सुकमा

कोंंटा में डेढ़ दशक से जारी है नौनिहालों के पोषण आहार पर डाका
28-Aug-2024 4:12 PM
कोंंटा में डेढ़ दशक से जारी है नौनिहालों के पोषण आहार पर डाका

पहली बार प्रशासन ने रेडी टू ईट फूड में चल रहे धांधली को पकड़ा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
सुकमा, 28 अगस्त।
छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर बसे नक्सल प्रभावित कोंंटा में संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण केंद्र में पहली बार रेडी टू ईट फूड में बड़ी धांधली सामने आई है। 
प्रशासन ने पिकअप वाहन और सुपोषण केंद्र से करीब 35 क्विंटल खुला पोषण आहार बरामद किया है। फिलहाल मामले की जांच चल रही है, लेकिन पहली बार गर्भवती महिलाओं और नौनिहालों को दिए जाने वाले पोषण आहार पर प्रशासन की कार्रवाई ने चर्चाओंं का बाजार गर्म कर दिया है। 

बताया जाता है कि रेडी टू ईट फूड में धांधली बीते डेढ़ दशक से जारी है। नौनिहालों की जगह इसे खुले बाजार में पशुओं के लिए बेचा जा रहा है। सुपोषण केन्द्र में 20 किलो के 90 बोरी एक्सपायरी डेट का पोषण आहार मिलना भी विभागीय अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने मातृत्व शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की मदद से रेडी टू ईट योजना शुरु की। जिसमें गर्भवती महिलाओं को अच्छी सेहत के लिए पौष्टिक आहार निशुल्क बांटा जाता है। इस योजना का मकसद सिर्फ इतना था कि जो माताएं आर्थिक तंगी झेल रही हैं, कम से कम उन्हें गर्भावस्था में पोषण आहार मिल सके, ताकि जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ हो। लेकिन इस योजना का सुकमा जिले में बुरा हाल है। 

पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में रेडी टू ईट फूड, बीज निगम के जरिए वितरित किया जा रहा था। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद वर्तमान महिला स्व सहायता समूह को फिर से जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया गया है। हालांकि नक्सल प्रभावित कोंटा ब्लॉक में लंबे समय से पोषण आहार में धांधली का खेल विभागीय जिम्मेदारों की निगरानी में जारी है।

समूह के नाम पर सुपरवाइजर के घर में तैयार होता था

पोषण आहार...

कोंटा ब्लॉक के आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार का वितरण 15 साल की भाजपा सरकार में समूहों के माध्यम से किया जाता था। उस वक्त परियोजना अधिकारी के प्रभार में रहीं एक सुपरवाईजर वर्तमान में रिटायर्ड, के घर से रेडी टू ईट फूड को तैयार किया जाता था। सुपरवाईजर के शिक्षक पति वर्तमान में एकलव्य आवासीय विद्यालय के प्रिंसिपल की निगरानी में किया जाता था। 

जिस पिकअप वाहन से शनिवार को कोंटा एसडीएम ने खुला पोषण आहार बरामद किया है, उक्त वाहन प्रिंसिपल के पुत्र के नाम रजिस्टर्ड है। पूछताछ के लिए स्थानीय प्रशासन ने प्रिंसिपल को पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों को भी तलब किया गया है। हालांकि अब तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है लेकिन कोंंटा में बड़े पैमाने पर पोषण आहार में धांधली होने की पुष्टि जरूर हो गई है।

विभागीय अफसर भी बराबर के जिम्मेदार...
नक्सल प्रभावित इलाके में कुपोषण दूर करने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर हैं, वे भी इस पूरे धांधली में बराबर के जिम्मेदार नजर आ रहे हैं। महीनों से बंद पड़े मुख्यमंत्री पोषण केंद्र में रेडी टू ईट फूड बड़ी मात्रा में बरामद किया गया है। नक्सलवाद के नाम पर कोंटा के सैकड़ों गांवों में बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने के आरोप लगते आ रहे हैं लेकिन सरकारी तंत्र में बैठे जिम्मेदार अफसर भी इलाके में नक्सलवाद के बढऩे का कारण हैं। केवल नक्सलवाद के नाम पर आदिवासियों को योजनाओं से दूर नहीं किया जा सकता, विभागीय अफसरों का भी दायित्व है कि योजनाओं का लाभ दूरस्थ व्यक्ति तक पहुंचाया जाए। लेकिन जिले में बैठे अफसर नक्सलवाद के नाम पर मुख्यालयों में ही अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
 


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