राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : जरूरी जिन्दगी का इम्तेहान
09-Feb-2021 5:42 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : जरूरी जिन्दगी का इम्तेहान

जरूरी जिन्दगी का इम्तेहान

मोहब्बत से ज्यादा जरूरी जिन्दगी का इम्तेहान में कामयाब होना जरूरी है। लगता है छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने यही सबक सिखाने के लिये प्रारंभिक परीक्षा की तारीख तय कर दी है। इस बार 14 फरवरी को न तो मातृ-पितृ पूजन दिवस और न ही वैलेन्टाइन डे। हजारों युवा परीक्षा हॉल में दिखाई देंगे। कोविड के कारण वैसे भी त्यौहारों का हाल फीका है। होटल-गार्डन, स्कूल कॉलेज सब बंद रहे इसलिये प्यार की कोंपलें भी फूट नहीं पाईं। इन सबके चलते ऐसा लग रहा है कि इस बार रोज डे पर गुलाबों की बिक्री भी कमजोर रहेगी। वैलेंन्टाइन डे पर हंगामा करने वालों के पास भी कुछ कम काम रहेगा। वैसे भी पीएससी के इम्तेहान में जो कामयाब हो जायेगा, उसे तो मनमाफिक हमसफर वैसे भी मिल जाना है।

कोरोना का बहाना बनाये रखने के लिये

छत्तीसगढ़ से पैसेंजर और लोकल ट्रेनों को चलाने के लिये रेलवे ने राज्य सरकार से अनुमति मांगी है। हाईकोर्ट में लगाई गई एक जनहित याचिका के बाद रेलवे ने यह कदम उठाया है, जिसमें राज्य सरकार से पूछा गया है कि कोविड गाइडलाइन के मद्देनजर इन ट्रेनों को चलाने की अनुमति देने पर विचार करें। हैरानी यह है कि एक्सप्रेस और स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिये तो रेलवे ने कोई मंजूरी नहीं ली। दूसरे राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल और मुम्बई में तो उसने पहले ही राज्य सरकार की बिना मंजूरी लिये ही चालू कर दी। फिर छत्तीसगढ़ में ऐसा क्यों। स्वास्थ्य सचिव ने भी रेलवे से लगभग यही सब बातें पूछ लीं। दरअसल, रेल मंत्रालय के सर्कुलर में भी सिर्फ इतना कहा गया है कि राज्य सरकार को सूचना देनी है। अनुमति जैसी कोई बंदिश नहीं लगाई गई है। खुशखबरी यही है कि ग्रामीण और कम आय वालों को इस माह से ट्रेनों में सफर का में मौका मिल जायेगा।

टमाटर होने लगे लाल

टमाटर की भरपूर पैदाइश छत्तीसगढ़ की पहचान भी रही और इसकी सही कीमत नहीं मिलना भी किसानों को तकलीफदायक देता है। दिसम्बर, जनवरी में जब टमाटर खेतों से खूब निकले तो उत्पादकों को एक दो रुपये ही मिल पाते हैं। पर समस्या सिर्फ प्रबंधन का लगता है। रायगढ़ और जशपुर जिले में जिन दिनों टमाटर का थोक भाव 5 रुपये किलो था, उन्हीं दिनों में बेमेतरा, दुर्ग आदि जिलों में इसकी कीमत उत्पादन लागत से भी कम थी। रायगढ़, जशपुर के टमाटर की मांग झारखंड के रास्ते में कई राज्यों को भेजा जा रहा है। अब कुछ नई उम्मीद स मैदानी इलाके के टमाटर उत्पादकों के लिये भी दिखाई दे रही है। इन दिनों मध्यप्रदेश और कर्नाटक के थोक सब्जी व्यापारी टमाटर पर रुचि दिखा रहे हैं। इसकी कीमत वे क्वालिटी के हिसाब से 7 से 12 रुपये किलो तक दे रहे हैं। उम्मीद करनी चाहिये कि सरकारी भी इस मांग को समझकर नये उभर रहे बाजार को प्रोत्साहित करेगी।

दुनिया का सबसे पुराना?

लोग अपने इतिहास को लेकर बड़े दिलचस्प दावे करते हैं। रायपुर के महानदी प्रकाशन ने अपने बोर्ड में अपने को विश्व का प्रथम पुस्तक प्रकाशक लिखा है। आगे आप खुद समझदार हैं और आपका इतिहास का ज्ञान जिम्मेदार है। तस्वीर/‘छत्तीसगढ़’

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