सुकमा
624 मोतियाबिंद मरीजों को जल्द मिलेगी नई रोशनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 7 नवम्बर। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य सेवाओं को जिले के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता को चरितार्थ करते हुए, जिला प्रशासन ने नियद नेल्लानार योजना के तहत एक लोक कल्याणकारी पहल की है। सीएमएचओ डॉ. आरके गुप्ता के मार्गदर्शन में, स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने दूरस्थ, पहुंचविहीन और माओवाद प्रभावित कोंटा विकासखंड के 125 गांवों में घर-घर जाकर स्वास्थ्य सर्वे अभियान चलाया है।
दुर्गम चुनौतियों के बीच स्वास्थ्य सेवा
यह अभियान इसलिए भी विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह उन दुर्गम और पहुंचविहीन इलाकों में चलाया गया, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती रही है। जिला प्रशासन की इस पहल का मुख्य उद्देश्य नक्सल प्रभावित अंदरूनी गांवों के निवासियों को उनके द्वार पर ही स्वास्थ्य लाभ पहुंचाना है।
संपूर्ण नेत्र सुरक्षा कार्यक्रम से मिली राहत
बीएमओ कोंटा डॉ. दीपेश चंद्राकर ने बताया कि इस सघन सर्वे के अंतर्गत ‘संपूर्ण नेत्र सुरक्षा कार्यक्रम’ पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। स्वास्थ्य विभाग के समर्पित नेत्र सहायक अधिकारियों की टीमों ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद घर-घर जाकर लोगों की आंखों की सघन जांच की। इस जांच अभियान में मोतियाबिंद (कैटरेक्ट) से पीडि़त मरीजों की बड़ी संख्या सामने आई है। सर्वे के द्वारा कुल 624 मोतियाबिंद के मरीजों का चिन्हांकन किया है, जिनमें 132 मरीज एक आंख से और 492 मरीज दोनों आंखों से पीडि़त पाए गए।
जल्द होगा नि:शुल्क इलाज
जिला प्रशासन ने इन सभी 624 चिन्हांकित मरीजों को नई रोशनी देने का बीड़ा उठाया है। प्रशासन की ओर से जल्द ही जिला अस्पताल में विशेष मोतियाबिंद शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जहां इन सभी मरीजों का नि:शुल्क इलाज और ऑपरेशन सुनिश्चित किया जाएगा। मरीजों को इलाज के लिए लाने और वापस ले जाने तथा रहने खाने की व्यवस्था जिला प्रशासन के द्वारा की जाएगी।


