सुकमा
पूर्व जिपं अध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 7 नवम्बर। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कार्यरत शिक्षा दूतों के संबंध में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम कलेक्टर सुकमा को, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से नक्सल हिंसा से पीडि़त शिक्षा दूत के परिवारों को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता देने की मांग गई।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने ज्ञापन में मांग की गई कि सुकमा जिले के अंदरूनी इलाकों में संचालित स्कूले जो बरसों से बंद थी, वहां शिक्षादूत न सिर्फ स्कूलों को खोला बल्कि बच्चों को शिक्षा देने का काम कर रहे है। उनको कई माह तक मानदेय मिलने में देरी होने के बावजूद वे अपने शिक्षकीय कार्य को सम्पादित कराते रहे हंै। इस बीच पुलिस मुखबिरी के नाम पर कुछ शिक्षादूतों की हत्या तक की गई उसके बावजूद भी वे आज भी शिक्षा का अलख जगा रहे हंै। उक्त संस्था का नाम दिंवगत शिक्षा दूत के नाम से नामकरण किया जाए, साथ ही शहीद का दर्जा दिया जाए।
हाल ही में प्रदेश सरकार नए शिक्षकों की भर्ती कर रही है। उस भर्ती में शिक्षादूतों को विशेष छूट और प्राथमिकता दी जाए।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने शासन प्रशासन से निवेदन किया कि नक्सल हिंसा से पीडि़त परिवार को अब तक सरकारी नौकरी नहीं मिली है। जिससे उन पर आश्रित परिवारजन काफी तकलीफ में हैं, इसलिए उन सभी मामलों की जल्द जांच कर पीडि़त परिवारों को मुआवजा एवं सरकारी नौकरी भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दें।


