सुकमा

सडक़ ऐसी कि गाड़ी तो क्या इंसान पैदल भी नहीं जा सकता- लखमा
07-Aug-2024 10:27 PM
सडक़ ऐसी कि गाड़ी तो क्या इंसान पैदल भी नहीं जा सकता- लखमा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सुकमा, 7 अगस्त। कोंटा विधायक कवासी लखमा ने  भाजपा सरकार और  कार्यकर्ताओं पर  सडक़ शिक्षा अधीक्षकों की नियुक्ति से लेकर कई गंभीर आरोप लगाए।

कवासी लखमा ने कहा कि भाजपा के जिला अध्यक्ष धनीराम बारसे के गांव से लेकर पुसपल्ली तक सडक़ की स्थिति बहुत ही खराब है। जब मैं मंत्री था तब वहां पर डामर सडक़ की स्वीकृति दी थी लेकिन भाजपा सरकार बनते ही सडक़ को निरस्त कर दिया गया। उसके बाद डीएमएफ के पैसों से वहां मुरूम सडक़ की स्वीकृति हुई। पंचायत के माध्यम से ठेकेदार द्वारा मुरूम के जगह मिट्टी डाल दी गई जिससे वहां गाड़ी तो क्या इंसान का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है ऐसे भ्रष्ट्राचार के खिलाफ प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ।

बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कोंटा विधायक कवासी लखमा ने कहा कि चुनाव से पहले में पुसपल्ली, कोसाबंदर, कुडुकरास और  गांव गया था। तब ग्रामीणों ने सडक़ की मांग की थी जिसके बाद वहां पर 8 करोड़ की डामर सडक़ स्वीकृत हुई थी। लेकिन भाजपा की सरकार बनते ही उस सडक़ के साथ कोटिगुड़ा से लालमिट्टी 3 करोड़, केरलापाल से पोंगाभेज्जी 14 करोड़, मुरतोंडा से कुडक़ेलपारा 6 करोड़ समेत कई सडक़े निरस्त कर दी गई। जबकि पुसपल्ली व झापरा से भाजपा के जिला अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य उसी क्षेत्र से हैं, उसके बावजूद सडक़े निरस्त हुई है। लेकिन उसके बाद पैसा कमाने के लिए मुरूम के जगह मिट्टी डाल दी गई है।

 उन्होंने कहा कि नगर पालिका में आयोजित एक शिविर में गया था, जहां एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि पिछले 7 महिनों में नगर पालिका में एक भी पैसा नहीं आया। जबकि पिछली सरकार में करोड़ों के काम हुए है। यहां तक की शुद्ध पेयजल के लिए 80 करोड़ स्वीकृत है, लेकिन ये सरकार उसकी निविदा तक नहीं करा पाई। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट्राचार और अन्य मामलों में जिला प्रशासन निष्पक्ष रूप से जांच उपरांत कार्रवाई करे, अन्यथा कांग्रेस पार्टी सडक़ से लेकर विधानसभा की लड़ाई लड़ेगी।

भाजपा नेताओं ने शिक्षा तक को नहीं छोड़ा

 विधायक कवासी लखमा ने कहा कि सुकमा से लेकर राजधानी तक भाजपा नेताओं की करतूते चर्चा का विषय बन गई है। शिक्षा व्यवस्था तक को नहीं छोड़ा, ऐसी जानकारी मिल है कि आश्रम, छात्रावास और पोटाकेबिनों में अधीक्षक बनाने का अलग-अलग रेट तय है। और कई नेताओं को आश्रम व पोटाकेबिन बांट भी दिए है। यहां तक कि उन संस्थानों में राशन तक नेता भेज रहे है। कई आश्रम अधीक्षक परेशान हैं, अगर ऐसा ही रहा तो अधीक्षक बनने के लिए कोई भी तैयार नहीं होगा।

 उन्होंने कहा कि भाजपा ने 15 सालों में जिले के सैकड़ों स्कूल व आश्रम को बंद करवा दिया था। पिछली सरकार में उन स्कूल व आश्रमों को फिर से खोला गया। उन्होने कहा कि शिक्षा और बच्चों के निवाले से कोई समझौता नहीं होगा इस पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करे अन्यथा कांग्रेस पार्टी आने वाले समय में उग्र से उग्र आंदोलन करेगी।


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