सुकमा

दुर्गेश राय ने किया गोलापल्ली आश्रम का निरीक्षण
07-Sep-2024 10:21 PM
दुर्गेश राय ने किया गोलापल्ली आश्रम का निरीक्षण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सुकमा, 7 सितम्बर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव दुर्गेश राय ने घोर नक्सल प्रभावित गोलापल्ली गांव का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने गांव में संचालित आदिवासी बालक आश्रम का जायजा लिया। शासन स्तर पर मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। आश्रम परिसर में फैली अव्यवस्था को लेकर प्रबंधन पर नाराजगी जाहिर की। 

दुर्गेश राय ने कहा कि नक्सलवाद के कारण गांव से विस्थापित किए गए आश्रम—शालाओं को कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने वापस लाया गया था। बच्चों को सुविधाएं भी मिल रही थी, लेकिन अब बच्चों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। आश्रम—शालाओं की स्थिति बद से बदतर होते जा रही है। पहली से लेकर 5 क्लास तक रूम में पानी तपकने से फर्श गीला हो जाता है, वहीं बच्चे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर है। बच्चों को तो यह भी पता नहीं कि हमें क्या क्या सुविधा मिलती है। उनको क्या जो मिले न मिले किसी कोई मतलब नहीं विभाग को उनके हक की जानकारी देनी चाहिए जिससे वह अपना हक मांग सके।

हर साल लाखों करोड़ों आदिवासी बच्चों के नाम पर आबंटन प्राप्त होता है, लेकिन उस हिसाब से नहीं मिलते हैं। जिससे आदिवासी बच्चे अपने हक और अधिकार से वंचित होते जा रहे है, जिम्मेदार अधिकारी उन बच्चों के नाम फल फूल रहे है और आश्रमों में रहने वाले बच्चों को अपने हाल में छोड़ दिया गया है। आश्रम परिसर का यह हाल है कि जानवर बच्चे दोनों हमजोली होने को मजबूर है। आश्रम के इर्दगिर्द सुअरों का डेरा है। विभाग के ब्लॉक स्तर के अधिकारी खाना पूर्ति करने कभी कभार चले जाते हैं, लेकिन उन्हें व्यवस्था से कोई सरोकार नहीं है इसलिये यह व्यवस्था जस की तस है।

 नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने का फायदा उठाकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना नहीं चाहिए। विभाग को 75 सीटर आश्रम है, लेकिन 85 बच्चे वहां रहते हैं दो ही शौचालय है, रहने और सोने के लिये पर्याप्त जगह नहीं है फिर भी आखों को मूँद तमाशा देख रहे हैं विभाग के अधिकारी।

जल्द ही आश्रम व्यवस्था दुरुस्त कर हर आश्रम की हर सप्ताह मानिटरिंग करना जरूरी है।


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