सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 1 अगस्त। छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति एवं नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर तथा अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित कर पुलिस के बढ़ते प्रभाव से किया गया आत्मसमर्पण।
नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में आरएफटी सीआरपीएफ सुकमा एवं 223 वाहिनी सीआरपीएफ के आसूचना शाखा का विशेष प्रयास रहा है।
छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘नियद नेल्ला नार ’’ योजना से प्रभावित तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सली संगठन में सक्रिय 01 महिला नक्सली सहित कुल 5 नक्सलियों में क्रमश: माड़वी देवा (35)(आरपीसी सुरपनगुड़ा ग्राम मिलिशिया कमाण्डर ईनामी 01 लाख) सुकमा, माड़वी बदरू (35) (साकलेर आरपीसी मिलिशिया डिप्टी कमाण्डर) सुकमा, महिला सोड़ी हिडिय़े(33) पति चंद्रा (सुरपनगुड़ा आरपीसी केएमएस सदस्या) सुकमा, सोड़ी सीता (30) (सुरपनगुड़ा आरपीसी सीएनएम सदस्य) सुकमा एवं कवासी हिड़मा (45) (सुरपनगुड़ा आरपीसी मिलिशिया सदस्य) सुकमा के द्वारा नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में सपन चौधरी उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स सुकमा, निरीक्षक सी. बिक्की, आरएफटी सीआरपीएफ सुकमा एवं निरीक्षक सुजित कुमार, 223 वाहिनी सीआरपीएफ के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया।
नक्सली माड़वी को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में आरएफटी सीआरपीएफ सुकमा एवं शेष नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 223 वाहिनी सीआरपीएफ आसूचना शाखा का विशेष प्रयास रहा।
उपरोक्त सभी प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुडक़र जिले के विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गों में स्पाईक लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध में नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाना आदि घटनाओं में शामिल रहे है।
उक्त सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के तहत् सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदाय कराये जायेंगे।


