहा है। ग्रामीण आरोप लगाते हैं कि छोटे दुकानदारों और आटा चक्की संचालकों पर की गई कार्रवाई पर्याप्त नहीं है और बड़े व्यापारियों पर कार्रवाई से ही पूरे नेटवर्क का पता चल सकता है।
सोमवार को प्रशासन ने दूरती और खडग़वां कला क्षेत्र में तीन प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई करते हुए 975 बोरी (390 क्विंटल) धान जब्त किया।
दूरती में जब्ती
विकास किराना स्टोर (संचालक-विकास गुप्ता) से 700 बोरी (280 क्विंटल) धान जब्त। राहुल किराना स्टोर (संचालक–राजकुमार गुप्ता) से 110 बोरी (44 क्विंटल) धान जब्त।
खडग़वां कला में जब्ती
भुनेश्वर आटा चक्की (संचालक-भुनेश्वर चक्रधारी) से 165 बोरी (66 क्विंटल) धान जब्त किया गया।
राजस्व विभाग की टीम के अनुसार, तीनों स्थानों पर धान के अवैध भंडारण और खरीद-फरोख्त से संबंधित सामग्री मिलने की पुष्टि हुई है।
तीनों संचालकों के खिलाफ मंडी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। अधिकारियों का कहना है कि अवैध धान कारोबार से जुड़े किसी भी व्यक्ति को नियमानुसार कार्रवाई से नहीं छोड़ा जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि मीडिया में लगातार प्रकाशित खबरों के बाद प्रशासन द्वारा कार्रवाई तेज की गई है। ग्रामीण आरोप लगाते हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों से धान लाकर स्थानीय मंडियों में समायोजित किए जाने की शिकायतें लंबे समय से हैं, और इससे शासन को आर्थिक नुकसान होने की संभावना बनती है। ग्रामीण यह भी आरोप लगाते हैं कि इस प्रक्रिया में विभिन्न स्तरों पर मिलीभगत की आशंका है।
एसडीएम ललिता भगत ने कहा कि जहां से भी जानकारी या शिकायत प्राप्त हो रही है, वहां टीम गठित कर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि धान खपाने से जुड़े प्रकरणों पर भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।


