सुकमा
3 किमी पैदल चलकर एम्बुलेंस तक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 29 जुलाई। बस्तर में पिछले लगभग 15 दिनों से लगातार बारिश हो रही है। सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर इन 3 जिलों के अधिकांश गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। गांवों तक पहुंचने वाले कच्चे-पक्के रास्तों में बारिश का पानी भरा हुआ है, जिससे गांवों का संपर्क भी कट गया है। वहीं इन सबके बीच जिले के लेंड्रा गांव में गांव तक पहुंचने वाले कच्चे मार्ग में बारिश का पानी भरा हुआ होने की वजह से परिजनों ने गर्भवती को खाट पर लिटाकर कांधे पर ढोकर एंबुलेंस तक पहुंचाया है। परिजन करीब 3 किमी पैदल चलकर जंगल का सफर तय किए फिर गांव के बाहर खड़ी एंबुरलेंस के माध्यम से अस्पताल लेकर गए।
मिली जानकारी अनुसार गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सडक़ नहीं है। बारिश की वजह से चारों तरफ पानी भरा हुआ है, जिससे गांव वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मामला सुकमा जिले के एर्राबोर थाना क्षेत्र के लैंड्रा गांव का है। यह इलाका बेहद संवेदनशील है।
गांव की रहने वाली एक गर्भवती को शनिवार को प्रसव पीड़ा हुई। परिजनों ने इसकी खबर स्वास्थ्य विभाग और एंबुलेंस कर्मचारियों को दी। हालांकि एंबुलेंस के कर्मचारी महिला को लेने पहुंच तो गए, लेकिन उन्हें गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर ही रुकना पड़ा। गांव तक पहुंचने वाले कच्चे मार्ग में बारिश का पानी भरा हुआ था। ऐसे में परिजन महिला को एक खाट पर लेटा दिए, फिर उस खाट को कावड़ की तरह अपने कंधों पर ढोकर जंगल के रास्ते एंबुलेंस तक पहुंचे।
महिला दर्द से तड़पती रही। हालांकि, उनके परिजन उन्हें हौसला देते रहे। बारिश के बीच महिला की जंगल के रास्ते, बरसाती नाले पार कर एंबुलेंस तक पहुंचाया गया, जिसके बाद महिला को अस्पताल भेजवाया गया।


