राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : भाजपा एमएलए ने जगाया सरकार को
19-Mar-2025 2:43 PM
राजपथ-जनपथ : भाजपा एमएलए ने जगाया सरकार को

भाजपा एमएलए ने जगाया सरकार को 

यह एक ऐसा मामला है जिसमें यौन उत्पीडऩ के दोषी प्राध्यापक को न सिर्फ पदोन्नति दी गई, और उन्हें प्रदेश के सबसे पुराने शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय का प्राचार्य बना दिया गया।

पीडि़त महिला प्राध्यापक सात साल तक लड़ाई लड़ती रही। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, और जब मंगलवार को भाजपा सदस्य भावना बोहरा ने विधानसभा में मामला उठाया, तो सदस्य हैरान रह गए।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस गलती को माना और तीन दिन के भीतर कार्रवाई का भरोसा दिलाया। विवादों से घिरे आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ.जी.आर.चतुर्वेदी को पिछली सरकार के ताकतवर मंत्री का वरदहस्त रहा। यही वजह है कि उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं, उन्हें तमाम नियमों को दरकिनार पदोन्नत कर दिया गया, और सबसे पुराने आयुर्वेदिक कॉलेज का प्राचार्य भी बना दिया गया।

डॉ.चतुर्वेदी के खिलाफ कार्रवाई के लिए पीडि़त महिला प्राध्यापक ने राज्यपाल से लेकर तत्कालीन सीएम और स्वास्थ्य मंत्री तक गुहार लगाई। अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी प्रकरण को संज्ञान में लिया था। मगर प्राचार्य का बाल बांका नहीं हुआ। सदन में भावना बोहरा के तीखे सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने भरोसा दिलाया कि किसी भी तरह की प्रताडऩा के मामले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। अब स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद क्या कार्रवाई होती है, इस पर नजर है।

जांच समिति के सामने चुप्पी

नगर निगम सभापति चुनाव में भाजपा के बागी उम्मीदवार नूतन सिंह ठाकुर की जीत के बाद प्रदेश भाजपा ने जांच के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की। समिति का काम यह पता लगाना है कि 44 पार्षदों के रहते अधिकृत उम्मीदवार हितानंद अग्रवाल को हार का सामना क्यों करना पड़ा और पार्षदों ने बगावत क्यों की। कोरबा पहुंची समिति ने बैठक की, तो पार्षदों का रुख तयशुदा लग रहा था। पार्षदों ने समिति के सामने चुप्पी साध ली और बंद कमरे में अलग-अलग बातचीत से भी मना कर दिया। इधर, संयोजक चाहते थे कि हर पार्षद से अलग-अलग बातचीत कर स्थिति की तह तक पहुंचा जाए।

चुनाव के बाद यह सुगबुगाहट जरूर थी कि अधिकांश पार्षद हितानंद अग्रवाल को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन जब समिति के सामने बात रखने की बारी आई, तो कोई खुलकर सामने नहीं आया। इस मामले में मंत्री लखनलाल देवांगन को भी नोटिस जारी हुआ है, लेकिन विधानसभा सत्र के कारण वे कोरबा नहीं पहुंच सके।

समिति की बैठक से पहले ही एक ऑडियो क्लिप वायरल हो गई, जिसमें कथित रूप से हितानंद अग्रवाल के समर्थन और मंत्री लखनलाल देवांगन के खिलाफ पार्षदों से बयान दिलवाने के लिए प्रलोभन दिए जाने की बात सामने आई। यह भी कहा जा रहा है कि इस ऑडियो में काट-छांट की गई है, और अभी तक समिति के हाथ ओरिजिनल रिकॉर्डिंग नहीं लगी है।

यह पूरा घटनाक्रम भाजपा संगठन के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। एक ओर अनुशासनहीनता का सवाल है, तो दूसरी ओर बागी पार्षदों की बड़ी संख्या जिन्हें कथित रूप से मंत्री का भी आशीर्वाद मिला है।

बैज, या जुनेजा?

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सचिन पायलट रायपुर आए, तो पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने उनका स्वागत किया। खास बात यह है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के खिलाफ बयानबाजी पर जुनेजा को नोटिस जारी किया गया है, और उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा भी की गई है। मगर जुनेजा को जिस तरह पायलट ने महत्व दिया उससे जुनेजा पर कार्रवाई को लेकर संदेह है। पार्टी के कुछ लोगों का मानना है कि बैज पद पर रहेंगे या नहीं, यह तय नहीं है। ऐसे में जुनेजा पर कार्रवाई होगी, इसको लेकर संदेह है। देखना है आगे क्या होता है।

अनूठी ‘सुलूर’ बांसुरी, अब ऑनलाइन

बस्तर की समृद्ध लोक-संस्कृति में मोहरी, तुरही, बाजा जैसे कई पारंपरिक वाद्य यंत्र खास पहचान रखते हैं, लेकिन इनमें से ‘सुलूर’ यानी पवन बांसुरी बेहद खास है। यह वाद्य यंत्र काष्ठ कला का उत्कृष्ट नमूना है और इसे एक विशेष प्रकार के बांस से तैयार किया जाता है।

सामान्य बांसुरी के विपरीत, सुलूर से सुर निकालने के लिए मुंह से हवा फूंकने की जरूरत नहीं पड़ती। इसे हाथ में लेकर घुमाया जाता है और घुमाने की गति व समय का सही समन्वय होने पर मधुर धुन निकलती है। इसके निर्माण में बांस की नली पर सुराख किए जाते हैं, जो खुद एक अनूठा कौशल है। बांसुरी पर सुंदर और कलात्मक नक्काशी भी उकेरी जाती है, जिससे यह देखने में भी आकर्षक लगती है।पारंपरिक रूप से मवेशी चराते समय यह बांसुरी बजाई जाती है, लेकिन इसे त्योहारों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अन्य समारोहों में भी उपयोग किया जाता है।  

लोकप्रियता बढऩे के साथ अब यह अनोखी बांसुरी ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी उपलब्ध है, जहां इसे 6,000 से 7,000 रुपये में बेचा जा रहा है। जी-20 सम्मेलन के पंडाल में भी इसका प्रदर्शन किया गया था, जहां इसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया।

(rajpathjanpath@gmail.com)


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